टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने भारत में लांच को लेकर दी अहम जानकारी, सरकार पर दिया बड़ा बयान
By मनाली रस्तोगी | Published: January 13, 2022 11:57 AM2022-01-13T11:57:22+5:302022-01-13T11:59:34+5:30
भारत में टेस्ला के लांच को लेकर सीईओ एलन मस्क का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने भारतीय बाजार में टेस्ला की एंट्री को लेकर अहम जानकारी दी है।
नई दिल्ली:टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने भारत में लांच को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। दरअसल, भारतीय चाहते हैं कि जल्द से जल्द देश में भी टेस्ला का प्रवेश हो, जिसकी वजह से कई बार ऐसी खबरें सामने आ चुकी हैं कि देश में जल्द ही टेस्ला की एंट्री होने वाली है। मगर अब इस मामले में एक नया डेवलपमेंट सामने आया है, जिसकी पुष्टि खुद मस्क ने की है। बता दें कि ट्वीट के जरिये प्रणय पाथोले नामक एक यूजर ने मस्क से सवाल किया था।
Yo @elonmusk any further update as to when Tesla's will launch in India? They're pretty awesome and deserve to be in every corner of the world! pic.twitter.com/J7fU1HMklE
— Pranay Pathole (@PPathole) January 12, 2022
अपने ट्वीट में पाथोले ने मस्क से पूछा था, 'एलन मस्क भारत में टेस्ला की लॉन्चिंग के बारे में कोई और अपडेट? यह बहुत बढ़िया हैं और दुनिया के हर कोने में रहने के लायक हैं!' इसके जवाब में एलन मस्क ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'अभी भी सरकार के साथ कई चुनौतियों का सामना कर रहा हूं।' ऐसे में मस्क ने उन सबकी अटकलों पर विराम लगा दिया, जिसमें दावा किया जा रहा था कि टेस्ला जल्द ही भारत में शानदार एंट्री करने वाली है। मस्क के ट्वीट से यह बात साफ हो गई है कि अपनी कार को लांच करने के लिए उन्हें भारत में 'कई चुनौतियों' का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही, उनकी कंपनी इस मामले में लगातार भारत सरकार के साथ काम कर रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हाल-फिलहाल में मस्क ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कंपनी के भारतीय बाजार में प्रवेश करने से पहले ईवी पर आयात कर में कटौती करने का आग्रह किया था। दरअसल, भारत में आयातित कारों पर 60 प्रतिशत से 100 प्रतिशत के बीच सीमा शुल्क है। मस्क ने यह भी कहा था कि भारत में टैक्स दुनिया में सबसे ज्यादा है और इसलिए, भारतीय ईवी बाजार में प्रवेश करने से पहले वो चाहते हैं कि इसमें कटौती की जाए। हालांकि, मस्क का ये बयान बहुत सारे भारतीय ऑटोमोबाइल निर्माताओं को पसंद नहीं आया था क्योंकि उनका मानना था कि यह स्थानीय विनिर्माण में निवेश को हतोत्साहित कर सकता है।