Box Office Collection: 100 करोड़ के क्लब में शामिल होने से बस कुछ कदम दूर है 'मणिकर्णिका', जानें कलेक्शन
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: February 9, 2019 03:52 PM2019-02-09T15:52:58+5:302019-02-09T16:06:36+5:30
कंगना रनौत की फिल्म मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ झांसी 100 करोड़ की तरफ बढ़ रही है।
कंगना रनौत की फिल्म मणिकर्णिका द क्वीन ऑफ़ झांसी की धीरे धीरे कमाई के झंडे गाड़ती जा रही है। फिल्म अब तक 85 करोड़ से ज्यादा की कमाई कर चुकी है।
फिल्म की कमाई
मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ झांसी 100 करोड़ की तरफ बढ़ रही है। अब फिल्म चल 100 करोड़ के क्लब में शामिल होने वाली है। फिल्म ने पहले हफ्ते में 61 करोड़ 15 लाख , दूसरे सप्ताह 23 करोड़ 40 लाख रूपए की कमाई की थी। जबकि रिलीज के पांचवे दिन 50 करोड़ का आंकड़ा और 10वें दिन 75 करोड़ का आंकड़ा छू लिया था।
अब फिल्म की कुल कमाई 85.80 करोड़ रुपये हो गई है। 100 करोड़ी फिल्म बनने के लिए महज 15 लाख रूपये की कमाई और करना है। शनिवार और रविवार को फिल्म के कलेक्शन में इजाफा होता है तो कयास लगाए जा रहे हैं कि दो दिनों में फिल्म अच्छी कमाई कर सकती है।
इस फिल्म में लीड रोल में कंगना रनौत हैं। लेकिन कंगना के अलावा भी एक से बढ़कर एक कलाकार हैं। दर्शकों को इसमें डैनी डैंग्जोपा, कुलभूषण खरबंदा और जीशान आयूब जैसे कलाकार अहम किरदारों में दिखाई दिखे हैं।
कमजोर डायरेक्शन फिल्म की सबसे बड़ी कमी है। आप फिल्म की कहानी से कनेक्ट नहीं कर पाते। पूरी फिल्म आपको ओवर ड्रामेटिक और इमोशनल लगती है। कई सीन्स बड़े ही दोहराते भी लगते है। पूरी फिल्म में कमजोर डायरेक्शन और बचकानी बातें देखने को मिलेगी। इतना ही नहीं अंग्रेजो के बोलने का एक्सेंट और तरीका बड़ा ही अजीब लगता है। हालाँकि कुछ सीन्स आपको इम्प्रेस करेंगे जैसे रानी लक्ष्मी बाई के बेटे और पति के निधन वाले सीन हों या अंग्रेजों के सामने उनका सिर ना झुकाना या तलवारबाजी के शानदार सीन, लेकिन बैटल सीन्स बहुत ही वीक है। एक सीन में रानी लक्ष्मी बाई गांव में जाकर जमकर डांस करती हैं, वो सीन आपको हैरत करे देगा और आप सोचने पर मजबूर हो जायेंगे की क्या रानी लक्ष्मी बाई के किरदार के साथ इन्साफ हुआ है ?
फिल्म में कंगना रनौत रानी लक्ष्मीबाई के किरदार में पूरी तरह से नहीं जमती हैं। कई जगह उनका अभिनय शानदार है लेकिन कई बार उनके एक्सप्रेशंस ओवर हो जाते हैं। उनकी आवाज़ रानी लक्ष्मी बाई के दमदार किरदार से मैच नहीं हो पाती। कंगना की पतली आवाज़ और पतला शारीर आपको उन्हें झांसी की रानी लक्ष्मी बाई मानने से इनकार कर देगा। कई जगह कंगना योद्धा के रूप में नाजुक लग रही है लेकिन कई जगह अपने एक्शन से उन्होंने किरदार में जान डाली है। कंगना की तलवारबाजी सीन काबिले तारीफ़ है। ये फिल्म कंगना के करियर की सबसे बेस्ट फिल्म हो सकती थी लेकिन अगर इसे संजय लीला भंसाली जैसे मंझे हुए डायरेक्टर का साथ मिलता जिन्होंने अपने शानदार और ज़बरदस्त डायरेक्शन से बाजीराव मस्तानी और पद्मावत जैसी फिल्मो को सुपर डुपर हित बनाया है।