New IT Rule: आज से अगर आप इतने रकम का करते है लेनदेन तो आपको पैन और आधार कार्ड को दिखाना होगा अनिवार्य, यहां पाएं पूरी जानकारी
By आजाद खान | Published: May 26, 2022 05:47 PM2022-05-26T17:47:51+5:302022-05-26T17:52:15+5:30
इस अधिसूचना में कहा गया है, "दूसरी श्रेणी में आने वाले कस्टमर को ऐसे ट्रांजैक्शन के वक्त अपने डॉक्यूमेंट्स में अपना पैन नंबर या आधार नंबपर बताना होगा। तीसरी श्रेणी के कस्टमर को, जिसे ऐसा कोई डॉक्यूमेंट मिलता है, उसे यह सुनिश्चित करना होगा कि दिया गया नंबर सही और प्रामाणिक हो।"
New Rule of Income Tax: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने आज से बैंकिंग ट्रांजेक्शन के लिए ग्राहक को अपने पैन और आधार से जुड़ी जानकारी बैंक से साझा करना अब अनिवार्य कर दिया है। यह नया नियम उन लोगों पर लागू होगा जो एक साल में 20 लाख रुपये से ज्यादा के बैंकिंग ट्रांजेक्शन करते है। आपको बता दें कि यह नियम ऑपरेटिव बैंक और पोस्ट ऑफिस अकाउंट वालों पर भी लागू होंगे। इसके साथ ही इस नियम को करंट अकाउंट खोलने वालों को भी मानना होगा। साथ ही साथ यह भी कहा जा रहा है कि अगर आप ऐसा ट्रांजेक्शन करते है तो इसके लिए आपको सात दिन पहले से पैन कार्ड को अप्लाई करना होगा। ये नियम आज से लागू कर दिए गए हैं।
क्या है नया नियम
आपको बता दें कि यह नियम तीन तरह के ट्रांजैक्शन पर लागू होंगे। जो कोई भी व्यक्ति किसी भी बैंकिंग संस्था, कोऑपरेटिव बैंक और पोस्ट ऑफिस के साथ एक वित्त वर्ष में 20 लाख या उससे ज्यादा के अमाउंट का कैश डिपॉजिट या कैश विथड्रॉल करता है तो उसे अपना पैन और आधार कार्ड देना होगा। यही नहीं किसी भी बैंकिंग संस्था, कोऑपरेटिव बैंक और पोस्ट ऑफिस के साथ किसी व्यक्ति के करंट अकाउंट या कैश क्रेडिट अकाउंट खोलने पर भी यह नियन लागू होंगे।
वहीं इस अधिसूचना के मुताबिक, "दूसरी श्रेणी में आने वाले कस्टमर को ऐसे ट्रांजैक्शन के वक्त अपने डॉक्यूमेंट्स में अपना पैन नंबर या आधार नंबपर बताना होगा। तीसरी श्रेणी के कस्टमर को, जिसे ऐसा कोई डॉक्यूमेंट मिलता है, उसे यह सुनिश्चित करना होगा कि दिया गया नंबर सही और प्रामाणिक हो।"
क्यों लागू हुआ यह नियम
इस नियम को लागू करने के पीछे पैसों के अज्ञात लेन-देन पर रोक लगाना है। हालांकि इससे पहले जो कोई भी एक दिन में 50,000 से ज्यादा कैश डिपॉजिट करता था तो उसे अपना पैन कार्ड देना पड़ता था, लेकिन इसमें कोई वार्षिक कैश विथड्रॉल या डिपॉजिट पर रोक नहीं थी।