सरकार की बैठक में किसान फिर से अपने खुद का खाना और चाय लाये

By भाषा | Updated: December 5, 2020 19:58 IST2020-12-05T19:58:20+5:302020-12-05T19:58:20+5:30

Farmers again bring their own food and tea to the government meeting | सरकार की बैठक में किसान फिर से अपने खुद का खाना और चाय लाये

सरकार की बैठक में किसान फिर से अपने खुद का खाना और चाय लाये

नयी दिल्ली, पांच दिसंबर तीन नए कृषि कानूनों को खत्म करने की मांग को लेकर, सरकार के साथ शनिवार को पांचवीं बार की बैठक में किसान संघ के नेताओं ने अपनी खुद की चाय और भोजन ही लिया। खाने पीने की इन सामग्रियों को सिंघू सीमा के पास के अपने लंगर (सामुदायिक रसोई) से लाया गया जहां हजारों किसान एक सप्ताह से अधिक समय से विरोध प्रदर्शन करने के लिए जुटे हुए हैं।

पांचवें दौर की वार्ता दोपहर 2.30 बजे शुरू हुई और इसमें विभिन्न किसान संगठनों के 40 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

किसान यूनियनों के नेताओं ने कहा कि वार्ता के दौरान भोजन के समय विज्ञान भवन में सरकार द्वारा की गई खाने की व्यवस्था के बजाय अपने खुद के द्वारा लाये गए भेजन और चाय आदि को ग्रहण किया ।

बृहस्पतिवार को अपनी पिछली बैठक के दौरान, किसान नेताओं के पास अपना दोपहर का भोजन, चाय और यहां तक ​​कि पानी भी था।

किसान नेताओं ने इससे पहले बृहस्पतिवार को सरकार से कहा था कि वे दोपहर के भोजन की पेशकश करके एक अच्छा मेजबान बनने की कोशिश करने के बजाय मुद्दों को हल करने पर ध्यान केंद्रित करें।

हजारों किसान इन कृषि कानूनों के खिलाफ अपने विरोध प्रदर्शन के तहत राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं।

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेलवे, वाणिज्य और खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश, जो पंजाब से सांसद हैं, विज्ञान भवन में किसान समूहों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की।

सितंबर में लागू किये गये इन कानूनों को, सरकार बिचौलियों को खत्म करने वाला और किसानों को देश में कहीं भी अपनी ऊपज बेचने की अनुमति देने वाले कानून को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के रूप में प्रस्तुत कर रही है।

हालांकि, प्रदर्शनकारी किसान इस बात को लेकर चिंतित हैं कि नए कानून की वजह से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और खरीद प्रणाली की सुरक्षा खत्म हो जायेगी, जबकि मंडी प्रणाली को निरर्थक बना देगा जो कृषि क्षेत्र में विभिन्न अंशधारकों की कमाई को सुनिश्चित करता है।

बुधवार को, आंदोलनकारी किसानों ने मांग की कि केंद्र सरकार, संसद का एक विशेष सत्र बुलाए और किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020 सहित सभी नये कृषि कानूनों को रद्द करे। इनमें मूल्य आश्वासन एवं कृषि सेवा अधिनियम, 2020 पर किसान (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) समझौता और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 कानून को भी रद्द करने की मांग शामिल है।

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Web Title: Farmers again bring their own food and tea to the government meeting

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