पुण्यतिथि: जब बॉलीवुड को अलविदा कह विनोद खन्ना बन गए थे संन्यासी
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: April 27, 2019 07:18 AM2019-04-27T07:18:15+5:302019-04-27T07:18:15+5:30
विनोद खन्ना का निधन 27 अप्रैल 2017 को हुआ था। इस हैंडसम अभिनेता को आखिरा समय में ब्लैडर कैंसर हो गया था।
बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेताओं में से एक विनोद खन्ना भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें आज भी फैंस के दिलों में जिंदा हैं। आज वह अपने चाहने वालों को छोड़ दूर सितारों को दुनियां में जा बसे हैं। विनोद खन्ना का निधन 27 अप्रैल 2017 को हुआ था। इस हैंडसम अभिनेता को आखिरा समय में ब्लैडर कैंसर हो गया था। अपने अंतिम दिनों में वो बहुत कमजोर हो गए थे। आइए जानते हैं विनोद के अभिनेता से नेता बनने का सफल सफर-
पिता ने दो साल की दी थी इजाजत
विनोद खन्ना ने मुंबई में पढ़ाई के दैरान ही फिल्मों में काम करने का मन बना लिया था। इसी दौरान एक पार्टी में उन्हें में सुनील दत्त ने उन्हें मन का मीत ऑफर की जिसको उन्होंने सहर्ष स्वीकार कर लिया था। लेकिन जब उनके पिता को इस बारे में पता लगा था तो उन्होंने इसके लिए मना कर दिया था। लेकिन मां के बहुत समझाने पर उन्होंने दो साल के लिए उन्हें फिल्में करनी इजाजत की थी। लेकिन किस्मत को मंजूर था विनोद का सुपर स्टार बनना।
मिला असली मुकाम
हीरो के रूप में स्थापित होने के पहले विनोद खन्ना ने 'आन मिलो सजना', 'पूरब और पश्चिम', 'सच्चा झूठा' जैसी फिल्मों में सहायक या खलनायक के रूप में काम किया था। लेकिन उनकी किस्तम गुलजार ने बदली। 1971 में गुलजार द्वारा निर्देशित फिल्म 'मेरे अपने' से विनोद खन्ना का अच्छा वक्त शुरू हुआ और फिर वो आगे ही बढ़ते गए।
अचानक फिल्मों को कहा था अलविदा
जिस समय विनोद का करियर पीक पर था उन्होंने सब कुछ छोड़ने का अचानक फैसला लिया था। बॉलीवुड में सफलता मिलने के बाद विनोद खन्ना 1982 में अचानक अपने आध्यात्मिक गुरु रजनीश (ओशो) की शरण में चले गए और ग्लैमर की दुनिया को उन्होंने अलविदा कह दिया। ये उनके फैंस के लिए किसी धक्का से कम नहीं था।
वापस आकर की थी दूसरी शादी
अचानक इस तरह से अपने आध्यात्मिक गुरु रजनीश (ओशो) की शरण में चले जाने के कारण उनकी पहली पत्नी गीतांजली नाराज हुई और दोनों के बीच तलाक हो गया। इस समय विनोद और गीतांजली के दो बेटे अक्षय और राहुल खन्ना हैं। लेकिन गीतांजली से तालाक के बाद साल 1990 में जब विनोद गृहस्थ जीवन में वापस आए तो विनोद ने कविता से शादी की।
अभिनेता से नेता
विनोद खन्ना अभिनेता होने के अलावा, निर्माता और सक्रिय राजनेता भी रहें। वह भाजपा के सदस्य थे और कई चुनाव जीत चुके थे, वह मंत्री भी रहे। वह अपने आखिरी दिनों में बतौर सांसद पद पर आसक्त थे।