आने वाली हैं ये 6 पीरियड फिल्में, भारतीय महानायकों के चरित्र निभाते नजर आएंगे बॉलीवुड स्टार्स
By असीम चक्रवर्ती | Published: July 28, 2018 11:47 AM2018-07-28T11:47:52+5:302018-07-28T11:47:52+5:30
संजय लीला भंसारी की फिल्में बाजरीव मस्तानी और पद्मावत की सफलता के बाद बॉलीवुड में ऐतिहासिक चरित्रों पर आधारित फिल्मों का फैशन शुरू हो गया है। अक्षय कुमार, अजय देवगन और कंगना रनौत जैसे स्टार इन फिल्मों में नजर आएंगे।
हाल ही में एक निर्माता मिले। उनके हाथ में श्यामनारायण पांडेय की महान कृति हल्दीघाटी थी। जिज्ञासा व्यक्त की, तो उन्होंने बताया कि वह इतिहास के अमर योद्धा राणा प्रताप पर फिल्म बनाने की योजना बना रहे हैं। सिर्फ राणा प्रताप नहीं इन दिनों बायोपिक के बाद सबसे ज्यादा ऐतिहासिक सब्जेक्ट पर फिल्में बन रही हैं। पानीपत, चाणक्य, पृथ्वीराज, तानाजी, पलटन, केसरी के अलावा और भी कई सब्जेक्ट पर काम चल रहा है। इसकी असल वजह यह है कि इन दिनों बहुत चौकाऊ ढंग से कई बड़े स्टार ऐतिहासिक किरदार करने के लिए बेताब नजर आ रहे हैं। क्योंकि उन्हें ऐसा लगता है कि ऐसे सब्जेक्टवाली फिल्में अक्सर लैंडमार्क बन जाती हैं। भंसाली के शब्दों में कहें, तो इस तरह का सब्जेक्ट डायरेक्टर से लेकर एक्टर तक सबको एक क्रिएटिव संतुष्टि देता है। सीधी सी वजह है ऐसे करेक्टर के साथ दर्शकों को जोड़ना बहुत आसान होता है। और भी कई कारण हैं। आइए ऐसी कुछ नई फिल्मों के बहाने इस पर एक गहन अध्ययन करें-
रणवीर सिंह ने रास्ता दिखाया
थोड़ी देर के लिए हम यदि अपनी कुछ कालजयी फिल्मों पुकार, झांसी की रानी, मुगल-ए-आजम, रजिया सुल्तान को जेहन से निकाल दें, तो नए दौर में भंसाली ऐतिहासिक फिल्मों के एक नए जनक के तौर पर सामने आए हैं। उनकी फिल्में ‘बाजीराव मस्तानी’ और ‘पद्मावत’ ऐतिहासिक फिल्मों की एक नई परंपरा शुरू करती है। दीगर बात यह है कि इन दोनों ही फिल्मों के नायक रणवीर सिंह ने आनायस ही अपने समकालीन नायकों को एक रास्ता दिखा दिया। जिसके चलते आज के कई हीरो को ऐसा लगता है कि उन्हें भी ऐसा एक ऐतिहासिक किरदार करना चाहिए। इसी वजह से इधर जहां अजय देवगन ‘चाणक्य’ और ‘तानाजी’ कर रहे हैं, वहीं अक्षय कुमार के पास ‘पृथ्वीराज चौहान’ और ‘केसरी’ जैसी फिल्में हैं। जहां अर्जुन कपूर ‘पानीपत’ कर रहे हैं, तो नायिका कंगना रणावत भी कम नहीं हैं। वह भी ‘मणिकर्णिका-द क्वीन आॅफ’ झांसी है।
नीरज पाण्डेय की ‘चाणक्य’
राजनीतिशास्त्र के महान ज्ञाता और सलाहकार चाणक्य के बारे में नए सिरे से बताने की जरूरत नहीं है। अब प्रसिद्ध निर्देशक नीरज पांडे की नजर इस पर पड़ी है। तमाम शोध के बाद उन्होंने इसमें आधुनिक संदर्भ में कई परिवर्तन किए हैं। किसी तरह के विवाद का तो कोई सवाल ही नहीं उठता है, क्योंकि नीरज ने महान राजनीतिज्ञ चाणक्य को सिर्फ बेस्ड बनाया है। और इस बार चाणक्य का यह चोला अजय देवगन ने पहना है। इन दिनों इसके प्री-प्रोडक्शन पर द्रुत गति से काम चल रहा है। इस साल के अंत में इसकी शूटिंग शुरू हो जाएगी। अगले साल के अंत में इसे रिलीज कर दिया जाएगा। अब यह बात नए सिरे से बताने की जरूरत नहीं है कि अजय देवगन के आने से इस ऐतिहासिक सब्जेक्ट के मार्केट वेल्यू को एक बुस्ट मिला है।
अक्षय कुमार की ‘केसरी’
1897 के सारागढ़ी की लड़ाई के बारे में हम पहले भी काफी कुछ आपको बता चुके हैं। इस लड़ाई में अंग्रेजों की तरफ से लड़ते हुए मात्र 21 वीर सेनानियों ने दस हजार अफगान लड़ाकुओं के दांत खट्टे कर दिए थे। इस लड़ाई के मुख्य योद्धा हवलदार इशरन सिंह थे। जिन पर आधारित एक प्ले को राष्ट्रीय सम्मान मिल चुका है। इस विषय पर राजकुमार संतोषी की एक फिल्म आधी से ज्यादा बनकर पड़ी हुई है। इसके हीरो हैं रणदीप हुडा। इसी सब्जेक्ट पर गत दिनों एक टीवी सीरियल भी बनी थी। लेकिन अब इन सारी चर्चाओं का क्रेंद्रबिंदु करण जौहर की फिल्म ‘केसरी’ बन चुकी है। इसकी एकमात्र वजह अभिनेता अक्षय कुमार हैं। जो अब सारागढ़ी के इस जगप्रसिद्ध लड़ाई में हवलदार इशर सिंह के तौर पर अपनी शौर्यगाथा पेश करेंगे। पिछले दिनों इस वॉर ड्रामा की शूटिंग महाराष्ट्र के वाई, सातारा स्थल में तेजी से पूरी हुई है। इसमें अक्षय की हीरोइन हैं परिणति चोपड़ा और फिल्म के डायरेक्टर अनुराग सिंह। जैसा कि अक्षय की फिल्मों के साथ होता है, यह फिल्म भी अगले दो माह में पूरी होकर नए साल होली में रिलीज होगी।
चंद्रप्रकाश द्विवेदी की पृथ्वीराज चौहान
ऐतिहासिक सब्जेक्ट के इस क्रेज में यशराज फिल्म्स भी पीछे नहीं है। लेखक-निर्देेशक चंद्रप्रकाश द्विवेदी के संचालन में उन्होंने महान योद्धा पृथ्वीराज चौहान पर फिल्म बनाने की घोषणा कर दी है। पृथ्वीराज और संयुक्ता के विवाह की कहानी भी बहुत लोकप्रिय है। संयुक्ता पृथ्वीराज के दुश्मन कन्नौज के राजा जयचंद्र की बेटी थी। फिल्म पृथ्वीराज में राजा पृथ्वीराज चौहान की वीरगाथा के साथ संयुक्ता और उनके रोमांस और विवाह प्रसंग को भी हाईलाइट किया जाएगा। फिलहाल पृथ्वीराज चौहान की मुख्य भूमिका में अक्षय कुमार का चयन किया गया है। इसके चलते ही यह फिल्म अचानक बहुत चर्चा में आ गई है। फिल्म के दूसरे स्टारकास्ट का चयन भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा। इन दिनों इसका रिसर्च वर्क और प्री प्रोडक्शन तेजी से पूरा हो रहा है। राजकुमारी संयुक्ता के रोल में इसमें एक बड़ी हीरोइन की एंट्री होगी। यशराज की फिल्म होने की वजह से इसके सुखद भविष्य को लेकर सभी आश्वस्त हैं। यशराज के सूत्र के मुताबिक यह फिल्म अगले साल के मध्य तक शुरू होगी। और 2020 के शुरू में ही इसे रिलीज कर दिया जाएगा।
अजय देवगन बनेंगे मराठा योद्धा तानाजी
अभिनेता अजय देवगन पिछले साल अपनी फिल्म तानाजी-द अनसंग वॉरियर के अपने एक पोस्टर के लिए खूब चर्चा में आए थे। अब नए डायरेक्टर ओम राउत के संरक्षण में इस फिल्म ने अपना आकार लेना शुरू कर दिया है। सब कुछ योजनाबद्ध ढंग से हुआ, तो यह फिल्म अगले साल थिएटर की रौनक बन जाएगी। शूटिंग इस सितंबर में शुरू हो जाएगी। अब आपकी जिज्ञासा को शांत करते हुए, संक्षिप्त में थोड़ी-सी जानकारी तानाजी के बोरे में। महान मराठा योद्धा तानाजी मलुसारे छत्रपति महाराज शिवाजी की सेना में सेनापति थे। 1670 में सिंहगढ़ की लड़ाई में अपने साहस का परिचय देते हुए उन्होंने वीरगति को प्राप्त की थी। अजय देवगन जो इस टाइटल रोल को कर रहे हैं, इस प्रोजेक्ट को भी बैक कर रहे हैं। यदि एक विश्वस्त सूत्र की बात पर यकीन करें, तो काजोल इसमें उनकी बीवी का रोल करेगी।
कंगना रनौत की द क्वीन आॅफ झांसी
बुदेलों के हरबोलों के मुंह से हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी, वह तो झांसीवाली रानी थी।।।। इस वीर रस की कविता को सुनने के बाद फिल्म मणिकर्णिका-द क्वीन आॅफ झांसी के बारे में कुछ बताने की जरूरत नहीं है। क्योंकि वीरांगना झांसी की रानी की वीरगाथा से ढेरों लोग अवगत हैं। कंगना रणावत की मुख्य भूमिका से सजी यह फिल्म अपने निर्माण के शुरू से ही चर्चा का विषय बनी हुई है। अब यह इस साल के अंत तक रिलीज हो जाएगी। इसका निर्माण साउथ में हुआ है। इसे बाहुबली के चर्चित लेखक विजयन प्रसाद ने लिखा है। दक्षिण के चर्चित कृष इसके निर्देशक हैं। लगभग 150 करोड़ की इस फिल्म के निर्माण मूल्य में कोई कमी नहीं बरती गई है। कंगना रनौत सहित इसके सारे किरदारों के परिधान वास्तविक युग की याद दिलाते हैं।
आशुतोष गोवारिकर का पानीपत का मैदान
जानकार निर्देशक आशुतोष गोवारिकर ने इस बार अपनी फिल्म पानीपत में 1761 के चर्चित मराठा-अफगान के बीच हुए तीसरे पानीपत की लड़ाई को हाईलाइट किया है। इसमें अर्जुन कपूर ने मराठा सेनापति सदाशिवराव भाड और संजय दत्त अहमद शाह दुर्रानी के लीड रोल में है, जो जीत के लिए अफगान फौज का नेतृत्व करता है। कृति सेनन इसमें भाऊ की दूसरी पत्नी पार्वतीबाई का रोल करेंगी। इस फिल्म का रिलीज डेट 6 दिसंबर 2019 अभी से तय कर दिया गया है। चूंकि आशुतोष इस तरह की फिल्म निर्माण में सिद्धहस्त हैं, इसलिए उनकी इस फिल्म को लेकर भी बहुत अपेक्षाएं रहेगी।
सजग हैं फिल्मकार-
इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस तरह के सब्जेक्ट पर बहुत सावधानी बरतनी पड़ती है। नए दौर के फिल्मकारों ने इस बात को अच्छी तरह से गांठ बांध ली है। इसलिए रिसर्च वर्क पर बहुत ज्यादा मेहनत की जा रही है। इनमें से नीरज पांडे, भंसाली आदि कुछ फिल्मकार ऐसे सब्जेक्ट को बेस्ड बनाकर फिल्में बना रहे हैं, ताकि परिवर्तन की कुछ गुंजाइश न रहे। कुल मिलाकर देखा जाए, तो नई और अनोखी कहानी पर स्क्रिप्ट तैयार की जा रही है। यह बात भी ठीक है कि ऐतिहासिक किरदार कुछ परेशानी कम कर देते हैं। जबकि पहले दिखाए जा चुके कुछ पुराने ऐतिहासिक किरदार जरा-सी चूक के चलते एक नए विवाद को जन्म दे सकते हैं। यही वजह है कि इन दिनों हर तरफ फिल्मकारों के बीच एक होड़ लगी हुई है। वे ऐसे सब्जेक्ट ढूंढ रहे हैं, जिन पर फिल्में नहीं बनी हो। यही नहीं इसके बाद ऐतिहासिक किरदारों में मसाला डालने का प्रयास भी हो रहा है।
कहानी का अभाव
असल में ऐतिहासिक किरदारों पर बननेवाली फिल्मों की एक बड़ी वजह बॉलीवुड में कहानी का टोटा भी माना जा रहा है। फिर बायोपिक के बाद कुछ नए ऐतिहासिक किरदारों के आने से कहानी में एक नयापन भी आ जाता है। सबसे अच्छी बात यह है कि इसके चलते इनकी कहानी में कोई प्रश्नचिह्न नहीं उभरता है।
बजट पर कोई लगाम
संजय लीला की फिल्म पद्मावत का निर्माण मूल्य 190 करोड़ के बजट को पार कर गया था। इन दिनों भी जितनी ऐतिहासिक फिल्में बन रही हैं, उनका बजट 100 करोड़ से ऊपर जा रहा है। साफ है कि ऐसी फिल्मों के लिए बॉलीवुड एक बार फिर से मेगा बजट को अपना रहा है। कई कॉर्पोरेट इन्वेस्टर्स जैसे इरोस, परसेप्ट, रिलायंस सहित टी़ सीरीज, नाडियादवाल, यशराज फिल्म्स, जी स्टूडियो जैसे फिल्मवाले भी ऐसी फिल्मों पर पैसा लगाने के लिए तैयार हैं। यह वह पूंजी लगानेवाले लोग हैं, जिन्हें पूंजी लगाने की कोई परवाह नहीं है, उनकी नजर तो सिर्फ पारखी डायरेक्टर पर होती है, जो ऐसे सब्जेक्ट के साथ पूरा न्याय कर सकें। क्योंकि वह ऐसी फिल्मों के भविष्य को लेकर भी सजग हैं। फिलहाल तो ऐसी फिल्मों को लेकर जो क्रेज है, उसे देखते हुए तो ऐसी फिल्मों का भविष्य सुखद ही लगता है।
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