CBI की सबसे बड़ी जांच! DHFL से जुड़ा मामला, 34615 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप, जानिए इस बारे में
By विनीत कुमार | Published: June 24, 2022 12:45 PM2022-06-24T12:45:42+5:302022-06-24T13:55:05+5:30
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की अगुवाई में 17 बैंकों के समूह की ओर से शिकायत के बाद सीबीआई की ओर से कार्रवाई करते हुए मामले दर्ज किए गए हैं। सीबीआई की जांच के दायरे में आई अब तक की सबसे बड़ी बैंक धोखाधड़ी का मामला है।
नई दिल्ली: सीबीआई ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड, इसके पूर्व सीएमडी कपिल वधावन, निदेशक धीरज वधावन और अन्य के खिलाफ 34,615 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी के लिए मामला दर्ज किया है। ऐसे में यह एजेंसी की जांच के दायरे में आई अबतक की सबसे बड़ी बैंक धोखाधड़ी का मामला है।
20 जून को मामला दर्ज होने के बाद, एजेंसी के 50 से अधिक अधिकारियों की एक टीम ने बुधवार को मुंबई में एफआईआर-सूचीबद्ध आरोपियों से संबंधित 12 परिसरों में तलाशी ली। इसमें अमरेलिस रियल्टर्स (Amaryllis Realtors) के सुधाकर शेट्टी और आठ अन्य बिल्डर के नाम भी शामिल हैं।
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की अगुवाई में 17 बैंकों के समूह की ओर से शिकायत के बाद यह कार्रवाई की गई है। इन सभी ने 2010 से 2018 के बीच 42,871 करोड़ रुपये की ऋण सुविधाएं दी थी।
बैंकों ने आरोप लगाया है कि कपिल और धीरज वधावन ने आपराधिक साजिश के तहत दूसरों के साथ मिलकर तथ्यों को छुपाया, गलत तथ्य पश किए और विश्वासघात किया। आरोपों के अनुसार इन्होंने मई 2019 से ऋण चुकाने में चूक करके 34,614 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की और सार्वजनिक पैसे का दुरुपयोग किया।
सीबीआई ने बैंक से 11 फरवरी, 2022 को मिली शिकायत के आधार पर कार्रवाई की है। अधिकारियों के अनुसार डीएचएफएल के खाता बही के ऑडिट से पता चला है कि कंपनी ने कथित तौर पर वित्तीय अनियमितताएं कीं, पैसों को डायवर्ट किया, गलत तथ्य रखे जनता के पैसे का दुरुउपयोग करके 'कपिल और धीरज वधावन के लिए संपत्ति बनाने' में इसका इस्तेमाल किया गया। दोनों फिलहाल अपने खिलाफ पिछले कुछ धोखाधड़ी के मामलों में न्यायिक हिरासत में हैं।