विनिर्माण क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन से जुलाई माह में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि कमजोर पड़कर 4.3 प्रतिशत रह गयी।
बृहस्पतिवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आधार पर मापी जाने वाली औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर एक साल पहले जुलाई में 6.5 प्रतिशत रही थी। आईआईपी में विनिर्माण क्षेत्र में नरमी देखी गयी।
जुलाई महीने में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि 4.2 प्रतिशत रही जबकि एक साल पहले इसमें 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। बिजली उत्पादन में आलोच्य महीने में 4.8 प्रतिशत की वृद्धि रही जबकि एक साल पहले जुलाई महीने में यह 6.6 प्रतिशत थी। हालांकि, खनन क्षेत्र की वृद्धि दर इस साल जुलाई में बढ़कर 4.9 प्रतिशत रही जो पिछले वर्ष इसी महीने में 3.4 प्रतिशत रही थी।
खुदरा मुद्रास्फीति अगस्त में मामूली बढ़कर 3.21 प्रतिशत हुई
खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ने से अगस्त महीने में खुदरा मुद्रास्फीति मामूली बढ़कर 3.21 प्रतिशत पर पहुंच गयी। इससे पिछले महीने जुलाई में यह 3.15 प्रतिशत थी। आधिकारिक आंकड़ों में बृहस्पतिवार को इसकी जानकारी दी गयी।
पिछले साल अगस्त में खुदरा मुद्रास्फीति 3.69 प्रतिशत रही थी। इस लिहाज से पिछले साल अगस्त माह के मुकाबले इस साल अगस्त में खुदरा मुद्रास्फीति नीचे बनी हुई है। हालांकि, यह अभी भी रिजर्व बैंक द्वारा तय दायरे के भीतर है।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त महीने में खाद्य सामग्री वर्ग में 2.99 प्रतिशत मूल्य वृद्धि रही, जो जुलाई में 2.36 प्रतिशत थी। रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति चार प्रतिशत के दायरे में रखने का लक्ष्य दिया गया है। रिजर्व बैंक अपनी द्वैमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में खुदरा मुद्रास्फीति को ही अपने विश्लेषण में शामिल करता है।