सरकार के विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सुधारों से वृद्धि के नये युग की शुरुआत होगी: कांत

By भाषा | Updated: November 23, 2020 16:15 IST2020-11-23T16:15:29+5:302020-11-23T16:15:29+5:30

Important reforms in various areas of government will usher in a new era of growth: Kant | सरकार के विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सुधारों से वृद्धि के नये युग की शुरुआत होगी: कांत

सरकार के विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सुधारों से वृद्धि के नये युग की शुरुआत होगी: कांत

नयी दिल्ली, 23 नवंबर नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने राजकाज और आर्थिक मोर्चे पर महत्वपूर्ण सुधारों को आगे बढ़ाया है, इससे वृद्धि और समृद्धि के एक नये युग की शुरुआत होगी।

उन्होंने अनुसंधान और विकास पर खर्च बढ़ाने तथा बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) कानून को मजबूत बनाने की जरूरत पर भी बल दिया।

कांत ने कहा, ‘‘सरकार ने आर्थिक और राजकाज के मोर्चे पर जो सुधार किये हैं, वे अभूतपूर्व हैं। इससे वृद्धि और समृद्धि के एक नये युग की शुरुआत होगी।’’

उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के वर्चुअल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हम राज्यों को कारोबार सुगमता मानदंडों पर प्रतिस्पर्धी बना रहे हैं। हम इस मामले में राज्यों की रैंकिंग कर रहे हैं। खामियों के बारे में उन्हें बताया जा रहा है ताकि चीजों को दुरुस्त किया जा सके। ’’

हाल के समय में सरकार द्वारा किये गये सुधारों का जिक्र करते हुए कांत ने कहा कि जब दुनिया आर्थिक वृद्धि में गिरावट से जूझ रही है, भारत ने कृषि, श्रम और खनन क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधारों को आगे बढ़ाया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘श्रम सुधारों से भारत को विनिर्माण केंद्र बनाने में मदद मिलेगी। भारत ने वैश्विक नवप्रवर्तन सूचकांक में भी अपनी रैंकिंग बेहतर की है।’’

नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि वैश्विक स्तर पर चुनौतियों के बावजूद भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 2013-14 के 36 अरब डॉलर से बढ़कर 2019-20 में 74 अरब डॉलर पहुंच गया।

उन्होंने कहा कि वृद्धि के लिये बुनियादी ढांचा महत्वपूर्ण है। राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा पाइपलाइन (एनआईपी) के जरिये 1.5 लाख करोड़ डॉलर का निवेश होना है। इसमें से 21 प्रतिशत निजी क्षेत्र से आएगा।

कांत ने कहा कि जो परियोजनाएं पाइपलाइन में है, उसको लेकर काम जारी है। 40 प्रतिशत परियोजनाएं क्रियान्वयन के स्तर पर हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि संपत्ति को बाजार पर चढ़ाने की पहल से दीर्घकालीन निवेश के अवसर बढ़ेंगे। ‘‘हमनें कई परिसंपत्तियों को बाजार पर चढ़ाने का निर्णय किया है। इसमें गैस पाइपलाइन, राजमार्ग, बंदरगाह, हवाईअड्डे शामिल हैं।’’

कांत ने कहा कि पूंजी निवेश के लिये राजस्व जुटाने को लेकर रणनीतिक विनिवेश एक और महत्वपूर्ण जरिया है।

उन्होंने कहा कि अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध को देखते हुए, यूरोपीय और अमेरिकी कंपनियां दूसरा विकल्प अपनाएंगी। भारत को इस संकट को अवसर में बदलना चाहिए।

कांत ने कहा कि सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों के लिये 10 उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजनाओं (पीएलआई) को मंजूरी दी है। इस पर 1.96 लाख करोड़ रुपये का व्यय अनुमानित है।

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