Malayalam film industry: अभिनेत्री का यौन उत्पीड़न, शोषण और दुर्व्यवहार, समझौता करो नहीं तो काम नहीं मिलेगा, हेमा समिति ने खोल दी पोल, 297 पेज की रिपोर्ट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 19, 2024 09:14 PM2024-08-19T21:14:14+5:302024-08-19T21:17:34+5:30
Malayalam film industry: महिला कलाकारों को उत्पीड़न का सामना करना पड़ा, जिसमें फिल्म उद्योग में नशे में धुत व्यक्तियों द्वारा उनके कमरों के दरवाजे खटखटाने की घटनाएं भी शामिल हैं।
Malayalam film industry: न्यायमूर्ति हेमा समिति की सोमवार को सामने आई रिपोर्ट में मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं द्वारा सामना किए जाने वाले यौन उत्पीड़न पर प्रकाश डाला गया है, जिसमें कई महिलाओं ने आरोप लगाया है कि काम शुरू करने से पहले ही उन पर अवांछित समझौता करने के लिए जोर दिया गया। रिपोर्ट में इस मुद्दे पर गहराई से प्रकाश डाला गया है, जिससे मलयालम फिल्म उद्योग में महिला पेशेवरों की सुरक्षा और कल्याण के बारे में चिंता उत्पन्न हो गई हैं। सरकार ने 2019 में न्यायमूर्ति हेमा समिति का गठन किया था।
समिति ने मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं द्वारा सामना किए जाने वाले मुद्दों का अध्ययन किया। इस रिपोर्ट में महिलाओं के यौन उत्पीड़न, शोषण और दुर्व्यवहार के महत्वपूर्ण विवरण को उजागर किया गया है। सरकार को सौंपे जाने के पांच साल बाद रिपोर्ट की प्रति आरटीआई अधिनियम के तहत मीडिया को दी गई।
चौंकाने वाले खुलासों की एक श्रृंखला में, रिपोर्ट में कहा गया है कि महिला कलाकारों को उत्पीड़न का सामना करना पड़ा, जिसमें फिल्म उद्योग में नशे में धुत व्यक्तियों द्वारा उनके कमरों के दरवाजे खटखटाने की घटनाएं भी शामिल हैं। इसमें कहा गया है कि यौन उत्पीड़न की शिकार कई महिलाएं डर के कारण पुलिस में शिकायत करने से कतराती हैं। रिपोर्ट के अनुसार, जो महिला कलाकार समझौता करने के लिए तैयार होती हैं, उन्हें कोड नाम दे दिए जाते हैं और जो समझौता करने के लिए तैयार नहीं होतीं, उन्हें काम नहीं दिया जाता है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘सिनेमा में अभिनय या कोई अन्य काम करने का प्रस्ताव महिलाओं को यौन संबंधों की मांग के साथ दिया जाता है। जैसा कि मैंने पहले ही बताया है, महिलाओं से समझौता करने के लिए कहा जाता है, जिसके तहत उनसे यौन संबंध बनाने की मांग की जाती है।’’