मुंबई ब्लास्ट में संजय दत्त को फंसाया गया था, वह निर्दोष थे; बोले सुभाष घई- 32 राजनीतिक इकाइयां मेरे खिलाफ थीं
By अनिल शर्मा | Published: January 19, 2022 01:10 PM2022-01-19T13:10:58+5:302022-01-19T13:16:18+5:30
फिल्ममेकर सुभाष घई ने कहा, मैं संजय दत्त को बचपन से जानता हूं। मैंने उनकी दूसरी फिल्म विधाता का निर्देशन किया। फिर 10 साल बाद मैंने उसे खलनायक में कास्ट किया।
मुंबईः मशहूर फिल्ममेकर सुभाष घई ने 1993 में संजय दत्त की गिरफ्तारी को लेकर कहा है कि उन्हें पता था कि वह निर्दोष हैं। गौरतलब है कि संजय दत्त पर 1993 में एके-56 राइफल अपने घर पर रखने का आरोप था जिसका संबंध मुंबई बम धमाकों से था।
सालों बाद फिल्म निर्माता सुभाष घई ने इस मुद्दे पर अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा कि वह अभिनेता संजय दत्त को वास्तव में करीब से जानते थे और जानते थे कि 1993 में उनकी गिरफ्तारी के समय वह 'निर्दोष' थे। उनकी फिल्म, खलनायक, लगभग उसी समय रिलीज हुई और बहुत बड़ी हिट हुई।
बॉलीवुड हंगामा संग बातचीत में सुभाष घई ने कहा कि संजय के कठिन समय को भुनाना उनकी नैतिकता के खिलाफ था और उन्होंने खुलासा किया कि उन्होंने खलनायक के प्रचार पर एक भी रुपया खर्च नहीं किया। फिल्म में संजय दत्त ने एक वांछित अपराधी की भूमिका निभाई थी।
बकौल सुभाष घई, 'मैं संजय दत्त को बचपन से जानता हूं। मैंने उनकी दूसरी फिल्म विधाता का निर्देशन किया। फिर 10 साल बाद मैंने उसे खलनायक में कास्ट किया। मैं उसे बहुत करीब से जानता था। जब उन्हें गिरफ्तार किया गया तो मुझे पता था कि वह निर्दोष हैं, लेकिन फंस गए हैं। वह अपराधी नहीं थे'
सुभाष ने कहा कि उन्होंने कभी भी खलनायक को प्रोमोट करने के लिए संजय के कानूनी विवाद का इस्तेमाल नहीं किया। बकौल सुभाष घई, “मैंने खलनायक को प्रोमोट देने के लिए एक रुपया भी खर्च नहीं किया। मैं चुप रहा। चोली के पीछे क्या है पर काफी बवाल हुआ था। 32 राजनीतिक इकाइयां मेरे खिलाफ थीं। मेरे खिलाफ कोर्ट केस थे। लेकिन मैं चुप रहा। मुझे पता था कि मैंने कौन सी फिल्म बनाई है, मुझे पता था कि संजय दत्त क्या हैं, मुझे पता था कि चोली के पीछे क्या है।
अप्रैल 1993 में, संजय को आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था। एक महीने बाद उन्हें जमानत पर रिहा किया गया। इसके बाद 1994 में उनकी जमानत रद्द कर दी गई और उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया। अक्टूबर 1995 में उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया।
संजय को 2006 में टाडा अदालत द्वारा शस्त्र अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया था, जब उन्हें 9 मिमी पिस्तौल और एके -56 राइफल रखने का दोषी पाया गया था। लेकिन अधिक गंभीर टाडा आरोपों से बरी कर दिया गया था। उन्होंने 2007 में कुछ दिन जेल में बिताए लेकिन तीन सप्ताह से भी कम समय में उन्हें जमानत मिल गई। संजय दत्त 2013 से 2016 तक जेल में रहे।