अनाथ आश्रम में बच्चों के लिए खाना बनाती थीं जगदीप की मां, खुद सड़क पर बेचा करते थे साबुन-कंघी
By अमित कुमार | Published: July 9, 2020 10:03 AM2020-07-09T10:03:54+5:302020-07-09T10:03:54+5:30
मशहूर हास्य कलाकार-अभिनेता जगदीप का बुधवार को उनके आवास पर निधन हो गया। वे 81 वर्ष के थे। उन्होंने ''शोले'' फिल्म में ''सूरमा भोपाली'' के अपने किरदार से लोगों के दिलों पर गहरी छाप छोड़ी। फिल्मी दुनिया में जगदीप के नाम से मशहूर हुए इस कलाकार का वास्तविक नाम सैयद इश्तियाक अहमद जाफरी था। जगदीप के लिए बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाना आसान नहीं था।
बॉलीवुड में कॉमेडी युग की शुरुआत करने वाले जगदीप को पहली फिल्म के लिए 6 रुपए मिले थे। बचपन के दिनों में उनके पास इस फिल्म का ऑफर आया, जिसमें उन्हें ताली बजाने के लिए 3 रुपए दिए गए। 1947 में देश के बंटवारा हुआ और तभी जगदीप के बैरिस्टर पिता की मौत भी हो गई। इसके बाद उनके परिवार की आर्थिक हालत बेहद खराब हो गई थी।
संघर्षों में गुजरा बचपन का दिन
परिवार का गुजारा करने के लिए जगदीप की मां एक अनाथ आश्रम में खाना बनाने लगी। वहीं जगदीप खुद सड़कों पर खड़े होकर साबुन-कंघी बेचने लगे। इसी दौरान एक दिन बीआर चोपड़ा की नजर उन पर पड़ी और उन्होंने अपने फिल्म के लिए बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट उन्हें शामिल कर लिया। साल 1951 में फिल्म ''अफसाना'' से उन्होंने अपनी सिने यात्रा की शुरुआत की।
करीब 400 फिल्मों में किया काम
जगदीप ने करीब 400 फिल्मों में काम किया लेकिन 1975 में आई फिल्म शोले के सूरमा भोपाली के उनके किरदार को प्रशंसक आज भी याद करते हैं। उनका डायलॉग ''हमारा नाम सूरमा भोपाली ऐसे ही नहीं है'' काफी मशहूर हुआ। उन्होंने ''पुराना मंदिर'' नाम की एक भुतिया फिल्म में भी अभिनय किया और ''अंदाज अपना अपना'' में सलमान खान के पिता का यादगार किरदार निभाया।