बाह्य झटकों का सामना करने के लिए बेहतर स्थिति में भारतः पात्रा
By भाषा | Updated: November 15, 2021 20:08 IST2021-11-15T20:08:42+5:302021-11-15T20:08:42+5:30

बाह्य झटकों का सामना करने के लिए बेहतर स्थिति में भारतः पात्रा
नयी दिल्ली, 15 नवंबर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा ने सोमवार को कहा कि भारत बढ़ते भू-राजनीतिक तनावों, कोविड महामारी और जलवायु परिवर्तन से पैदा होने वाले बाह्य झटकों का सामना करने के लिए कहीं बेहतर स्थिति में है।
पात्रा ने दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स और भारतीय सांख्यिकीय संस्थान द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में कहा कि अपने वृहत-आर्थिक बुनियादी तत्वों के सुधरने से भारत बाह्य झटकों का सामना करने के लिए आज कहीं बेहतर स्थिति में है।
उन्होंने कहा, ‘‘बाह्य क्षेत्र के संकेतक इस ओर इशारा करते हैं कि हमारे पास बाहरी झटकों से निपटने के लिए पर्याप्त समर्थन है।’’ उन्होंने कहा कि भारत को बाहरी झटकों का असर कम करने के लिए अपनी वृहत-आर्थिक मजबूती का इस्तेमाल करना होगा।
पात्रा ने कहा, ‘‘मैं वृहत-आर्थिक संकेतकों की मजबूती को एक चुनौती के रूप में देखता हूं क्योंकि अंतरराष्ट्रीय परिवेश बिगड़ रहा है। भू-राजनीतिक तनावों के अलावा कोविड महामारी के गहरे जख्म और जलवायु परिवर्तन की अपरिहार्यता भी माहौल बिगाड़ रही है।’’
हालांकि, उन्होंने यह कहा कि इस समय दुनियाभर की सरकारें महामारी काल से हटकर अब अपनी नीतियों को अधिक सामान्य रूप दे रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इस नीतिगत बदलाव के असर से भारत भी अछूता नहीं रह सकता है। लिहाजा बाह्य क्षेत्र की व्यवहार्यता भी अहम है।’’
रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर ने कहा कि भारत इस समय दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। क्रयशक्ति क्षमता के हिसाब से भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2040 तक भारत के दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का अनुमान है।
पात्रा ने कहा, ‘‘भारत को ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) देशों के साथ मिलकर एक वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनने की दिशा में मौजूद आखिरी चुनौती के लिए तैयार होना होगा।’’ भारत इसी साल ब्रिक्स समूह का अध्यक्ष बना है।
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