कच्चे, रिफाइंड सोयाबीन तेल, सूरजमुखी तेल पर मूल सीमा शुल्क में कटौती
By भाषा | Published: August 20, 2021 08:15 PM2021-08-20T20:15:13+5:302021-08-20T20:15:13+5:30
सरकार ने घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने और कीमतें कम करने के लिए कच्चे सोया तेल और सूरजमुखी तेल पर मूल सीमा शुल्क को घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया। इन तेलों पर मूल सीमा शुल्क को 15 से घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने साथ ही एक अधिसूचना के जरिए रिफाइंड सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल पर भी बुनियादी आयात शुल्क को 45 प्रतिशत से घटाकर 37.5 प्रतिशत कर दिया। यह कटौती 20 अगस्त से प्रभाव में आएगी और 30 सितंबर 2021 तक लागू रहेगी। शुल्क कटौती का उद्देश्य घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देना और घरेलू बाजार में वनस्पति तेल की बढ़ती कीमतों को कम करना है। कच्चे सोया तेल और सूरजमुखी तेल पर बुनियादी सीमा शुल्क के ऊपर, 20 प्रतिशत कृषि अवसंरचना और विकास तथा 10 प्रतिशत सामाजिक कल्याण उपकर लगता है। रिफाइंड सोया तेल और सूर्यमुखी के तेल पर केवल सामाजिक कल्याण उपकर लगते हैं। सरकार ने इससे पहले 29 जून को कच्चे पॉम तेल, रिफाइंड, ब्लीच्ड और डिओडोराइज्ड पॉम तेल, पामोलिन, पॉम स्टीयरिन तथा अन्य पॉम तेलों पर 30 सितंबर तक के लिये आयात शुल्क में कटौती की थी। सोयाबीन डीगम और सूरजमुखी पर ताजा शुल्क कटौती के बाद सभी आयातित तेलों पर प्रभावी आयात शुल्क 30.25 प्रतिशत रह गया है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।