'जिनको भारत में डीजल, पेट्रोल महंगा लगता है, वो अफगानिस्तान चले जाए', बोले अभिनेता- मूर्खता की एक खूबी होती है
By अनिल शर्मा | Published: August 20, 2021 09:24 AM2021-08-20T09:24:51+5:302021-08-20T10:02:02+5:30
केआरके ने आगे लिखा- म्यांमार के सैन्य शासन ने लोकतांत्रिक सरकार को हटा दिया और UN ने कुछ नहीं किया। और अफगानिस्तान में भी UN कुछ नहीं कर सकता। तो सच यह है कि UN एक मजाक है। यूएन यूएसए की एक शाखा है। इससे ज्यादा कुछ नहीं।
अफगानिस्तान पर तालिबानी कब्जे के बाद वहां के स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। वहीं तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान के हालात के बहाने भारत में सोशल मीडिया पर कई तरह की बातें कही जा रही हैं। बॉलीवुड अभिनेता कमाल राशिद खान ने इसको लेकर ट्विट किया है।
कमाल राशिद खान यानी केआरके ने लिखा- मूर्खता की एक खूबी होती है कि उसकी कोई सीमा नहीं होती! बस यही खूबी अंधभक्तों में है! तो अब अंधभक्त कह रहे हैं कि जिनको भारत में डीजल, पेट्रोल महंगा लगता है वो अफगानिस्तान चले जाएं!
मूर्खता की एक ख़ूबी होती है, कि उसकी कोई सीमा नहीं होती! बस यही ख़ूबी अंधभक्तों में है! तो अब अंधभक्त कह रहे हैं, कि जिनको India में diesel, petrol महँगा लगता है, वो #Afghanistan चले जाए! 🙏🏼🙏🏼🙏🏼😭
— KRK (@kamaalrkhan) August 19, 2021
केआरके ने तालिबान के कब्जे के बाद भारत और अफगानिस्तान के बीच संबंधों को लेकर भी अपनी टिप्पणी की है। गौरतलब है कि तालिबानी कब्जेवाले अफगानिस्तान ने भारत के साथ आयात-निर्यात पर रोक लगा दी है। इसको लेकर केआरके ने कहा- तालिबान ने भारत के साथ आयात-निर्यात बंद कर दिया है। यह तालिबान का पहली कार्रवाई है। हमारी सरकार चीन के नाम की तरह आधिकारिक बयानों में तालिबान का नाम लेने को तैयार नहीं।
I feel really sad, when our politicians and party spokespersons compare #India with the countries like #Pakistan and #Afghanistan instead of #America and #Europe. Our politicians should be ashamed for such a bad thinking.
— KRK (@kamaalrkhan) August 19, 2021
केआरके ने आगे लिखा- म्यांमार के सैन्य शासन ने लोकतांत्रिक सरकार को हटा दिया और UN ने कुछ नहीं किया। और अफगानिस्तान में भी UN कुछ नहीं कर सकता। तो सच यह है कि UN एक मजाक है। यूएन यूएसए की एक शाखा है। इससे ज्यादा कुछ नहीं। कमाल राशिद खान ने अपने एक और ट्वीट में अफगानिस्तान मसले पर अपनी बात रखी- मुझे वास्तव में दुख होता है, जब हमारे राजनेता और पार्टी के प्रवक्ता भारत की तुलना अमेरिका और यूरोप के बजाय पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे देशों से करते हैं। ऐसी घटिया सोच के लिए हमारे राजनेताओं को शर्म आनी चाहिए।