Mirzapur 2: नेता जी बनना है तो गुंडे पालो, गुंडे मत बनो... 'मिर्जापुर 2' के 10 भौकाल मचाने वाले डायलॉग्स
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: October 27, 2020 01:17 PM2020-10-27T13:17:47+5:302020-10-27T13:18:10+5:30
'मिर्जापुर' के डायलॉग्स को फैन्स ने खूब पसंद किया था और आज भी वो सबकी जुबान पर चढ़े हुए हैं, आइए बताते हैं 'मिर्जापुर 2' के 10 बेस्ट डायलॉग्स कौन से हैं...
अमेजन प्राइम की फेमस वेब सीरीजमिर्जापुर 2 का प्रीमियर 22 अक्टूबर को हो गया है। इस ब्लॉकबस्टर सीरीज का फैन्स पिछले काफी वक्त से इंतजार कर रहे थे । 'मिर्जापुर 2' के सभी 10 पार्ट को गुरुवार को ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजॉन प्राइम वीडियो पर रिलीज किए गए हैं।
मिर्जापुर के इलाक़ों में प्रतिशोध, षड्यंत्र, रोमांस, ड्रामा और दुर्जेय नारी शक्ति की असंख्य परतों के ज़रिए नई कहानी, गन, ड्रग्स और अधर्म की गंदी दुनिया में इसका कथानक और भी गहरा होता चला जाता है। इस बार की सीरीज में कई नए कलाकारों को एंट्री दी गई है। फिर भी मिर्जापुर 2 वो कमाल नहीं कर पाई है, जिसकी उम्मीद की गई थी।
इस बार सीरीज में कहानी से ज्यादा गालियों और क्राइम पर फोकस किया गया है। बहुत जगह आपको देखकर लगेगा कि इन सीन्स की सीरीज में जरुरत ही नहीं थी। लेकिन इसके बाद भी सीरीज में कई ऐसे दमदार डायलॉग हैं जिन्होंने फैंस के बीच भौकाल मचा दिया है-
1- बातें ज्यादा हुई नहीं, बस आहट लेकर आ गए
2- शादीशुदा मर्द को अपनी स्त्री से भय न हो तो इसका मतलब है कि शादी में कुछ गड़बड़ है
3- औरत चाहे चंबल की हो या पूर्वांचल की, जब गन उठाई है तो इसका मतलब है कि दिक्कत में है
4- शर्मा से क्या शर्माना, दिस इज ए कॉमन डिजीज
5- कुछ लोग बाहुबली पैदा होते हैं और कुछ को बनाना पड़ता है, इनको बाहुबली बनाएंगे
6- दिखाते समय कॉन्फिडेंस हो तो पब्लिक पूछती नहीं कि फाइल में क्या है
7- जब कुर्बानी देने का टाइम आए तो सिपाही की दी जाती है. राजा और राजकुमार जिंदा रहते हैं , गद्दी पर बैठने के लिए
8- नेता जी बनना है तो गुंडे पालो, गुंडे मत बनो
9- गद्दी पर चाहे हम बैठें या मुन्ना नियम सेम होगा
10- हमारा उद्देश्य एक है... जान से मारेंगे...क्योंकि मारेंगे तभी जी पाएंगे
क्या है आएगा तीसरा सीज़न?
इस बार कहानी में कई नए किरादर जुड़े हैं। अंत में गुड्डू पंडित ( अली फज़ल) को मिर्ज़ापुर की गद्दी मिल जाती है। वहीं, मुन्ना त्रिपाठी (दिव्येंदु शर्मा) की कहानी ख़त्म हो जाती है। हालांकि, घायल कालीन भइया (पंकज त्रिपाठी) को शरद शुक्ला ( अंजुम शर्मा) अपने साथ ले जाते हैं। ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि तीसरे सीज़न में कालीन भइया शरद के सहारे वापसी कर सकते हैं। इसके साथ ही कालीन भइया के दूसरे बेटे की कहानी को भी पेश किया जाएगा।