कोरियोग्राफर गणेश आचार्य पर लगा उत्पीड़न, पीछा करने, ताक-झांक करने का आरोप, जानें पूरा मामला
By मनाली रस्तोगी | Published: March 31, 2022 06:06 PM2022-03-31T18:06:21+5:302022-03-31T18:10:11+5:30
गणेश आचार्य और उनके सहायक पर कई धाराओं के तहत मुंबई पुलिस ने आरोप लगाए हैं। फिलहाल, गणेश आचार्य की ओर से इसपर अभी तक कोई बयान सामने नहीं आया है।
मुंबई: मुंबई पुलिस ने बॉलीवुड कोरियोग्राफर गणेश आचार्य के खिलाफ 2020 में एक को-डांसर द्वारा दर्ज किए गए एक मामले में यौन उत्पीड़न, पीछा करने और ताक-झांक का आरोप लगाते हुए एक आरोप पत्र दायर किया है। एक पुलिस अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। शिकायत की जांच करने वाले ओशिवारा पुलिस अधिकारी संदीप शिंदे ने कहा कि आरोप पत्र हाल ही में अंधेरी में संबंधित मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में दायर किया गया था।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, गणेश आचार्य और उनके सहायक पर धारा 354-ए (यौन उत्पीड़न), 354-सी (दृश्यरतिकता), 354-डी (पीछा करना), 509 (किसी भी महिला की विनम्रता का अपमान), 323 (चोट पहुंचाना), 504 ( शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान), भारतीय दंड संहिता की धारा 506 (आपराधिक धमकी) और 34 (अपराध करने का सामान्य इरादा) के तहत आरोप लगाए गए हैं। फिलहाल, गणेश आचार्य की ओर से इसपर अभी तक कोई बयान सामने नहीं आया है।
जब सहायक कोरियोग्राफर की शिकायत पर मुंबई पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज की गई तो उनकी कानूनी टीम ने फरवरी 2020 में कहा कि उन्होंने उनके खिलाफ मानहानि की शिकायत दर्ज की है। अपनी शिकायत में कोरियोग्राफर ने आरोप लगाया कि आचार्य ने उसके यौन संबंधों को ठुकराने के बाद उसे परेशान किया था। उसने उनपर भद्दे कमेंट्स करने, उनकी पोर्न मूवी दिखाने और उनके साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था। महिला के अनुसार, आचार्य ने कथित तौर पर उससे कहा कि अगर वह सफल होना चाहती है तो उसे मई 2019 में उसके साथ सेक्स करना होगा। उसने मना कर दिया और छह महीने बाद उसने कहा भारतीय फिल्म और टेलीविजन कोरियोग्राफर एसोसिएशन ने उसकी सदस्यता समाप्त कर दी।
जब उसने 2020 में एक मीटिंग में आचार्य के कार्यों का विरोध किया तो कोरियोग्राफर ने कथित तौर पर उसके साथ दुर्व्यवहार किया और उसके सहायकों ने उसके साथ मारपीट की। पीड़िता ने ये भी कहा कि महिला सहायकों ने मुझे पीटा, मुझे गाली दी और मुझे बदनाम किया जिसके बाद मैं पुलिस के पास गई जिसने शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया और केवल एक गैर-संज्ञेय मामला दर्ज किया। फिर मैंने मामले को आगे बढ़ाने के लिए एक वकील से संपर्क किया।