भारत में जाति या धर्म से ऊपर उठ पाना नामुमकिन है : ‘पाताल लोक’ के लेखक सुदीप शर्मा

By भाषा | Published: May 19, 2020 02:02 PM2020-05-19T14:02:57+5:302020-05-19T14:02:57+5:30

पिछले हफ्ते अमेजन प्राइम पर रिलीज हुए इस शो को देश में जाति, वर्ग, लिंग और धार्मिक समीकरणों पर परतदर एवं पैनी नजर डालने और कैसे ये सारे समीकरण इंस्पेक्टर हाथीराम चौधरी (जयदीप अहलावत) और उसके सहयोगी इमरान अंसारी (इश्वाक सिंह) की जांच के केंद्र में रहे चार संदिग्धों की किस्मत को निर्धारित करते हैं

It is impossible to rise above caste or religion in India: Sudeep Sharma, author of 'Patal Lok' | भारत में जाति या धर्म से ऊपर उठ पाना नामुमकिन है : ‘पाताल लोक’ के लेखक सुदीप शर्मा

भारत में जाति या धर्म से ऊपर उठ पाना नामुमकिन है (फाइल फोटो)

Highlights‘पाताल लोक” के लेखक-रचयिता सुदीप शर्मा ने कहा कि वह अपने शो में कई कोणों को तलाशना चाहते थे यह सीरिज नीरज कबी के पात्र संजीव मेहरा जो कि एक प्रसिद्ध खोजी पत्रकार है

वेब सीरिज ‘‘पाताल लोक” के लेखक-रचयिता सुदीप शर्मा ने कहा कि वह अपने शो में कई कोणों को तलाशना चाहते थे लेकिन सबसे महत्त्वपूर्ण भारत की धार्मिक एवं जातिगत समस्याओं को तलाशना और दर्शाना था। ‘‘पाताल लोक” एक थ्रिलर है जिसमें एक पत्रकार की हत्या के प्रयास की गुत्थी को दिल्ली का नाकाम समझे जाना वाला पुलिसकर्मी सुलझाने की कोशिश करता है।

पिछले हफ्ते अमेजन प्राइम पर रिलीज हुए इस शो को देश में जाति, वर्ग, लिंग और धार्मिक समीकरणों पर परतदर एवं पैनी नजर डालने और कैसे ये सारे समीकरण इंस्पेक्टर हाथीराम चौधरी (जयदीप अहलावत) और उसके सहयोगी इमरान अंसारी (इश्वाक सिंह) की जांच के केंद्र में रहे चार संदिग्धों की किस्मत को निर्धारित करते हैं,यह दिखाने के लिए काफी तारीफ मिल रही है। शर्मा ने एक साक्षात्कार में पीटीआई-भाषा से कहा, “हम भारत में इन विभाजनों को गहराई से देखना चाहते थे जो साथ-साथ चलते हैं चाहे बात वर्ग की हो या जाति, भाषा, धर्म या लिंग की।

जाति एवं धर्म दो प्रमुख फॉल्टलाइन हैं। उन्हें अलग यह बनाता है कि सामाजिक आर्थिक दर्जे से आप अपने वर्ग से ऊपर उठ सकते हैं लेकिन देश में जाति या धर्म से ऊपर उठ पाना नामुमकिन है।” नौ कड़ियों वाली सीरिज “पाताल लोक” लंबी कहानी कहने वाले शर्मा के लिए अलग तरह की कामयाबी है। उन्हें “एनएच10”, “उड़ता पंजाब’’ और “सोनचिरैया” जैसी कहानियों के लेखन का श्रेय प्राप्त है। उन्होंने कहा कि शो पर काम करना कई लघु कहानियां लिखने के बाद एक उपन्यास खत्म करने के बराबर था।

शर्मा ने कहा कि इस तरह के फॉर्मेट ने उन्हें अपने हिसाब से पात्रों को और उनकी पृष्ठभूमि को चुनने की आजादी दी जिनमें चार संदिग्ध - हथोड़ा त्यागी, कबीर एम, चीनी और टोपे सिंह के पात्र भी शामिल थे। यह सीरिज नीरज कबी के पात्र संजीव मेहरा जो कि एक प्रसिद्ध खोजी पत्रकार है, के जरिए मीडिया को भी आलोचनात्मक दृष्टि से देखती है जो टीआरपी ला पाने में नाकामयाब होता है और ऐसा मान लेता है कि अपने उदारवादी विचारों से समझौता किए बिना मीडिया जगत में जगह बनाना असंभव है। 

Web Title: It is impossible to rise above caste or religion in India: Sudeep Sharma, author of 'Patal Lok'

बॉलीवुड चुस्की से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे