कुंदन लाल सहगलः हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के सुपर स्टार, बेहतरीन गायक, 117वीं जयंती पर नमन
By अरविंद कुमार | Published: April 11, 2021 05:40 PM2021-04-11T17:40:21+5:302021-04-11T17:42:10+5:30
कुंदन लाल सहगल का हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध गायक-अभिनेता थे। जन्म 11 अप्रैल 1904 को हुआ था। मृत्यु 18 जनवरी 1947 को हुआ था।
हिंदी फिल्मों के अमर गायक और प्रसिद्ध अभिनेता कुंदन लाल सहगल की 117वीं जयंती पर उन्हें नृत्य के माध्यम से याद किया गया।
पद्मश्री से सम्मानित प्रख्यात कथक नृत्यांगना शोभना नारायण के नेतृत्व में पांच नृत्यांगनाओं द्वारा सहगल के गीतों और गजलों पर सुंदर कलात्मक आकर्षक और मनमोहक नृत्य के जरिए इस महान कलाकार को याद किया गया। शोभना नारायण ने भारतीय विदेश सेवा के दिवंगत अधिकारी, राजनयिक एवं कला मर्मज्ञ लेखक प्राण नेवली की प्रेरणा से सहगल को याद किया।
उन्होंने कल सहगल की जयंती की पूर्व संध्या पर एक ऑनलाइन नृत्य कार्यक्रम में इस महान कलाकार को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। नारायण ने कहा कि उन्होंने अपने पिता से कुंदन लाल सहगल गीतों को सुनते हुए देखा था और उससे प्रभावित हुई थी। सहगल एक किवदंती की तरह थे और उनकी बेहतरीन आवाज में गजब की कशिश थी तथा उसमें गहरी भावनाएं व्यक्त होती थी और जबर्दस्त सुर का संगम था। उन्होंने कहा कि नेवली ने सहगल के गीतों पर कार्यक्रम के लिए प्रेरित किया था।वे सहगल के बड़े मुरीद थे और मैने पांच या छह बार नृत्य में उनके गीतों को पिरोया था।
उन्होंने कहा कि गीतों को सुनना एक अलग बात है लेकिन गीतों को नृत्य में ढालना बहुत ही मुश्किल काम है। इस कार्यक्रम में श्रीमती नारायण नेसहगल द्वारा गई गई गालिब की गजल "नुक्ताची नी गमे दिल " पर नृत्य तो किया ही, उनकी चार अन्य शिष्यों अत्री राय ,माधुरी पाठक रागिनी मदन और श्रुति गुप्ता चंद्रा ने भी नृत्य कर सहगल के गीतों को अपने भाव और मुद्रा में बांधने का सुंदर प्रयास किया।
इस कार्यक्रम में सहगल द्वारा गाई हुई गजलें तो शामिल थी और उनके प्रसिद्ध गाने भी थे। माधुरी पाठक ने वो आ के ख्वाब में ...पर नृत्य किया तो रागिनी मदन ने "आह को चाहिए एक उम्र असर होने तक..." पर नृत्य किया ,"दिल से कहीं निगाह ..पर अत्री राय ने नृत्य पेश किया तो श्रुति गुप्त चंद्रा ने "बालम आए मोरे..." पर नृत्य पेश किया। बाबुल मोरा नैहर छूटो जाए पर सभी पांचों नर्तकियों ने नृत्य किया।
गौरतलब है कि 11 अप्रैल 1904 को जम्मू में जन्मे सहगल हिंदी फिल्मों के पहले सुपरस्टार और प्रथम गायक माने जाते है जिन्होंने मुकेश से लेकर किशोर कुमार तक को भी प्रभावित किया और उनकी लोकप्रियता की अनेक कथाएंप्रचलित है । वह 1936 में बनी फिल्म देवदास के शानदार प्रदर्शन के लिए भी याद किए जाते हैं।
दिलीप कुमार द्वारा अभिनीत देवदास तो बाद में बनी थी। सहगल की पहली फिल्म मोहब्बत के आंसू थे। उनकी चर्चित फिल्मों में "स्ट्रीट सिंगर" "दुलारी बाई "तानसेन,भक्त सूरदास चंडीदास आदि शामिल है ।प्राण नेवली ने श्री सहगल की 2011 में अंग्रेजी में जीवनी भी लिखी थी ।वह संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजनयिक भी थे। वह शिकागो में भी भारतीय वाणिज्य दूत थे। 1922 में लाहौर में जन्मे श्री नेवली का 95 वर्ष की आयु में 11 अक्टूबर 2018 को दिल्ली में निधन भी हो गया था। उन्होंने सहगल के नाम पर एक संस्था बनाई थी।