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भारत दुनिया में सबसे तेजी से कोविड के प्रभाव से उबरने वाली अर्थव्यवस्था : अमित शाह

By भाषा | Updated: December 4, 2021 17:49 IST

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नयी दिल्ली, चार दिसंबर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि दुनिया में भारत की अर्थव्यवस्था सबसे तेजी से कोविड-19 महामारी के प्रभाव से उबरी है और ऐसा नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लिए गए नीतिगत फैसलों के कारण संभव हुआ है।

शाह ने शनिवार को यहां ‘हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट’ में मुख्य वक्ता के रूप में अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते रहे हैं कि कोरोना के बाद की दुनिया में भारत के पास ढेरों अवसर होंगे।

शाह ने कहा कि उन्होंने भांप लिया था कि आर्थिक सुस्ती दुनिया को प्रभावित करेगी, लेकिन सरकार के नीतिगत फैसलों ने सुनिश्चित किया कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में गिरावट से भारत अछूता रहा।

उन्होंने कहा, ‘‘यह मोदी सरकार के नीतिगत फैसलों का नतीजा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था दुनियाभर में कोरोना के प्रभाव से सबसे तेजी से बाहर निकली है।’’

कोरोना वायरस के नए प्रकार ओमीक्रोन पर उन्होंने कहा कि सरकार संबंधित घटनाक्रम पर कड़ी नजर रखे हुए है।

शाह ने कहा कि सरकार स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए अगले तीन वर्षों में 15 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने को लेकर प्रतिबद्ध है, 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन और 130 करोड़ लोगों को मुफ्त टीकाकरण प्रदान किया जा रहा है, इसके बावजूद राजकोषीय घाटा नियंत्रण में है।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि देश वैश्विक व्यवस्था में अपना अहम स्थान पाएगा और प्रधानमंत्री मोदी का देश को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का सपना साकार होगा।’’

गृह मंत्री ने कहा कि देश ने केंद्र और राज्यों में कांग्रेस और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकारों को और राज्यों में समाजवादियों और कम्युनिस्टों की सरकारों को देखा है, अब अर्थव्यवस्था के विशेषज्ञों को आंकड़ों के विश्लेषण से तुलना करनी चाहिए कि विकास कार्य करने में किस सरकार ने बेहतर प्रदर्शन किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि यह अर्थशास्त्र के पंडितों का कर्तव्य है कि वे इस तुलना को लोगों के सामने लाएं ताकि वे चुनाव के समय फैसला कर सकें। परिणाम आपकी सोच के अनुसार नहीं हो सकता है, लेकिन इतनी पारदर्शिता होनी चाहिए।’’

शाह ने कहा कि 2014 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद 80 करोड़ लोगों को बैंक खाते खोलकर और अन्य सुविधाएं देकर मुख्यधारा में लाया गया।

उन्होंने कहा कि ऐसी नीतियां न केवल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि में मदद करती हैं बल्कि लोगों की समस्याओं का समाधान भी करती हैं।

शाह ने अर्थशास्त्रियों से सवाल किया कि क्या प्रत्येक परिवार के लिए जलापूर्ति और रसोई गैस सिलेंडर तथा 10 करोड़ शौचालय बनाने से सकल घरेलू उत्पाद बढ़ेगा या नहीं। उन्होंने कहा कि इस तरह की नीतियों से न केवल जीडीपी बढ़ती है बल्कि लोगों के सामने आ रही समस्याओं का भी हल होता है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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