दीपिका पादुकोण पर भड़की कंगना रनौत की बहन रंगोली , कहा- करणी सेना मत बनो
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: April 22, 2019 08:46 AM2019-04-22T08:46:42+5:302019-04-22T08:46:42+5:30
कंगना रनौत और राजकुमार राव की आने वाली फिल्म 'मेंटल है क्या' के टाइटल पर विवाद के बीच कंगना की बहन रंगोली चंदेल ने बॉलीवुड मस्तानी दीपिका पादुकोण पर निशाना साधा है
कंगना रनौत और राजकुमार राव की आने वाली फिल्म 'मेंटल है क्या' के टाइटल पर विवाद के बीच कंगना की बहन रंगोली चंदेल ने बॉलीवुड मस्तानी दीपिका पादुकोण पर निशाना साधा है. इस फिल्म टाइटल को लेकर इंडियन साइकैट्रिक सोसाइटी और ट्विटर यूजर्स के बाद दीपिका के फाउंडेशन टीएलएलएल ने आपत्ति दर्ज कराई थी.
फाउंडेशन ने ट्वीट में लिखा था कि मानसिक बीमारी से लाखों लोग पीडि़त हैं, ऐसे में इसे लेकर सेंसेटिव और जिम्मेदार होने की जरूरत है. इसके जवाब में रंगोली चंदेल ने सीधे दीपिका पादुकोण पर निशाना साधा. खुद को कंगना की प्रवक्ता और मैनेजर बताने वाली रंगोली ने लिखा कि वह 'करणी सेना' बनकर नतीजे पर न पहुंच जाए, उन्हें ये फिल्म जरूर पसंद आएगी.'' रंगोली यहीं नहीं रुकी. उन्होंने दीपिका की पर्सनल लाइफ को टारगेट करते हुए लिखा, ''दीपिका सालों पहले डिप्रेस्ड थीं जब उनका ब्रेकअप हुआ था, लेकिन अब वह शादीशुदा जिंदगी में खुश हैं, वहीं कंगना 'झांसी की रानी' के बाद गर्व से 'मेंटल' टाइटल लेकर चल रही हैं.
Dear @TLLLFoundation Ms Ranaut who is recipient of three national awards and one f the driving forces of feminism movement in India through her films like Queen & Manikarnika is one f the most responsible artists,to jump the gun & assume the worse is nothing bt immature..(contd.) https://t.co/99Brese96M
— Rangoli Chandel (@Rangoli_A) April 20, 2019
तीन नेशनल अवॉर्ड जीतने वालीं कंगना 'क्वीन' और 'मणिकर्णिका' जैसी फिल्मों से भारत में फेमिनिज्म लाई हैं. वह एक जिम्मेदार आर्टिस्ट हैं. फिल्म देखने के बाद टीएलएलएल फाउंडेशन दीपिका को हटाकर कंगना को अपना ब्रांड एंबेसडर बना देगा.'' रंगोली को यह नहीं पता कि दीपिका इस फाउंडेशन की ब्रांड एंबेसडर नहीं, बल्किफाउंडर हैं. बदल सकता है 'मेंटल' का टाइटल कंगना और राजकुमार स्टारर 'मेंटल है क्या' अपने कंटेंट को लेकर विवादों में घिरती नजर आ रही है.
इंडियन साइकियाट्रिक सोसाइटी ने फिल्म के कंटेट को लेकर आपत्ति जताई है. इस संस्था ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन को पत्र लिखकर कहा है कि फिल्म के पोस्टर मनोरोग को गलत तरीके से पेश करते हैं. फिल्म का टाइटल तुरंत बदलने की मांग भी की गई है.