lockdown-4: देशभर में 4.5 करोड़ दुकानें खुलीं, कैट ने कहा- दिल्ली सरकार ‘ऑड-ईवन’ नियम पर दोबारा करे विचार
By भाषा | Published: May 19, 2020 03:10 PM2020-05-19T15:10:13+5:302020-05-19T15:10:13+5:30
देश भर में लॉकडाउन में कुछ ढील दिया गया है। राजधानी दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों में बाजार खुल गए। चौथा लॉकडाउन 31 मई तक चलेगा। देश में कोराना का मामला लगातार बढ़ रहा है।
नई दिल्लीः छोटे व्यापारियों के संगठन कैट ने दिल्ली सरकार को पत्र लिखकर दुकानें खोलने के ‘ऑड-ईवन’ नियम पर पुनर्विचार का अनुरोध किया। साथ ही जानकारी दी कि मंगलवार तक देशभर में करीब 4.5 करोड़ दुकानें फिर खुल चुकी हैं।
नगर निगमों को बाजारों में साफ-सफाई सुनिश्चित करने के लिए स्वच्छता अभियान चलाना चाहिए। कंफडेरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर दुकान खोलने के ऑड-इवन नियम पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है। क्योंकि इस व्यवस्था से दिल्ली में मंगलवार को मात्र पांच लाख दुकानें ही खुल पायीं। कैट ने कहा कि हालांकि दिल्ली समेत देशभर के किसी भी वाणिज्यिक बाजार में कोई व्यापार नहीं हुआ।
क्योंकि दुकानदारों ने लंबी अवधि के लॉकडाउन के बाद दुकानें खोलीं हैं और वह साफ-सफाई में व्यस्त हैं। कैट ने कहा कि दुकानों पर काम करने वाले नौकरों की भी कमी है क्योंकि 70 प्रतिशत से अधिक कार्यबल अपने मूल निवास स्थानों की ओर लौट चुका है।
कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, ‘‘ दिल्ली में अधिकतर व्यापारी और व्यापार संघ ऑड-इवन फॉर्मूला के आधार पर दुकानें खोलने के पक्ष में नहीं हैं। व्यापारियों का कहना है कि यह नियम दुकानों को पूरी तरह से खोलने से रोकेगा और इससे व्यापारियों को बहुत दुविधा होगी।’’
उन्होंने सुझाव दिया कि दिल्ली में बाजारों को दस हिस्सों में बांट देना चाहिए। इसमें से पांच हिस्से के बाजार सुबह आठ से एक बजे तक और बाकी पांच हिस्से के बाजार एक बजे से शाम पांच बजे तक खोले जा सकते हैं। या फिर इन्हें एक दिन छोड़कर एक दिन खोला जा सकता है।
कोविड-19: चार भारतीय कंपनियों सहित वैश्विक उद्योग जगत ने ‘ग्रीन इकनॉमी’ की ओर बढ़ने की अपील की
चार भारतीय कंपनियां उन 150 वैश्विक निगमों में शामिल हैं, जिन्होंने दुनिया भर की सरकारों से अपील की है कि वे अपने कोविड-19 आर्थिक प्रोत्साहनों और सुधार के प्रयासों को जलवायु विज्ञान के साथ जोड़ें, ताकि ‘हरित अर्थव्यवस्था’ (ग्रीन इकनॉमी) की ओर तेजी से बढ़ा जा सके।
ग्रीन इकनॉमी का आशय ऐसी व्यवस्था से है, जहां पर्यावरण को बिल्कुल नहीं या कम से कम नुकसान हो। डालमिया सीमेंट (भारत) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी महेंद्र सिंघी, पॉलीजेंटा टेक्नालॉजीज के मुख्य विपणन अधिकारी मकरंद कुलकर्णी, टेक महिंद्रा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सी पी गुरनानी और विप्रो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आबिद अली नीमचवाला ने इस बयान पर हस्ताक्षर किए हैं। उनके अलावा इस बयान पर 33 देशों के 34 क्षेत्रों के शीर्ष कार्यपालकों ने हस्ताक्षर किए हैं।
इस बयान पर हस्ताक्षर करने वाली कंपनियों में वैश्विक फार्मा कंपनी नोवार्टिस, एडोब, एस्ट्राजेनेका, बरबेरी, कैपजेमिनी, कोलगेट पामोलिव और हेवलेट शामिल हैं। यह बयान संयुक्त राष्ट्र द्वारा समर्थित प्रयासों का हिस्सा है और इसमें 155 कंपनियों के हस्ताक्षर हैं, जिनका कुल बाजार पूंजीकरण 2400 अरब डॉलर से अधिक है और इनके यहां 50 लाख से अधिक कर्मचारी काम करते हैं।
संयुक्त बयान में कहा गया, ‘‘विभिन्न देश कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए आर्थिक सहायता और सुधार पैकेज पर काम कर रहे हैं, और जैसा कि वे पेरिस समझौते के तहत बढ़ी हुई राष्ट्रीय जलवायु योजनाओं को लागू करने की तैयारी कर रहे हैं, हम सरकारों से आह्वान करते हैं कि वे साहसी जलवायु कार्रवाई के जरिए बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए काम करें।’’