जब सुरैया से शादी करने के लिए अड़ गया शख्स, पूरी बारात और महंगे गहने लेकर पहुंच गया था घर
By अनिल शर्मा | Published: June 15, 2021 11:02 AM2021-06-15T11:02:25+5:302021-06-15T11:05:30+5:30
ऐसा ही एक दीवाना था जो सुरैया से शादी रचाने के लिए पूरी बारात लेकर घर में दाखिल हो गया था। उन दिनों मरीन ड्राइव के उनके घर के सामने हर रोज तमाशा होता था। एक रोज तो एक शख्स उनके घर के बाहर प्रणय निवेदन करते हुए धरने पर बैठ गया था। बाद में पुलिस हस्तक्षेप से मामला शांत हुआ।
पचास के दशक में सुरैया हिंदी सिनेमा की सिरमौर बन चुकी थीं। हुस्न की बला थीं। उपर से उनके अभिनय और गायिकी के संगम ने करियर में वो सफलता दी जिससे इर्द-गिर्द तब कोई नहीं था। जाहिर सी बात तब उनके चाहने वाले भी कम नहीं है। आजकल के फैंस तब दीवाने हुआ करते थे। सुरैया के हुस्न के भी कम दीवाने नहीं थे।
ऐसा ही एक दीवाना था जो सुरैया से शादी रचाने के लिए पूरी बारात लेकर घर में दाखिल हो गया था। उन दिनों मरीन ड्राइव के उनके घर के सामने हर रोज तमाशा होता था। एक रोज तो एक शख्स उनके घर के बाहर प्रणय निवेदन करते हुए धरने पर बैठ गया था। बाद में पुलिस हस्तक्षेप से मामला शांत हुआ।
बहरहाल, शादी वाले किस्से पर लौटते हैं। सुरैया और उनकी मां फ्लैट में थीं। अचानक फ्लैट के बार जोर-जोर से बैंड बजने की आवाज आने लगी। धीरे धीरे बैंड का शोर बढ़ता ही चला गया। जब सुरैया की मां ने दरवाजा खोला तो ये देखकर हैरान हो गईं कि बैंड तो उनके घर के बाहर ही बज रहा है। और एक शख्स दूल्हे की पोशाक पहनकर सामने खड़ा था। सुरैया की मां ने जब उससे पूछा कि क्या बात है तो उसने कहा कि वो सुरैया से शादी करने के लिए पूरी बारात लेकर जालंधर से यहां आया है। जब तक उसकी मां कुछ समझ पाती तबतक दूल्हा पूरी बारात समेत उनके घर में दाखिल हो गया।
दुल्हा शादी करने पर अड़ गया। बाराती भी जोर डालने लगे। डर के मारे सुरैया खुद को एक कमरे में बंद कर लिया। सुरैया की मां ने उन लोगों को काफी समझाया लेकिन वे बिना शादी लौटने को तैयार ही नहीं थे। वे चिल्लाने लगे कि इतने महंगे गहने बनवा कर लाए हैं, इतनी साड़ियां लेकर आए हैं, बारात पर इतना खर्च किया है बगैर शादी के वापस नहीं जाएंगे। सारे गहने बक्से से निकालकर उन्होंने सुरैया की मां के सामने रख दिया।
मामला को बढ़ता देख सुरैया कि मां ने पुलिस को बुला लिया। पुलिस ने लाठी डंडा मारकर सबको बाहर निकाला और दूल्हा बेचारा सारे गहने आदि समेट कर वापस जालंधर चला गया। सुरैया के घर के बाहर होने वाले ये रोज के तमाशे से वहां का थानेदार भी आजिज आ चुका था। उसने जाते-जाते सुरैया की मां से बोला-पता नहीं आप लोग क्या करते हो कि कभी कोई खुदकुशी करने चला आता है तो कभी कोई शादी के लिए धरने पर बैठ जाता है तो कभी बारात लेकर घर में घुस आता है। जाते जाते चेता भी गया कि अब आगे से कुछ करना मत।