crude oil: बाजार में कच्चे तेल के घटे दाम, भारत ने 3.20 करोड़ टन भंडार भरे, दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश

By भाषा | Published: May 4, 2020 08:17 PM2020-05-04T20:17:59+5:302020-05-04T20:17:59+5:30

कोरोना वायरस महामारी के कारण कच्चे तेल का दाम गिर गया है। दुनिया के कई देश इसका भंडारण कर रहे हैं। भारत ने भी इसका फायदा उठाते हुए अपने भूमिगत तेल भंडारों, टैंकों, पाइपलाइनों और जलपोतों में 3 करोड़ 20 लाख टन कच्चे तेल का भंडारण कर लिया है।

Corona virus India lockdown china dubai uses low crude prices to stockpile 32 million tonnes oil | crude oil: बाजार में कच्चे तेल के घटे दाम, भारत ने 3.20 करोड़ टन भंडार भरे, दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश

‘‘ऊर्जा क्षेत्र में यह अपने आप में अभूतपूर्व स्थिति है। इससे पहले ऐसी स्थिति कभी नहीं देखी गई।’’ (file photo)

Highlightsभारत पेट्रोलियम उत्पादों की अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिये 85 प्रतिशत की भरपाई आयात से करता है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि कोरोना वायरस के प्रभाव को रोकने के लिये लॉकडाउन लगाये जाने से पूरी दुनिया में तेल की मांग अचानक गायब हो गई।

नई दिल्लीः पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने सोमवार को कहा कि भारत ने वैश्विक बाजार में कच्चे तेल के घटे दाम का फायदा उठाते हुये अपने भूमिगत तेल भंडारों, टैंकों, पाइपलाइनों और जलपोतों में 3 करोड़ 20 लाख टन कच्चे तेल का भंडारण कर लिया है।

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है। भारत पेट्रोलियम उत्पादों की अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिये 85 प्रतिशत की भरपाई आयात से करता है। कोविड- 19 के दौर में चुनौतियों का प्रभाव कम करने पर फेसबुक पर हुई बातचीत में प्रधान ने कहा कि कोरोना वायरस के प्रभाव को रोकने के लिये लॉकडाउन लगाये जाने से पूरी दुनिया में तेल की मांग अचानक गायब हो गई। ‘‘ऊर्जा क्षेत्र में यह अपने आप में अभूतपूर्व स्थिति है। इससे पहले ऐसी स्थिति कभी नहीं देखी गई।’’

उन्होंने कहा, इस स्थिति के चलते विश्व बाजार में कच्चे तेल के दाम टूटते चले गये और एक समय तो ऐसा भी आया जब अमेरिका के बाजार में दाम नकारात्मक दायरे में चले गये। प्रधान ने कहा कि भारत इस स्थिति का लाभ अपने तेल भंडारों को भरने के लिये कर रहा है ताकि बाद में इसका इस्तेमाल किया जा सके।

उन्होंने कहा कि सउदी अरब, यूएई और इराक से की गई कच्चे तेल की खरीद से 53.30 लाख भूमिगत रणनीतिक भंडारों को भरने में मदद मिली है वहीं 70 लाख टन तेल तैरते जलपोतों में रखा गया है। ‘‘इसी प्रकार ढाई करोड़ टन तेल देश के भूक्षेत्र स्थिति डिपुओं और टेंकों, रिफाइनरी पाइपलाइनों और उत्पाद टैंकों में भरा गया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भंडारण किया गया यह तेल देश की कुल मांग का 20 प्रतिशत के बराबर है।’’ भारत अपनी कुल जरूरत का 85 प्रतिशत तेल आयात करता है। उसकी तेल रिफाइनरियों में 65 दिन के कच्चे तेल का भंडार रखा जाता है।

एमसीएक्स ने कच्चे तेल वायदा के लिये ‘नकारात्मक’ दर तय की

कच्चे तेल के बाजार में मचे तूफाके में भारत का मल्टी कमाडिटी एक्चेंज (एमसीएक्स) भी उलझ गया। उसे सोमवार को संपन्न होने वाले अनुबंधों के अंतरिम मूल्य को लेकर तीखी आलोचना का सामाना करना पड़ा अंतत: उसे भाव में बड़ा संशोधन करना पड़ा।

न्यूयार्क बाजार में कच्चे तेल के मई डिलिवरी के अनुबंधों के भाव शून्य से भी नीचे गिर गए थे। इसके बावजूद एमसीएक्स ने सोमवार को समाप्त होने वाले अनुबंधों के निपटान के लिए एक रुपये प्रति बैरल का अंतरिम भाव तय किया था। इसकी तीखी आलोचना होने के बाद उसे इन सौदों के निपटान की अंतिम दर प्रति बैरल शून्य से 2,884 रुपये नीचे तय करनी पड़ी। शून्य से नीचे का अर्थ है कि क्रेता को उल्टे बिक्रेता से पैसा मिलेगा। ऐसे समय जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का वायदा भाव नकारात्मक हो गया उस समय भारत के प्रमुख जिंस एक्सचेंज एमसीएक्स ने इस वायदा के लिये एक रुपये प्रति बैरल का अंतरिम निपटान भाव तय कर दिया।

 

 

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