अफगानिस्तानः तालिबानी बर्बरता के खिलाफ बोले जावदे अख्तर- शर्म आती है पश्चिमी देशों पर जो मानवाधिकारों के रक्षक होने का दावा करते हैं
By अनिल शर्मा | Published: August 17, 2021 07:56 AM2021-08-17T07:56:12+5:302021-08-17T09:40:47+5:30
हिंदी फिल्मों के गीतकार जावेद अख्तर ने महाशक्ति अमेरिका सहित पश्चिमी देशों और मानवाधिकारों को धिक्कारा है। जावेद अख्तर ने अमेरिका जैसी महाशक्ति के कुछ ना करने और अफगानिस्तान की महिलाओं को इन कट्टरपंथियों की दया में छोड़ देने को लेकर काफी गुस्सा जाहिर किया है।
मुंबईः चरमपंथी संगठन तालिबान के काबुल पर कब्जा करने के बाद अफगानिस्तान में लोग डरे सहमे हुए हैं। बिना सामान लिए ही लोग किसी भी तरह से तालिबानी कब्जेवाले अफगानिस्तान से बच निकलना चाहते हैं। ऐसी भयावह तस्वीर के बीच भारतीय मुसलमानों की चुप्पी पर लोग सवाल उठा रहे हैं। ट्विटर पर इंडियन मुस्लिम ट्रेंड कर रहा है।
वहीं हिंदी फिल्मों के गीतकार जावेद अख्तर ने महाशक्ति अमेरिका सहित पश्चिमी देशों और मानवाधिकारों को धिक्कारा है। जावेद अख्तर ने अमेरिका जैसी महाशक्ति के कुछ ना करने और अफगानिस्तान की महिलाओं को इन कट्टरपंथियों की दया में छोड़ देने को लेकर काफी गुस्सा जाहिर किया है।
जावेद अख्तर ने ट्वीट किया- अमेरिका किस तरह की महाशक्ति है कि वह तालिबान नामक इन बर्बर लोगों को खत्म नहीं कर सका। यह कैसी दुनिया है जिसने अफगानी महिलाओं को इन कट्टरपंथियों की दया के वश में छोड़ दिया है। उन सभी पश्चिमी देशों पर शर्म आती है जो मानवाधिकारों के रक्षक होने का दावा करते हैं।
What kind of super power US is that it couldn’t eradicate these barbarians called Talibans. What kind of world this world is that has left Afghan women to the lack of mercy of these fanatics.Shame on all those western countries who claim to be the saviours of human rights
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) August 16, 2021
जावेद अख्तर के इस ट्वीट को कुछ लोगों का समर्थन मिल रहा है तो कुछ मजम्मत कर रहे हैं। एक पाकिस्तानी यूजर ने जावेद अख्तर पर कश्मीरी और फिलिस्तीनी महिलाओं का हवाला देकर ट्रोल करने की कोशिशी की जिसका गीतकार ने बकायदा जवाब दिया।
यूजर ने लिखा- अफ़ग़ान महिलाएं कश्मीर और फ़िलिस्तीन की महिलाओं से किस प्रकार भिन्न हैं? क्या उन्हें कट्टरपंथियों द्वारा क्रूरता नहीं दी जा रही है या कश्मीर और फिलिस्तीन में कट्टरपंथियों ने महिलाओं और बच्चों के प्रति दया नहीं दिखाई है? क्या आप बच्चों और महिलाओं को पैलेट गन से गोली मारने और गनशिप से हमला करने के फुटेज देख पा रहे थे? बोलो।
How r the Afghan women different from those in Kashmir & Palestine? Aren't they brutalized by fanatics or r the fanatics in Kashmir & Palestine merciful toward women & children? Were u able to see footages of children & women shot with pallet guns & attacked by gunships? Speak up
— IAK (@ijaz_66) August 16, 2021
जावेद अख्तर ने प्रतिकार करते हुए लिखा- क्या आप यह सुझाव दे रहे हैं कि चूंकि कुछ अन्य जगहों पर भी महिलाओं के साथ अन्याय और क्रूरता होती है, इसलिए तालिबानों का विरोध और निंदा नहीं की जानी चाहिए। यह कैसा लॉजिक है? जावेद अख्तर के जवाब पर यूजर ने लिखा- नहीं महोदय, मेरा सुझाव है कि ऐसे तत्वों की दुनिया में हर जगह निंदा की जानी चाहिए और उनके खिलाफ आपकी समझदार आवाज सुनी जाएगी और उसका सम्मान किया जाएगा।