Raju Srivastava: बहुत याद आओगो ‘गजोधर भैया’, जिंदगी के हर क्षण में हास्य, जानें सबकुछ
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 21, 2022 05:26 PM2022-09-21T17:26:41+5:302022-09-21T17:27:50+5:30
Raju Srivastava: हास्य अभिनय के कॅरियर से राजू श्रीवास्तव ने राजनीति की ओर रुख किया और कुछ दिन समाजवादी पार्टी में रहने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए थे।
Raju Srivastava: हास्य अभिनेता राजू श्रीवास्तव ने अपने कॅरियर की शुरुआत में अमिताभ बच्चन जैसा दिखकर प्रसिद्धि पाई, लेकिन बाद में उन्होंने एक हास्य कलाकार के रूप में खुद की अलग पहचान बनाई। श्रीवास्तव का बुधवार को नयी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया जहां वह 41 दिन से भर्ती थे।
हास्य अभिनय के कॅरियर से उन्होंने राजनीति की ओर रुख किया और कुछ दिन समाजवादी पार्टी में रहने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए थे। कानपुर के इस युवा ने अपने अलग तरह के हास्य से रंगमंच, टेलीविजन पर और सोशल मीडिया मंचों पर अपने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। उनके हास्य में आसपास की चीजों, पशुओं, समाज के विभिन्न किरदारों पर आधारित चुटकुले होते थे।
कभी वह मुंबई की लोकल ट्रेन में यात्रा करने का चित्रण प्रस्तुत कर हास्य पैदा करते थे तो कभी शादी समारोह की दावत का दृश्य सामने रख लोगों को हंसने पर मजबूर करते थे। कॅरियर की शुरुआत में उनकी पहचान अमिताभ बच्चन सरीखा दिखने से हुई थी, लेकिन उसके बाद धीरे-धीरे उन्होंने अपनी पहचान बनाई और अपना प्रशंसक वर्ग बना लिया।
Raju Srivastav's funeral to be held in Delhi on Thursday
— ANI Digital (@ani_digital) September 21, 2022
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वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और लालू प्रसाद जैसे राजनेताओं तथा अनेक कलाकारों की नकल करने के लिए भी जाने जाते थे। उन्होंने कुछ फिल्मों में छोटे-छोटे किरदार भी किये। मसलन ‘तेजाब’ (1988), ‘मैंने प्यार किया’ (1989) और ‘बाजीगर’ (1993) में उन्हें देखा गया था। उन्होंने 1990 के दशक में दूरदर्शन के मशहूर शो ‘शक्तिमान’ में भी काम किया था।
हालांकि 2005 में ‘द ग्रेट इंडिया लाफ्टर चैलेंज’ नामक शो से उन्हें और ज्यादा पहचान मिली। घर-घर में वह हंसी का पर्याय बन गये, मंचों की शान बन गये। वह खुद को एक आलसी ग्रामीण किरदार ‘गजोधर भैया’ के रूप में प्रस्तुत करते थे और उनके प्रशंसक उन्हें इस नाम से भी पुकारते थे। उन्हें 2014 में कानपुर से लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की ओर से टिकट दिया गया।
उन्होंने इसे लौटा दिया और भाजपा में शामिल हो गये। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें ‘स्वच्छ भारत अभियान’ से जोड़ा और उन्हें उत्तर प्रदेश की फिल्म विकास परिषद का अध्यक्ष भी बनाया गया। वह इस पद पर अपने अंतिम समय तक रहे। उन्हें 10 अगस्त को दिल्ली के एक होटल में कसरत करते हुए दिल का दौरा पड़ा था।
इससे एक दिन पहले ही अपने आखिरी ट्वीट में उन्होंने एक वीडियो डाला और 13 से 15 अगस्त के बीच हर घर तिरंगा फहराने के प्रधानमंत्री के आह्वान का समर्थन किया। वह हास्य से परे आलोचनात्मक रुख भी रखते थे। उन्होंने ओटीटी मंच के शो ‘मिर्जापुर’ की हिंसक और अश्लील विषयवस्तु को लेकर इसकी आलोचना की थी।
उन्होंने 2021 में वेब सीरीज ‘तांडव’ पर कथित रूप से हिंदुओं की भावनाएं आहत करने के लिए निशाना साधा। राजू के पिता रमेश श्रीवास्तव भी हास्य कवि थे। राजू श्रीवास्तव जब कानपुर से मुंबई कॅरियर बनाने पहुंचे थे, उन्हीं दिनों फिल्म ‘कुली’ की शूटिंग के दौरान अमिताभ बच्चन चोटिल हो गये थे।
राजू के भाई दीपू श्रीवास्तव ने बताया, ‘‘राजू भाई रोजाना वड़ा पाव खाते थे और अस्पताल के बाहर खड़े होकर बच्चनजी के लिए दुआ करते थे।’’ राजू श्रीवास्तव के भाई के अनुसार वह मुंबई में फुटपाथ और पार्कों में सोये, झुग्गियों में रहे। टी-सीरीज के मालिक गुलशन कुमार ने उन्हें एक बार एक कार्यक्रम में प्रस्तुति देते देखा और ‘हंसना मना है’ नाम के ऑडियो कैसेट शो करने की पेशकश की। यहां से राजू श्रीवास्तव के कॅरियर ने नया मोड़ ले लिया।