लाइव न्यूज़ :

कोरोना वायरस संकट के चलते घरेलू सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में गिरावट

By भाषा | Updated: April 6, 2020 14:50 IST

पीएमआई सूचकांक का 50 अंक से नीचे रहना गतिविधियों में संकुचन जबकि 50 अंक से ऊपर रहना बढ़त के रुख को दिखाता है। सर्वेक्षण के लिए आंकड़े 12 से 27 मार्च के बीच जुटाए गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कोरोना वायरस के सामुदायिक फैलाव को रोकने के लिए 14 अप्रैल तक 21 दिन का लॉकडाउन (सार्वजनिक पाबंदी) की घोषणा की थी।

Open in App
ठळक मुद्देदेश के सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में मार्च में गिरावट देखी गयी।कोरोना वायरस संकट के चलते मांग में आयी कमी की वजह से सेवा क्षेत्र में यह संकुचन देखा गया।

नयी दिल्ली: देश के सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में मार्च में गिरावट देखी गयी। एक मासिक सर्वेक्षण के मुताबिक कोरोना वायरस संकट के चलते मांग में आयी कमी की वजह से सेवा क्षेत्र में यह संकुचन देखा गया। कंपनियों के खरीद प्रबंधकों के बीच किए जाने वाले मासिक सर्वेक्षण ‘आईएचएस मार्किट इंडिया सर्विसेस बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स’ (पीएमआई सेवा) की सोमवार को जारी मार्च की रिपोर्ट में यह आंकड़े सामने आए। मार्च में पीएमआई सेवा सूचकांक 49.3 अंक पर रहा, जो फरवरी में 85 महीनों के उच्च स्तर पर पहुंचकर 57.5 अंक था।

पीएमआई सूचकांक का 50 अंक से नीचे रहना गतिविधियों में संकुचन जबकि 50 अंक से ऊपर रहना बढ़त के रुख को दिखाता है। सर्वेक्षण के लिए आंकड़े 12 से 27 मार्च के बीच जुटाए गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कोरोना वायरस के सामुदायिक फैलाव को रोकने के लिए 14 अप्रैल तक 21 दिन का लॉकडाउन (सार्वजनिक पाबंदी) की घोषणा की थी। इस वजह से सेवा क्षेत्र की मांग में व्यापक कमी देखी गयी है। आईएचएस मार्किट के अर्थशास्त्री जो हाएस ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस महामारी के भारतीय सेवा क्षेत्र पर असर का अब तब पूरी तरह आकलन नहीं किया जा सका है। निश्चित तौर पर अभी और बुरी स्थिति होनी बाकी है। लॉकडाउन की वजह से देशभर में दुकानें बंद हैं। इससे सेवा क्षेत्र पर भारी दबाव है।’’

सर्वेक्षण के मुताबिक घरेलू मांग में कमी के साथ-साथ सेवाओं का निर्यात भी कोरोना वायरस की वजह से प्रभावित हुआ है। सितंबर 2019 के बाद सेवा क्षेत्र की भारतीय कंपनियों की ऑर्डर बुक में मार्च में पहली बार गिरावट देखी गयी।

हाएस ने कहा कि सार्वजनिक बंद से सामने आने वाली आर्थिक चुनौती से निपटने का दबाव अब पूरी तरह सरकार पर होगा। इस बीच एकीकृत पीएमआई उत्पादन सूचकांक मार्च में 50.6 अंक पर रहा। फरवरी में यह 57.6 अंक था। यह सूचकांक संयुक्त तौर पर विनिर्माण गतिविधियों और सेवा क्षेत्र की गतिविधियों के रुख को देखता है। 

टॅग्स :कोरोना वायरस
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यCOVID-19 infection: रक्त वाहिकाओं 5 साल तक बूढ़ी हो सकती हैं?, रिसर्च में खुलासा, 16 देशों के 2400 लोगों पर अध्ययन

भारत'बादल बम' के बाद अब 'वाटर बम': लेह में बादल फटने से लेकर कोविड वायरस तक चीन पर शंका, अब ब्रह्मपुत्र पर बांध क्या नया हथियार?

स्वास्थ्यसीएम सिद्धरमैया बोले-हृदयाघात से मौतें कोविड टीकाकरण, कर्नाटक विशेषज्ञ पैनल ने कहा-कोई संबंध नहीं, बकवास बात

स्वास्थ्यमहाराष्ट्र में कोरोना वायरस के 12 मामले, 24 घंटों में वायरस से संक्रमित 1 व्यक्ति की मौत

स्वास्थ्यअफवाह मत फैलाओ, हार्ट अटैक और कोविड टीके में कोई संबंध नहीं?, एम्स-दिल्ली अध्ययन में दावा, जानें डॉक्टरों की राय

कारोबार अधिक खबरें

कारोबारGold Rate Today: महंगा हुआ सोना, जानें 8 दिसंबर 2025 को दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर, चेन्नई, हैदराबाद और कोलकाता में सोने की कीमत

कारोबारविधानसभा में 75,286 करोड़ रुपये की अनुपूरक मांगें पेश, वित्त मंत्री अजित पवार ने कहा-किसान राहत, सब्सिडी और सामाजिक कल्याण योजनाओं पर होंगे खर्च

कारोबारझारखंड 2026ः वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने 7,721.25 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया

कारोबारनवंबर 2025 में बैंक आवास ऋण 9 लाख करोड़ रुपये के पार, एसबीआई की उम्मीद-चालू वित्त वर्ष में कुल ऋण वृद्धि 14 प्रतिशत रहेगी

कारोबारगोल्ड में पैसा लगाओ और मालामाल हो जाओ?, सोने की चमक बरकरार, 67 प्रतिशत का रिटर्न, 2026 में सोने की कीमत 5 से 16 प्रतिशत प्रति 10 ग्राम और चढ़ सकती?