कंगना रनौत मामले में ऋतिक रोशन को मुंबई क्राइम ब्रांच ने भेजा समन, जानें क्या है मामला
By अनुराग आनंद | Published: February 26, 2021 09:48 AM2021-02-26T09:48:43+5:302021-02-26T09:54:35+5:30
ऋतिक रोशन ने साल 2016 में कंगना रनौत के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि एक्ट्रेस ने उन्हें 100 से ज्यादा मेल भेजकर परेशान किया है।
मुंबई: बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत व ऋतिक रोशन के बीच एक समय में काफी अच्छे रिश्ते थे। इसके बाद दोनों ने एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप भी लगाए थे।
दोनों के बीच मामला इतना बिगड़ गया कि दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ केस दर्ज कराया था। अब 2016 के एक मामले में मुंबई क्राइम ब्रांच ने समन भेजकर ऋतिक रोशन को जवाब देने के लिए बुलाया है।
मिल रही जानकारी के मुताबिक, मुंबई क्राइम ब्रांच विवादास्पद ई-मेल केस में एक्टर ऋतिक रोशन का बयान दर्ज करेगी। ऋतिक ने साल 2016 में कंगना के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि एक्ट्रेस ने उन्हें 100 से ज्यादा मेल भेजकर परेशान किया है। अब इस केस में क्राइम ब्रांच ऋतिक रोशन बयान दर्ज करना चाहती है।
कंगना रनौत ने ऋतिक को ईमेल भेजने की बात से इनकार किया था-
एक पुलिस ऑफिसर ने बताया कि इस केस में शुरुआती जांच में पाया गया कि कंगना की आईडी से कथित तौर पर ऋतिक रोशन को ईमेल किए गए हैं। इसके बाद कंगना का बयान दर्ज किया गया। हालांकि, ऑफिसर ने बताया कि कंगना ने ऋतिक को ईमेल भेजने की बात से इनकार किया है।
कंगना रनौत व ऋतिक रोशन ने एक दूसरे को कई लीगल नोटिस भेजे थे
कंगना रनौत से जुड़े इस केस का पहले साइबर पुलिस स्टेशन इनवेस्टिगेशन कर रही थी। ऋतिक रोशन ने 5 साल पहले आईपीसी के सेक्शन 419 और आई ऐक्ट के सेक्शन 66 (सी) और 66 (डी) के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। कंगना रनौत से जुड़ा विवाद इसी के बाद कई महीनों तक सुर्खियों में रहा था। दोनों ने एक दूसरे को कई लीगल नोटिस भेजे थे।
ऋतिक रोशन के मेल आईडी पर साल 2013-14 में सैकड़ों मेल आए
ऋतिक रोशन को साल 2013-14 में उनके मेल आईडी पर सैकड़ों मेल आए थे। इस मामले में वकील महेश जेठमलानी ने मुंबई पुलिस कमिश्नर को इसी संदर्भ में दिसंबर, 2020 में एक पत्र लिखा था कि उस केस में अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है। उसी के बाद मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने वह केस साइबर सेल से CIU को ट्रांसफर कर दिया था। अब क्राइम ब्रांच ने मामले में बयान दर्ज करने का फैसला किया है।