Judgementall Hai Kya Movie Review: जबरदस्त एक्टिंग और थ्रिलर से सजी है कंगना-राजकुमार की 'जजमेंटल है क्या'
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: July 26, 2019 09:44 AM2019-07-26T09:44:31+5:302019-07-26T09:44:31+5:30
इस हफ्ते की बड़ी रिलीज 'जजमेंटल है क्या' का स्पेशल रिव्यू पेश है आपके सामने, आइए जानते हैं कैसी है कंगना रनौत और राजकुमार राव की फिल्म-
सितारे: कंगना रनौत, राजकुमार राव, जिमी शेरगिल, अमायरा दस्तूर, बिजेंद्र काला और सतीश कौशिक
निर्देशक: प्रकाश कोवेलामुदी
रेटिंग्स: 3/5 स्टार्स
आज पर्दे पर कंगना रनौत और राजकुमार राव की जजमेंटल है क्या रिलीज हो गई है। फिल्म थ्रिल बेस कहानी पर बनी है। ऐसे में फिल्म में फैंस को बहुत कुछ मिलने वाला है फिल्म में एक अच्छी कहानी के अलावा शानदार एक्टिंग का तड़का भी मिलेगा। आइए जानते हैं कैसी है फिल्म-
कहानी
घरेलु हिंसा की शिकार होने के कारण बॉबी यानि(कंगना रनौत) बचपन से ही मानसिक रूप से बीमार होती है। बॉबी जैसे जैसे बड़ी होती है उस रूप से उसकी बीमारी भी बढ़ जाती है। किसी पर भी शक करना, किसी को कुछ भी बोल देना। इतना ही नहीं किसी को मार देना बॉबी की पसंद बन जाता है। वह खुद को जासूस सा भी महससू करती है।
इसी बीच बॉबी के घर केशव (राजकुमार राव) अपनी पत्नी रीमा (अमायरा दस्तूर) संग किराए पर रहने आता है। यहीं बॉबी को लगता है केशव अपनी पत्नी रीमा को मार डालेगा। लेकिन इसी बीच रीमा का सच में मर्डर हो जाता है। बॉबी और केशव दोनों इसमें फंस जाते हैं। लेकिन बॉबी को लगता है यह मर्डर है और केशव ने ही इसे अंजाम दिया है। देखना होगा कि आखिर दोनों में से कौन इसमें फंसता है।
एक्टिंग
कंगना रनौत की पागलपंती फैंस को हौरान करने वाली है। ऐसा लग रहा है कि कंगना ने अपने किरदार को जिया है। वह हर एक सीन में एक दम फिट बैठ रही हैं। राजकुमार राव की हात की जाए तो एक शांत से किरदार में वह एक दम सटीक एक्टिंग करते नजर आ रहे हैं। अमायरा दस्तूर छोटी सी भूमिका में छाप छोडती हैं।
म्यूजिक
गानों के मामले में फिल्म में खास काम नहीं किया गया है।'वखरा स्वैग' ही फैंस को थोड़ा पसंद आया है। लेकिन बैकग्राउंड म्यूजिक के मामले में फिल्म में बढ़िया काम किया गया है।
ख़ास बातें
कंगना रनौत और राजकुमार राव की अदाकारी आपको फिल्म में बहुत ज्यादा पसंद आने वाली है। फिल्म का कहानी अंत तक बांधे रखती है।निर्देशन, छायांकन और बैकग्राउंड स्कोर काफी अच्छा है।
कमज़ोर कड़ियाँ
दूसरे हिस्से में कहानी अटपटी लगती है। इतना ही नहीं राजकुमार राव का किरदार बहुत कम है। फिल्म के अंत में कई सवालों के जवाब नहीं मिलते। ऐसा भी लगता है कि अंत जल्दबाज़ी कर दी गई हो।