रामायण की 'मंथरा' की एक थप्पड़ ने बदल दी थी जिंदगी, डेढ़ दिन तक कोमा में रही थीं ललिता पवार

By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: April 17, 2020 09:56 AM2020-04-17T09:56:02+5:302020-04-17T10:02:37+5:30

ललिता पवार (Lalita Pawar) ने इस दुनिया को भले ही 21 साल पहले अलविदा कह दिया हो, लेकिन लॉकडाउन (Lockdown) में रामानंद सागर की रामायण ने उन्हें फिर से यादों में जिंदा कर दिया

ramayan cast manthara lalita pawar was in coma | रामायण की 'मंथरा' की एक थप्पड़ ने बदल दी थी जिंदगी, डेढ़ दिन तक कोमा में रही थीं ललिता पवार

फाइल फोटो

Highlightsरामायण अपने फिर से प्रसारण के साथ फिर से फैंस के बीच छा गई है।दूरदर्शन पर आ रहे रामायण के हर एक किरदार से फिर से लोगों को प्यार हो गया है

दुनियाभर में कोराना वायरस का कहर फैला हुआ है। भारत में भी इस वायरस ने अपने कदम फैला लिए हैं।। देश में कोरोना वायरस की वजह से 3 मई तक का लॉकडाउन जारी है। हर राज्य की सरकार इस लॉकडाउन को सक्सेसफुल बनाने में अपनी पूरी ताकत झोंक रही। ऐसे में लोगों की मांग पर एक बार फिर से 90 के दशक के सीरिल्य शुरू किए गए। इन्हीं में से एक है रामानंद सागर की रामायण भी। हाल ही में इसका प्रसारण दूरदर्शन पर शुरू हुआ है।

रामायण अपने  फिर से प्रसारण के साथ फिर से फैंस के बीच छा गई है। दूरदर्शन पर आ रहे रामायण के हर एक किरदार से फिर से लोगों को प्यार हो गया है। शो टीआरपी में नंबर एक पर चल रहा है। शो में मंथरा का किरदार निभाने वाली ललिता पवार का रोल काफी अहम था।

ललिता पवार ने 21 साल पहले ही इस दुनिया को अलविदा रह दिया था। ललिता का असली नाम अंबा था। ललिता ने  केवल 9 साल की उम्र में राजा हरिश्चंद्र फिल्म से करियर की शुरुआत की थी। 40 के दशक में उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की थी। 

यूं बनी एक्ट्रेस

कहा जाता है एक बार वह अपने पिता के साथ फिल्म देखने गई थीं,  तभी निर्देशक नाना साहेब ने उनको देखा और बाल कालाकार के तौर पर फिल्म ऑफर की।  पहले तो परिवार ने मान किया लेकिन बाद में वह मान गए थे।

नहीं  जा पाईं स्कूल

रामायण में ललिता ने मंथरा का किरदार निभाया जिससे सभी ने नफरत की।  भगवान राम को 14 साल के लिए वनवास भेजने के लिए भंथरा को ही दोषी माना जाता है। अपने रोल से दिल जीतने वाली ललिता कभी स्कूल नहीं गई थीं। क्योंकि उस समय लड़कियों को स्कूल भेजना ज्यादा अच्छा नहीं माना जाता था।

थप्पड़ ने बदली जिंदगी

ललिता को विलेन को रूप में देखा गया गया है। एक हादसे ने उनकी जिंदगी बदल दी थी।साल 1942 में फिल्म ‘जंग-ए-आजादी’ के सेट पर एक सीन की शूटिंग चल रही थी. इस सीन में अभिनेता भगवान दादा को ललिता पवार को एक थप्पड़ मारना था। उन्होंने इतनी जोर का थप्पड़ मारा कि ललिता पवार गिर पड़ीं, और उनके कान से खून निकलने लगा।

हुआ अफसोस

ललिता को डॉक्टर के पास ले जाया गया। जहां वह डेढ दिन तक कोमा में रही थीं।  लेकिन उनकी दाहिने आंख में लकवा मार गया।लकवा तो वक्त के साथ ठीक हो गया लेकिन उनकी दाहिनी आंख पूरी तरह सिकुड़ गई और हमेशा के लिए उनका चेहरा खराब हो गया। इसके बाद ललिता को हीरोइन के रोल के बजाय नेगेटिव रोल के लिए ऑफर आने लगे।

अनाड़ी, श्री 420, प्रोफेसर, मेम दीदी, औरत व मिस्टर ऐंड मिसेस 55  जैसी फिल्मों में अपने अभिनय से लोगों का दिल जीतने वाली ललिता पवार अब हमारे बीच में नहीं हैं। लेकिन उनकी अदाकारी के किस्से आज भी फैंस के बीच मशहूर है। अपनी एक्टिंग से बॉलीवुड में अलग पहचान बनाने वाली ललिता की 24 फरवरी 1998 को जबड़े के कैंसर के कारण मौत हो गई थी। 

Web Title: ramayan cast manthara lalita pawar was in coma

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