सीपीओ में सुधार के अलावा बाकी सभी तेल तिलहनों के भाव पूर्ववत रहे

By भाषा | Updated: December 12, 2020 17:34 IST2020-12-12T17:34:07+5:302020-12-12T17:34:07+5:30

Apart from improving CPO, the prices of all other oilseeds remained undone. | सीपीओ में सुधार के अलावा बाकी सभी तेल तिलहनों के भाव पूर्ववत रहे

सीपीओ में सुधार के अलावा बाकी सभी तेल तिलहनों के भाव पूर्ववत रहे

नयी दिल्ली, 12 दिसंबर विदेशी बाजारों में तेजी के रुख के बीच स्थानीय बाजार में एक बार फिर सोयाबीन डीगम पर आयात शुल्क कम किये जाने की चर्चा जोर पकड़ने से सरसों, मूंगफली, सोयाबीन तेलों पर दबाव कायम रहा तथा कच्चे पाम तेल (सीपीओ) को छोड़कर बाकी सभी तेल तिलहनों के भाव पूर्वस्तर पर ही बंद हुए।

बाजार सूत्रों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों में आज दूसरी बार सोयाबीन डीगम पर आयात शुल्क कम होने की अफवाह बाजार में जोरों पर रही। वायदा बाजार में सोयाबीन का वायदा भाव तोड़कर इस अफवाह को हवा दी गई। फरवरी के लिये वायदा भाव 104.40 रुपये किलो बोला जा रहा है जबकि आयातकों को यह मुनाफा लगाकर 113.40 रुपये किलो पड़ता है। इससे विदेशों को यह संकेत देने का प्रयास है कि सरकार सोयाबीन डीगम के आयात पर शुल्क कम करने जा रही है। गौरतलब है कि यह अफवाह ऐसे समय उड़ायी गई है जब किसान मंडियों में सोयाबीन फसल लाने में जुटे हैं। ऐसे में भाव कम होने की अफवाह से आम किसानों और तेल उद्योग को भारी नुकसान होगा।

सूत्रों का कहना है कि सरकार को इस तरह की अफवाहों पर अंकुश लगाना चाहिये और अफवाह उड़ाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिये।

उन्होंने कहा कि सरकार को शुल्कों को कम करने के बजाय देश को तिलहन उत्पादन बढ़ाते हुए इसे आत्मनिर्भरता की राह पर ले जाने की ओर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।

सूत्रों ने कहा कि सोयाबीन डीगम का जो भाव शिकागो एक्सचेंज में नीचे चल रहा था, अफवाह फैलने के बाद वायदा कारोबार में इस तेल के दिसंबर अनुबंध का भाव करीब 1.5 प्रतिशत से अधिक मजबूत बंद हुआ। सत्रों ने बताया कि भारत में पाम आयल पर आयात शुल्क (अधिभार समेत) 41.25 प्रतिशत से घटा कर 30.25 करने का देश में सरकार और उपभोक्ताओं को कोई फायदा नहीं हुआ। उल्टे कच्चे पाम तेल का भाव तीन प्रतित बढ़ गया और सरकार को करीब पांच हजार करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। इंडोनेशिया में भाव बढने से भारत का आयात खर्च पांच हजार करोड़ रुपये बढ़ गया।

तेल-तिलहन बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन - 6,075 - 6,125 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली दाना - 5,285- 5,350 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 13,100 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,055 - 2,115 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 12,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 1,840 -1,990 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 1,960 - 2,070 रुपये प्रति टिन।

तिल मिल डिलिवरी तेल- 11,000 - 15,000 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 11,400 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 11,100 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम- 10,220 रुपये।

सीपीओ एक्स-कांडला- 9,110 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 10,000 रुपये।

पामोलीन आरबीडी दिल्ली- 10,450 रुपये।

पामोलीन कांडला- 9,650 रुपये (बिना जीएसटी के)।

सोयाबीन तिलहन मिल डिलिवरी भाव 4,300 - 4,350 लूज में 4,175 -- 4,235 रुपये।

मक्का खल (सरिस्का) - 3,500 रुपये।

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Web Title: Apart from improving CPO, the prices of all other oilseeds remained undone.

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