असम तेल कुएं में आग के मामले में न्यायालय ने पर्यावरण नुकसान आकलन के लिये समिति का पुनर्गठन किया

By भाषा | Published: September 2, 2021 10:52 PM2021-09-02T22:52:00+5:302021-09-02T22:52:00+5:30

Court reconstitutes committee for environmental damage assessment in case of Assam oil well fire | असम तेल कुएं में आग के मामले में न्यायालय ने पर्यावरण नुकसान आकलन के लिये समिति का पुनर्गठन किया

असम तेल कुएं में आग के मामले में न्यायालय ने पर्यावरण नुकसान आकलन के लिये समिति का पुनर्गठन किया

उच्चतम न्यायालय ने असम के बाघजन तेल कुएं में पिछले वर्ष लगी भीषण आग के मामले में एनजीटी द्वारा गठित 10 सदस्यीय समिति से असम के मुख्य सचिव और ऑयल इंडिया लि. (ओआईएल) के प्रबंध निदेशक को हटाते हुए पांच सदस्यीय नई समिति का गठन किया है। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ओआईएल के बाघजन तेल कुएं में पिछले साल लगी भीषण आग से हुई पर्यावरणीय क्षति का आकलन करने के बाद उपचारात्मक कार्रवाई के बारे में सुझाव देने के लिये इस समिति का गठन किया गया है। शीर्ष न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि नई समिति की अध्यक्षता गुवाहटी उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीपी कटके करेंगे। इससे पहले नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा 10 सदस्यीय समिति का गठन किया गया था, जिसमें असम के मुख्य सचिव को अध्यक्ष और ओआईएल के प्रबंध निदेशक को समिति में सदस्य के तौर पर शामिल किया गया था। गौरतलब है कि बाघजन तेल के कुएं में आग लगने से आस-पास के क्षेत्र में वनस्पतियों और जीवों को बड़ा नुकसान हुआ। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति हेमा कोहली की पीठ ने ओआईएल को नयी समिति के खर्च के लिए 50 लाख रुपये जमा करने का निर्देश भी दिया है। पीठ ने कहा कि समिति जैव विविधता और पर्यावरण को हुए नुकसान का अंतिम मूल्यांकन करने के बाद अपनी अंतरिम रिपोर्ट पेश करेगी, ताकि जल्द से जल्द उचित उपाय किए जा सकें। पीठ ने कहा, ‘‘एनजीटी ने 10 सदस्यों वाली एक बड़ी समिति का गठन किया था। इतने सदस्यों वाली समिति को कम अंतराल पर बुलाना मुश्किल हो सकता है।’’ पीठ ने एनजीटी द्वारा समिति में असम के मुख्य सचिव को अध्यक्ष बनाये जाने और आयल इंडिया के प्रबंध निदेशक को सदस्य के तौर पर शामिल किये जाने को लेकर एतराज जताया था। इसके बाद पीठ ने इसके स्थान पर पांच सदस्यों वाली नई समिति के गठन का आदेश दिया। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि समिति द्वारा अंतरिम रिपोर्ट एक महीने के भीतर न्यायालय को सौंपी जाएगी और उसके एक सप्ताह बाद मामले को सूचीबद्ध किया जाएगा। साथ ही समिति उपचारात्मक उपाय करने और रिपोर्ट में अंतिम उपचारात्मक उपायों का सुझाव देने के लिए भी स्वतंत्र है।

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Web Title: Court reconstitutes committee for environmental damage assessment in case of Assam oil well fire

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