कबीर खान ने मुगलों को असली राष्ट्र निर्माता बताया, कहा- फिल्मों में उन्हें गलत तरीके से पेश किया जा रहा
By अनिल शर्मा | Published: August 27, 2021 08:10 AM2021-08-27T08:10:44+5:302021-08-27T08:46:31+5:30
कबीर खान ने कहा है कि मुगल असली राष्ट्र निर्माता थे और हिंदी फिल्मों में उन्हें जिस तरह से दिखाया जाता है, वो गुस्सा दिलाने वाला है। फिल्ममेकर ने कहा, मुझे इस तरह की फिल्में बहुत परेशान करती हैं क्योंकि ये सब ये लोकप्रिय सोच को ध्यान में रखकर बनाई जा रही हैं।
मुंबईः एक तरफ बॉलीवुड के गीतकार मनोज मुंतशिर (Manoj Muntashir) ने मुगलों (Mughal) को डकैत बताया है तो दूसरी तरफ काबुल एक्सप्रेस जैसी फिल्म बनाने वाले फिल्ममेकर कबीर खान (Kabir Khan) ने उन्हें असली राष्ट्र निर्माता कहा। दोनों ही बयानों को लेकर सोशल मीडिया गर्म रहा। इन बयानों के समर्थक अपनी-अपनी दलीलों के साथ एक-दूसरे को ट्रोल करने की कोशिश की।
ईटाइम्स से बातचीत में कबीर खान ने कहा है कि मुगल असली राष्ट्र निर्माता थे और हिंदी फिल्मों में उन्हें जिस तरह से दिखाया जाता है, वो गुस्सा दिलाने वाला है। फिल्ममेकर ने कहा, मुझे इस तरह की फिल्में बहुत परेशान करती हैं क्योंकि ये सब ये लोकप्रिय सोच को ध्यान में रखकर बनाई जा रही हैं। मेरा मानना है किसी भी चीज को दिखाने का सबका अलग नजरिया हो सकता है लेकिन जब आप मुगलों को गलत दिखाना चाहते हैं तो उसे बताइए कि आखिर वो गलत कैसे थे।
कबीर खान ने कहा कि मुगलों को विलेन या गलत किस आधार पर दिखाया जा रहा है इसपर खुली बहस होनी चाहिए। फिल्ममेकर ने कहा, अगर आपने इतिहास पढ़ा है तो ये समझना मुश्किल होगा कि आखिर उन्हें विलेन के तौर पर क्यों दिखाया जा रहा है। मुझे लगता है कि वो लोग तो असली राष्ट्र-निर्माता थे और उन्हें हत्यारा किस आधार पर दिखाया जा रहा है। इसपर एक खुली बहस होनी चाहिए।
कबीर खान ने इस दौरान अफगानिस्ता के हालात पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने अपनी फिल्म काबुल एक्सप्रेस अफगानिस्तान में ही शूट की थी। इस दौरान का अनुभव साझा करते हुए निर्देशक ने कहा कि आदि (निर्माता आदित्य चोपड़ा) ने मुझे बताया था कि अफगानिस्तान में एक फिल्म का निर्माण करना बहुत मुश्किल है। उन्होंने पूछा था, 'क्या आप लोगों को जानते हैं?'
मैं आज बेबस हूंः कबीर खान
कबीर खान ने कहा कि फिल्म शूट के दौरान इन लोगों (अफगानी) ने मेरा पूरा समर्थन किया और मेरी पहली फिल्म को सेटअप करने में मेरी मदद की। भाईजान के निर्देशक ने आगे कहा कि जब हमें फिल्मांकन के दौरान तालिबान से जान से मारने की धमकी मिली तो उन लोगों ने फिर से हमारी मदद की, हमें सुरक्षा दी, जिसमें सरकार और स्थानीय लोग भी शामिल थे। उन्हीं की वजह से मैं अपनी फिल्म वहां पूरा कर पाया और ये वही लोग हैं जो आज मदद मांग रहे हैं और मैं बेबस हूं।
गौरतलब है कि गीतकार मनोज मुंतशिर ने अपनी कविता में मुगलों को डकैत बताते हुए कहा है कि 'घर से आनेवाली सड़कों के नाम भी किसी अकबर, हुमायूं, जहांगारी जैसे ग्लोरिफाइड डकैत के नाम पर रख दिए गए और हम रिबन काटते हुए मौकापरस्त नेताओं को देखकर तालियां बजाते रहे।' गीतकार की इस कविता पर लोगों ने सोशल मीडिया पर खूब नाराजगी जाहिर की। हालांकि कुछ ने इसका समर्थन भी किया।