धड़क Trailer Review: सैराट की रीमेक नहीं लग रही धड़क, कमजोर कड़ी साबित हो सकती हैं जाह्नवी
By असीम | Published: June 11, 2018 01:27 PM2018-06-11T13:27:56+5:302018-06-11T13:27:56+5:30
सैराट या कहें धड़क में महिला लीड किरदार काफी महत्वपूर्ण है, इस लिहाज़ से जहान्वी कपूर शायद एक कमज़ोर कड़ी साबित हो सकती हैं।
मुंबई, 11 जूनः सैराट बनाम धड़क का ट्रेलर देख ये सोचना थोड़ा मुश्किल लगता है कि ये निर्देशक नागराज मंजुले की मराठी सुपरहिट फ़िल्म की रीमेक है। जहां नागराज मंजुले की सैराट की खासबात थी उसकी स्क्रिप्ट और रिंकू राजगुरु और पहलवानी छोड़ एक्टर बने आकाश ठोसर की लाज़वाब एक्टिंग, वहीं धड़क से बॉलीवुड में कदम रख रहीं मरहूम श्रीदेवी की बेटी जहान्वी कपूर रोल के हिसाब से थोड़ी ज़्यादा ग्लैमरस लग रहीं हैं।
कमजोर लग रही है जाह्नवी की एक्टिंग
चूंकि सैराट या कहें धड़क में महिला लीड किरदार काफी महत्वपूर्ण है, इस लिहाज़ से जहान्वी कपूर शायद एक कमज़ोर कड़ी साबित हो सकती हैं। फ़िल्म में रिंकू राजगुरु एक बहुत ही साधारण से दिखने वाली लड़की हैं जो महाराष्ट्र के एक गांव में रहती हैं। जहान्वी कपूर की तुलना करने पर लगता है वो बेहद आकर्षक तो लग रहीं हैं लेकिन इस किरदार को कितनी खूबसूरती से निभा पायेंगी इसके लिये हमें इंतज़ार करना पड़ेगा 20 जुलाई के जब धड़क सिनेमाघरों में लगेगी।
फ़िल्म के कुछ सीन में जाह्नवी कपूर बिना मेकअप के दिख रही हैं। आजकल की नायिकाओं का ये मानना है मेकअप न लगाना भी एक्टिंग है। लेकिन जहान्वी कपूर उम्मीद पर खरी नहीं उतरती दिख रही हैं। हो सकता है आगे वो हमें चौकाएँ लेकिन धड़क के लिए हमारा दिल नहीं धड़का।
अपने रोल में जम रहे हैं ईशान खट्टर
वहीं ईशान खट्टर अपने रोल के हिसाब से बिल्कुल सही चुने गये हैं। उनके चेहरे पर गांव के लड़के की एक मासूमियत दिखाई देती है जो नहीं जानता उस पर चढ़े प्यार के बुखार का क्या नतीजा होने वाला है।
नागराज मंजुले की सैराट की एक और खास बात थी की पूरी फिल्म साफसुथरी थी। फ़िल्म में ऐसे बहुत से मौके थे जबकि निर्देशक एक नौजवान प्यार के जोड़े के ऊपर बेडरूम सीन फिल्मा सकते थे ये कहकर की स्क्रिप्ट ये माँगती है। लेकिन पूरी फिल्म में एक भी ऐसा दृश्य नहीं था जो बडे बच्चों के साथ या बच्चे बड़ों के साथ नहीं देख सकते।
धड़क का ट्रेलर
धड़का का संगीत
बात करें धड़क के संगीत की तो सैराट का गाना झिंगाट पार्टी में बजने वाला गाना था। इसकी ख़ासियत संगीत तो था ही लेकिन जिस तरह से इसे फिल्माया गया था। धड़क में सब स्टेप सीख कर इस गाने पर नाच रहे हैं और इसी वजह से ये एक साधारण सा गाना बन गया है।
धड़क के ट्रेलर की सैराट से तुलना
धड़क की कहानी महाराष्ट्र से निकाल कर राजस्थान में सेट करी है जी जहान्वी और ईशान की बोल चाल से पता चलता है। चूंकि फ़िल्म ऑनर किलिंग पर आधारित है इसलिए फ़िल्म के निर्माता करण जौहर ने राजपूतों वाली पृष्ठभूमि चुनी है। फिर उनको जाह्नवी को बेहद खूबसूरत भी दिखाना था जो रंगबिरंगे राजस्थान के ज़रिए संभव था।
रिमेक के साथ सबसे बड़ी समस्या होती है कैसे ओरिजिनल कहानी को बिना छेड़ छाड़ उसके पहले रूप में ही पेश करें। ये एक कला है जिसे शायद करण जौहर को समझने में समय लगेगा। तब तक अगर वो हिंदी फिल्म जनता को बद्रीनाथ सीरीज़ या वैसा ही कुछ दिखाते रहें।
सैराट का ट्रेलर
Final Comment- कुल मिलाकर इस फ़िल्म में कहानी सैराट की है लेकिन आत्मा करण जौहर की फिल्मों की है। सैराट का संगीत बेहद कर्णप्रिय था और संगीत निर्देशक जोड़ी अजय-अतुल ने लंदन जा कर लाइव ऑर्केस्ट्रा रिकॉर्ड किया था। फ़िल्म में कुल चार गाने थे और चारों एक से बढ़कर एक। धड़क के ट्रेलर में वो बात नहीं दिख रही है।