‘आर्टिकल 15’ का प्रमाण पत्र रद्द करने की याचिका को अदालत ने किया खारिज

By भाषा | Published: July 8, 2019 06:55 PM2019-07-08T18:55:26+5:302019-07-08T18:55:26+5:30

Supreme Court dismisses plea against movie Article 15 | ‘आर्टिकल 15’ का प्रमाण पत्र रद्द करने की याचिका को अदालत ने किया खारिज

‘आर्टिकल 15’ का प्रमाण पत्र रद्द करने की याचिका को अदालत ने किया खारिज

उच्चतम न्यायालय ने फिल्म ‘आर्टिकल 15’ में कथित रूप से ‘आपत्तिजनक संवादों’ की वजह से इसका केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड का प्रमाण पत्र रद्द करने के लिये दायर याचिका पर सोमवार को विचार करने से इंकार कर दिया। याचिका में तर्क दिया गया था कि इसके कथित आपत्तिजनक संवाद अफवाह और जातीय घृणा विद्वेष फैलाते हैं।

न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने याचिकाकर्ता ‘‘ब्राह्मण समाज ऑफ इंडिया’’ के संगठन सचिव नेमिनाथ चतुर्वेदी के वकील से कहा कि उन्हें इस फिल्म को लेकर अपनी शिकायत के लिये उचित प्राधिकार के पास जाना चाहिए। पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा, ‘‘आप कानून के अंतर्गत उपयुक्त प्राधिकार के पास जाएं।’’ इसके बाद, याचिकाकर्ता के वकील ने याचिका वापस ले ली। पीठ ने 28 जून को प्रदर्शित हुयी आयुष्मान खुराना अभिनीत फिल्म के मामले में उसे संबंधित प्राधिकार के पास जाने की छूट दे दी।

याचिकाकर्ता ने ‘आर्टिकल-15’ फिल्म को 18 जून को प्रदर्शन के लिये सेन्सर बोर्ड द्वारा दिया गया प्रमाण पत्र निरस्त करने का अनुरोध करते हुये यह याचिका दायर की थी। इस फिल्म का निर्माण बनारस मीडिया वर्क्स प्रा लि ने किया है। याचिका में फिल्म का प्रदर्शन रोकने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।

याचिका में कहा गया था कि फिल्म का शीर्षक स्पष्ट रूप से ‘‘संविधान के अनुच्छेद 19 (1)(क) का उल्लंघन करता है और यह प्रतीक चिह्न और नाम (अनुचित उपयोग से रोकथाम) कानून की धारा तीन के विपरीत है। याचिका में यह भी तर्क दिया गया था कि केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड द्वारा फिल्म को प्रमाण पत्र देने के निर्णय से पहली नजर में संविधान के अनुच्छेद 19 (1)(क) और अनुच्छेद 19 (2) के प्रावधानों का हनन होता है।

संविधान का अनुच्छेद 15 जाति, धर्म, वर्ण, लिंग या जन्म के स्थान के आधार पर किसी भी प्रकार के भेदभाव को प्रतिबंधित करता है जबकि संविधान का अनुच्छेद 19 बोलने की आजादी से संबंधित चुनिन्दा अधिकारों की रक्षा करता है। इसी तरह, अनुच्छेद 19 (2) बोलने की आजादी पर तर्कसंगत प्रतिबंध लगाने के राज्य के अधिकार के बारे में है। 

Web Title: Supreme Court dismisses plea against movie Article 15

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