जानिए किन 11 लोगों ने तैयार किया है बजट 2018
By पल्लवी कुमारी | Published: February 1, 2018 11:02 AM2018-02-01T11:02:12+5:302018-02-01T19:26:44+5:30
वित्त मंत्री जेटली की टीम में उनके समेत कुल 11 लोग शामिल रहे। हम सभी के बारे में आपको बताएंगे।
भारत के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार (01 फ़रवरी) को नरेंद्र मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बज़ट पेश कर रहे हैं। आइए हम आपको बताते हैं कि वित्त मंत्री ने किन लोगों के साथ मिलकर भारत सरकार का वित्त वर्ष 2018-19 के लिए बज़ट तैयार किया है। वित्त मंत्री जेटली की टीम में उनके समेत कुल 11 लोग शामिल रहे। हम सभी के बारे में आपको बताएंगे।
1- अरुण जेटली- वित्त मंत्री
अरुण जेटली लोक सभा चुनाव 2014 में अमृतसर सीट से कांग्रेस के कैप्टन अमरिंदर सिंह से चुनाव हार गये थे। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) गठबंधन के दो-तिहाई बहुमत पाने के बाद जब नरेद्र मोदी सरकार बनी तो जेटली को वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली। वित्त मंत्री बनने के बाद जेटली राज्य सभा से सांसद बने। नरेंद्र मोदी ने लोक सभा चुनाव प्रचार के दौरान जो वादे किए थे उनमें से ज्यादातर वित्त मंत्रालय से जुड़े हुए थे, खासकर कालाधन, महँगाई, आर्थिक भ्रष्टाचार इत्यादि से जुड़े वादे। जेटली ने आज पाँचवी बार मोदी सरकार के लिए बज़ट पेश कर रहे हैं।
2- पी राधाकृष्णन - वित्त राज्य मंत्री
पी राधाकृष्णन तमिलनाडु की कन्याकुमारी लोक सभा सीट से सांसद हैं। राधाकृष्णन अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भी केंद्रीय राज्य मंत्री रह चुके हैं। नरेंद्र मोदी सरकार में वो वित्त मंत्रालय और जहाजरानी मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाए गये हैं।
3- एसपी शुक्ला- वित्त राज्यमंत्री
शिव प्रताप शुक्ला का जन्म उत्तर प्रदेश के खजनी, रुद्रपुर में 1 अप्रैल 1952 में हुआ था। यह जगह गोरखपुर के पास पड़ता है। ये राज्य सभा के सदस्य हैं और उत्तर प्रदेश राज्य का प्रतिनिधित्व करते हैं।ये फरवरी 2012 में उपराष्ट्रपति बने थे।
4- अरविंद सुब्रामण्यम- मुख्य आर्थिक सलाहकार
डॉ॰ अरविंद सुब्रमण्यम पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स में डेनिस वेदरस्टोन सीनियर फेलो और वैश्विक विकास केन्द्र में सीनियर फेलो हैं। उनकी पुरस्कार विजेता किताब ‘इक्लिप्स: लिविंग इन द शैडो ऑफ चाइनाज इकोनॉमिक डोमिनेंस सितंबर 2011 में प्रकाशित हुई थी। ‘फॉरेन पॉलिसी’ मैगजीन ने उन्हें वर्ष 2011 में विश्व के शीर्ष 100 वैश्विक चिंतकों में शुमार किया था। सुब्रमण्यम अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के शोध विभाग (1992-2013) में एवं उरुग्वे दौर की व्यापार वार्ताओं के दौरान गैट (1988-1992) में कार्यरत थे। इन्होंने भारत, विकास, व्यापार, संस्थानों, मदद, जलवायु परिवर्तन, तेल, बौद्धिक संपदा, डब्ल्यूटीओ, चीन और अफ्रीका पर काफी कुछ लिखा है।
5- हसमुख अधिया, वित्त सचिव-
राजस्व सचिव हसमुख अधिया गुजरात कैडर के 1981 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी हैं। पिछले महीने अशोक लवासा के सेवानिवृत्त होने के बाद यह पद रिक्त था।
6- एएन झा- सचिव (व्यय)
नागेंद्र नाथ झा का जन्म बिहार के दरभंगा में हुआ था। दिल्ली विश्वविद्यालय और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से स्नातक होने के बाद उन्होंने 1 9 57 में विदेश सेवा में शामिल हुए। इसके बाद उन्होंने आयरलैंड (1 977-19 7 9) में भारतीय राजदूत, तुर्की (1 9 7 9 -181), कुवैत (1 9 84-198 9) को यूगोस्लाविया ( 1989-1990) और श्रीलंका (1990-1993) में थे। अपनी सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (2001-2004) के लेफ्टिनेंट गवर्नर और पांडिचेरी के लेफ्टिनेंट गवर्नर (2004) का पद संभाला।
7- राजीव कुमार- सचिव (वित्तीय सेवाएँ)
राजीव कुमार को 30 से भी अधिक वर्ष की अपनी सेवा अवधि में व्यापक प्रशासनिक अनुभव प्राप्त है। उन्होंने अपने गृह राज्य झारखंड में प्रशासनिक पदों पर रहते हुए कई और भी महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। उन्होंने केंद्र सरकार में भी विभिन्न पदों पर कार्य किया है।
8- एससी गर्ग- सचिव (आर्थिक मामले)
आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव सुभाषचंद्र गर्ग विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक के तौर पर भी अपनी सेवा दे चुके हैं। रोजगार ओर निवेश के मोर्चे पर इनको महारत हासिल है।
9- नीरज गुप्ता- सचिव (दीपम)
सरकार को विनिवेश के मोर्चे पर अहम सुझाव और राय देने वाले नीरज गुप्ता आगामी साल में बड़े खर्चों का लेखाजोखा तैयार करना इनकी ही जिम्मेदारी है।
10- वनजा सरना- चेयरपर्सन (सीबीईसी)
सीबीईसी चेयरपर्सन वनजा ने अप्रैल से ही केंद्र सरकार की उस एजेंसी की अगुआई की, जिसकी जीएसटी को कामयाब तरीके से लागू करने के लिए जिम्मेदारी तय की गई थी। इनको 30 मार्च 2017 को, केन्द्रीय सीमा शुल्क और केन्द्रीय उत्पाद शुल्क के अध्यक्ष पद के लिए नियुक्त किया गया था।
11- सुशील चंद्रा- चेयरमैन (सीबीडीटी)
सुशील चंद्रा 1980 बैच के भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी हैं। वह वर्तमान में सीबीडीटी के सदस्यह हैं। चंद्रा आईआईटी से ग्रेजुएट हैं और उनका सीबीडीटी चेयरपर्सन के रूप में कार्यकाल मई 2017 तक होगा।