एप्पल ने रचा इतिहास, भारत से एक महीने में 8,100 करोड़ के फोनों को किया निर्यात: रिपोर्ट
By अंजली चौहान | Published: January 23, 2023 06:52 PM2023-01-23T18:52:20+5:302023-01-24T10:13:50+5:30
सरकार के अनुमान के मुताबिक, भारत के वित्त वर्ष 2023 में करबी 9 अरब डॉलर की कीमत के मोबाइल फोन एक्सपोर्ट करने की उम्मीद जताई गई है।
नई दिल्ली: टेक कंपनी एप्पल ने स्मार्टफोन के निर्यात के क्षेत्र में इतिहास रच दिया है। एप्पल ने 1 महीने के भीतर 1 अरब डॉलर के फोन का निर्यात करके अपने नाम नया रिकॉर्ड दर्ज करा लिया है। जानकारी के मुताबिक, भारत से दिसंबर महीने में 8,100 करोड़ रुपये के स्मार्टफोन का निर्यात करने वाली पहली कंपनी बन गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्मार्टफोन का कुल निर्यात 10 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। यह सरकार के 'मेक इन इंडिया' अभियान के लिए बड़ी उपलब्धि है।
गौरतलब है कि भारत में एप्पल और सैमसंग सबसे ज्यादा मोबाइल फोन निर्यात करने वाली कंपनियां है। अधिकारियों के मुताबिक, एप्पल ने फोन निर्यात के मामले में सैंमसंग को भी पीछे छोड़ दिया है। इस नए रिकॉर्ड के साथ एप्पल ने नया इतिहास रच दिया है।
भारत में कौन-कौन से आईफोन्स की हो रही मैन्युफैक्चरिंग?
जानकारी के अनुसार, टेक कंपनी एप्पल अपने तीन कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स के जरिए भारत में आईफोन्स के कई मॉडल्स का उत्पादन कर रही है जिसमें आईफोन 12, 13,14 ऍर 14+ शामिल है। इन तीन कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स के अलावा कुछ छोटे भारतीय प्लेयर्स भी हैं जो आईफोन एक्सपोर्ट कर रहे हैं।
एप्पल के कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चर्स फॉक्सकॉन और पेगाट्रॉन दोनों की ही सुविधा तमिलनाडु में मौजूद है। वहीं, विस्ट्रॉन की फैसिलिटी कर्नाटक में है। कंपनी ने सरकार की स्मार्टफोन प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम में हिस्सा ले रखा है, यह स्कीम साल 2020 में लॉन्च की गई थी।
वित्त वर्ष 2023 में 9 अरब डॉलर की कीमत से फोन होंगे निर्यात- सरकार
सरकार के अनुमान के मुताबिक, भारत के वित्त वर्ष 2023 में करबी 9 अरब डॉलर की कीमत के मोबाइल फोन एक्सपोर्ट करने की उम्मीद जताई गई है। यह अनुमान एक साल पहले के 5.8 अरब डॉलर से काफी अधिक है। वित्त वर्ष 2023 में भारत में इलेक्ट्रॉनिक सामानों के निर्यात में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई है।
वाणिज्य विभाग के अनुसार, साल 2022 के अप्रैल से दिसंबर महीने के बीच इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों का कुल निर्यात 16.67 अरब डॉलर तक पहुच गया है, जो पिछले साल के समान अवदि की तुलना में 51.56 प्रतिशत अधिक है। बता दें कि पीएलआई स्कीम में भागीदार ये तीनों मैन्यिफैक्चर्स को समय-समय पर सरकार को उत्पादन, निर्यात, निवेश और जरूरी डेटा की जानकारी देनी होती है।