पुण्यतिथि विशेषांक: बॉलीवुड के इस एक्टर से इश्क करती थीं मीना कुमारी, पढ़ें ट्रेजिडी क्वीन के कुछ रोचक किस्से

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 31, 2020 08:03 AM2020-03-31T08:03:06+5:302020-03-31T08:03:06+5:30

सात साल की उम्र से बेबी मीना के नाम से पहली बार फ़िल्म मीना कुमारी ने फरज़द-ए-हिंद में दिखाई दीं। इसके बाद लाल हवेली, अन्‍नपूर्णा, सनम, तमाशा आदि कई फिल्में कीं।

meena kumari death anniversary special kanow more about meena kumari filmy career | पुण्यतिथि विशेषांक: बॉलीवुड के इस एक्टर से इश्क करती थीं मीना कुमारी, पढ़ें ट्रेजिडी क्वीन के कुछ रोचक किस्से

फाइल फोटो

Highlightsमीना कुमारी अपने ज़माने की बेहतरीन एक्ट्रेस थींफिल्म ‘बैजू बावरा’ ने मीना कुमारी को अलग पहचान दिलाई. इस फिल्म के लिए उन्हें बेस्‍ट एक्‍ट्रेस का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था.

मीना कुमारी अपने ज़माने की बेहतरीन एक्ट्रेस थीं. कहते हैं कि स्क्रीन पर जो गम की तस्वीर वो बना देती थीं वो किसी और के बस की बात नहीं थी. फिल्म ‘बैजू बावरा’ ने मीना कुमारी को अलग पहचान दिलाई. इस फिल्म के लिए उन्हें बेस्‍ट एक्‍ट्रेस का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था. लेकिन उम्र भर मुश्किलों ने मीना कुमारी का दामन कभी नहीं छोड़ा. शायद इसीलिए उन्हें ट्रेजेडी क्वीन भी कहा जाता है. चलिए आपको बताते हैं मीना कुमारी से जुड़े कुछ रोचक किस्से.

1. मीना कुमारी के माँ बाप अली बक्श और इकबाल बानो की आर्थिक स्थिति कुछ ठीक नहीं थी. दोनों थियेटर आर्टिस्ट थे. जब अली बक्श के घर तीसरा बच्चा भी लड़की पैदा हुई तो वो बहुत निराश हुए और सोचा कैसे इस गरीबी में वो गुज़ारा करेंगे.  इसीलिए वो अपनी 2 दिन की बच्ची को दादर के एक यतीमखाने की सीढ़ी पर छोड़ आए. लेकिन कुछ कदम चलने के बाद जब नन्ही बच्ची के रोने की आवाज़ उनके कान पर पड़ी तो पिता का दिल पसीज गया. जब वापिस सीढ़ियों पर आए तो उस बच्ची के शरीर पर छोटी छोटी लाल चीटिंया लग गई थी. उन्होंने प्यार से उसे साफ किया और घर ले आए.

2. कहा जाता है कि मीना कुमारी स्कूल जाना चाहती थी, लेकिन माँ बाप ने उन्हें पड़ने नहीं दिया. दरअसल मीना कुमारी के घर के हालात कुछ ठीक नहीं थे. इसलिए उनकी माँ इक़बाल बानो बच्चों के रोल के लिए 7 साल की मीना कुमारी को प्रोड्यूसर विजय भट्ट के पास ले गई. मीना कुमारी का क्यूट फेस उन्हें बहुत पसंद आया और उन्होंने  फिल्म  ‘लेदरफेस’(1939) में उन्हें बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट साइन कर लिया.

३. मीना कुमारी का असली नाम महजबीन बानो था. मीना को ये नाम प्रोडूसर विजय भट्ट साहब ने दिया था. फिल्म ‘लेदरफेस’ में अभिनय करने के बाद विजय भट्ट ने कहा की महजबीन अभी और फिल्में भी कर रही है तो ये नाम कुछ ठीक नहीं  है. इसलिए उन्होंने महजबीन को बेबी मीना नाम दिया. बाद में उनका नाम मीना कुमारी पड़ गया.

4. मीना कुमारी का परिवार दादर की चौल में रहता है. पास में ही रूपतारा स्टूडियो था जहां फिल्मों की शूटिंग होती रहती थी. अक्सर मीना कुमारी उसके कंपाउंड में खेला करती थी. एक बार पिता अली बक्श ने मीना कुमारी को उस वक़्त के सुपरस्टार अशोक कुमार से मिलवाया. अशोक साहब ने मीना कुमारी को कहा की अभी आप बहुत छोटे हो, जल्दी बड़े हो जाए तो फिर हमारे साथ काम करना हमारी हीरोइन बनकर. अब ये महज़ एक इत्तेफाक है या कुछ  लेकिन  अशोक कुमार की बात सच हुई और फिल्म 'तमाशा' में  मीना को  अशोक कुमार के अपोजिट कास्ट किया गया.

5. मीना कुमारी ने अपने करियर में सबसे ज्यादा फिल्में अशोक कुमार के साथ की. दोनों ने साथ में   ‘परिणीता’ (1953), ‘बंदिश’ (1955), ‘शतरंज’ (1956), ‘एक ही रास्ता’ (1956), ‘आरती’ (1962), ‘बहू बेग़म’ (1967), ‘जवाब’ (1970) और ‘पाक़ीज़ा’ (1972) जैसी हिट फिल्मों में काम किया.

6. मीना कुमारी का नाम उस दौर की सबसे ज्यादा फीस लेने वाली कुछ एक्ट्रेस में आता है. उस समय में वो एक फिल्म के लिए वो 10,000 रुपए की मोटी फीस लेती थीं. इतना ही नहीं बड़ी स्टार बनने के बाद उनकी फीस और ज्यादा बड़ गई. लेकिन इतनी मोटी फीस होने के बाद भी प्रोड्यूसर्स अपनी फिल्म में साइन करने के लिए उनके घर बाहर लाइन लगाते थे.

7. एक बार की बात है मीना कुमारी अपनी बहन के साथ महाबलेश्वर से लौट रही थीं. रास्ते में उनकी कार का ज़बरदस्त एक्सीडेंट हुआ. इस हादसे में उनका एक हाथ बुरी तरह से ज़ख़्मी हुआ जिसकी वजह से उनकी दो अंगुलियां काटनी पड़ी. लेकिन ये बड़ी ताज्जुब की बात की अपने पूरे करियर में उन्होंने ऑडियंस को ये को पता नहीं लगने दिया कि उनकी दो अंगुलियां नहीं हैं.

8. मीना कुमारी और राइटर-डायरेक्टर कमाल अमरोही की दुखद प्रेम कहानी जग जाहिर है. मीना कुमारी कमाल अमरोही से काफी इंस्पायर्ड थी. जब मीना का एक्सीडेंट हुआ तो दोनों बहुत करीब आ गए थे. दोनों के बीच प्रेम पनपने लगा. इतना ही नहीं दोनों एक दुसरे के प्यार में इतना पागल थे की एक-दूसरे को ख़त लिखा करते थे और पूरी-पूरी रात फोन पर बातें किया करते थे.

9. महज़ 19 साल की उम्र में मीना कुमारी ने घरवालो से छुपकर अपने से 15 साल बड़े कमाल अमरोही से 14 फरवरी, 1952 को  शादी कर ली थी. वो बिना बताए ही कमाल अमरोही के घर पहुंच गई थीं और फिर वहीं रहने लगीं. लेकिन शादी के कुछ समय बाद से ही दोनों के बीच खटास आने लगी. दोनों में ईगो कलश होने लगा

10. कमाल अमरोही मीना कुमारी के लिए बहुत पज़ेसिव थे. उन्होंने मीना कुमारी पर कई बंदिशे लगा राखी रही. जैसे मीना कुमारी के मेकअप रूम में किसी भी पुरुष का जाना मना था. इतना ही नहीं कमाल ने उनके लिए  एक असिस्टेंट भी रखा हुआ था जो मीना कुमारी की हर खबर उन तक पंहुचा सके.

11. 1958  में जब कमाल अमरोही ने पाकीजा फिल्म बनाने का सोचा तब दोनों के रिश्ते काफी ख़राब हो गए थे. फिल्म की प्लानिंग शुरू हो गई थी. 1964 में मीना कुमारी और कमाल अमरोही अलग हो गए. कमाल अमरोही और मीना कुमारी का रिश्ता क़रीब 10 साल तक चला.  पाकीज़ा बीच में ही रह गई. बताया जाता है 1969 में फिर सुनील दत्त और नर्गिस ने मीना कुमारी और कमाल अमरोही को फिल्म पूरा करने के लिए मनाया. आखिरकार फिल्म 1972 रिलीज़. हालांकि रिलीज़ के बाद  बॉक्स ऑफिस फिल्म ज्यादा कमाल नहीं कर पाई , लेकिन 31 मार्च 1972 को मीना कुमारी की अचानक मौत के बाद  सुपरहिट साबित हुई.

12. कमाल अमरोही से तलाक के बाद मीना कुमारी के जीवन में कई पुरुष आए.  बताया जाता है की मीना कुमारी और धर्मेंद्र का रिश्ता बड़ा गहरा था. कमाल अमरोही से अलग होने के बाद मीना कुमारी बहुत अकेली पद गई थी. उस वक़्त धर्मेन्द्र  अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी लेकिन मीना कुमारी के सितारे बुलंदियों पर थे. कई हिट फिल्में देने वाली मीना कुमारी उस वक़्त बॉलीवुड के आसमां का वो सितारा थीं, जिसे छूने के लिए हर कोई बेताब था. धीरे धीरे मीना कुमारी और धर्मेन्द्र करीब आने लगे. दोनों की नजदीकियों के चर्चे होने लगी थी.कहा जाता है मीना कुमारी, धर्मेंद्र के प्यार में इस कदर पागल हो गईं थीं कि उन्हें उनके अलावा कुछ सूझता ही नहीं था. धर्मेन्द्र ने  मीना कुमारी पर अपना जादू चला दिया था. इतना नहीं मीना कुमारी के शोहरत के बल पर धर्मेद्र के करियर की डूबती नैया को किनारा मिल गया था. उन्होंने धर्मेद्र के करियर को ऊंचाइयों तक ले जाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी और फिर धीरे-धीरे धर्मेद्र के करियर ने भी रफ्तार पकड़ी. मीना कुमारी ने धर्मेन्द्र को एक्टिंग करना भी सिखाया. लेकिन  फिल्म ‘फूल और पत्थर' की सफलता के बाद, धर्मेद्र ने मीना कुमारी से दूरियां बनानी शुरू कर दीं थी. दोनों का रिश्ता ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाया. मीना कुमारी अंदर ही अंदर टूट गई थी और धर्मेन्द्र की इस बेवफाई को वो झेल नहीं पाईं. कहा जाता है धर्मेन्द्र से दूर होने के बाद मीना कुमारी ने खुद को शराब में डुबो लिया था.

13. बताया जाता है फिल्म पाकीजा में पहले राजकुमार की जगह धर्मेन्द्र को लिया गया था. लेकिन धर्मेन्द्र और मीना कुमारी की नजदीकियों की खबरों की वजह से कमाल अमरोही ने धर्मेन्द्र को फिल्म का हिस्सा बनने नहीं दिया

14. अंत समय में मीना कुमारी भावनात्मक रूप से गीतकार और निर्देशक गुलज़ार के काफी करीब रही. हालाँकि मीना कुमारी और गुलज़ार के बीच कैसा रिश्ता रूमानी था ये साफ़ नहीं है. लेकिन मीना कुमारी के जीवन में गुलज़ार की जगह कितनी एहम थी इस बात से लगाया जा सकता है की मीना कुमारी ने अपनी नीजी dairy और अपनी कविताएं गुलज़ार को सौप दी थी. उनकी निजी डायरी आज भी अप्रकाशित है

15. मीना कुमारी को 7 साल ही उम्र से ही अपने परिवार को चलाने के लिए फिल्मो में काम करना पड़ा था. अपनी पहली फिल्म ‘लेदरफेस’के लिए उन्हें २५ रूपये का मेहनताना मिला था. लेकिन ग़ुरबत के उन दिनों में ही उन्हें बासी रोटी खाने की आदत पड़ गई थी. बासी रोटी से बचपन में जूडा उनका नाता आजीवन नहीं टूटा. बड़ी फिल्मस्टार बनने के बाद भी वो बासी रोटी खाना ही पसंद करती थी. लेकिन उनके पति कमाल अमरोही को उनकी ये आदत पसंद नहीं थी

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