हॉरर फिल्मों के लिए मशहूर विक्रम भट्ट को हुई है लाइलाज बीमारी, कहा- 18 साल से जूझ रहा हूं, शेयर किया दर्दभरा अनुभव
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 29, 2022 03:21 PM2022-11-29T15:21:56+5:302022-11-29T15:43:19+5:30
विक्रम भट्ट ने 'बॉम्बे टाइम्स' को बताया है कि उनको फाइब्रोमाइएल्जिया नामक बीमारी हुआ है और इससे वे पिछले 18 साल से जूझ रहे हैं।
मुंबईः बॉलीवुड में हॉरर फिल्मों के लिए मशहूर विक्रम भट्ट ने खुलासा किया है कि वह एक लाइलाज बीमार से जूझ रहे हैं। उन्होंने बताया है कि इस बीमारी की वजह से मांसपेशियों में भयानक दर्द उठता है। यह बीमारी सोने के समय, याददाश्त और मनोदशा को भी प्रभावित करता है।
विक्रम भट्ट ने 'बॉम्बे टाइम्स' को बताया है कि उनको फाइब्रोमाइएल्जिया नामक बीमारी हुआ है और इससे वे पिछले 18 साल से जूझ रहे हैं। उन्होंने बताया कि शुरुआत में इस बीमारी को कोई नहीं पकड़ पा रहा था। इस लाइलाज बीमारी में लोगों को मांसपेशियों में भयानक दर्द होता है और यह दर्द सोने के दौरान भी होने लगता है।
बॉम्बे टाइम्स से अपना अनुभव साझा करते हुए विक्रम भट्ट ने कहा कि यह एक कठिन यात्रा रही है। क्योंकि उन्हें अपने क्रोध को बराबर संभालना पड़ता है। विक्रम ने कहा कि फिब्रोमाइल्गिया का भी कोई इलाज नहीं है। यह एक लाइलाज बीमारी है। गौरतलब है कि इस बीमारी से अभिनेत्री सामंथा रुथप्रभु भी गुजर रही हैं।
विक्रम भट्ट ने कहा कि यह सामंथा का अपनी स्थिति के बारे में खुलापन था जिसने ईमानदारी से सामने लाया। मैं सामंथा के पास पहुंचना चाहता हूं और उसे बताना चाहता हूं कि अगर मैं इसे संभाल सकता हूं तो आप भी कर सकती हैं। फिल्ममेकर ने कहा कि मुझे बहुत खुशी है कि उसने बात की। छुपाने में उतनी ही ताकत लगती है जितनी दर्द से लड़ने में।
विक्रम ने कहा कि पहले तो कोई भी यह पता नहीं लगा पाया कि उनके साथ क्या हो रहा है। विक्रम ने कहा कि वह फिजियोथेरेपिस्ट के पास भी गए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। क्योंकि शरीर का दर्द उन्हें तब तक परेशान करता रहा जब तक कि एक डॉक्टर मित्र ने अंत में इसका पता नहीं लगाया। निर्देशक ने कहा कि वह अनावश्यक तनाव से बचने की कोशिश करते हैं। 7-8 घंटे की नींद लेते हैं और किसी भी तरह के प्रकोप से बचने के लिए शराब या धूम्रपान नहीं करते हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक यह बीमारी (Fibromyalgia) दीर्घकालिक होती है और 'मस्कुलोस्केलेटल दर्द या कोमलता, सामान्य थकान, नींद की कमी और संज्ञानात्मक गड़बड़ी' जैसे लक्षणों का कारण बनता है। अभी तक इसका कोई इलाज नहीं है। और इसे एक कठिन बीमारी के रूप में लेबल किया गया है क्योंकि इसके लक्षण अक्सर अन्य बीमारियों की नकल करते हैं, जिससे भ्रम पैदा होता है।