Google Doodle: भूपेन हजारिका की आज 96वीं जयंती, गूगल ने इस खास डूडल के साथ भारतीय दिग्गज गायक को किया याद

By विनीत कुमार | Published: September 8, 2022 07:41 AM2022-09-08T07:41:01+5:302022-09-08T07:47:58+5:30

दिग्गज भारतीय गायक और संगीतकार भूपेन हजारिका की आज 96वीं जयंती है। कई भारतीय भाषओं में गीत-संगीत देने वाले भूपेन हजारिका भारत रत्न सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित किए गए।

Bhupen Hazarika's 96th birth anniversary: Google celebrates Indian singer with a special Doodle | Google Doodle: भूपेन हजारिका की आज 96वीं जयंती, गूगल ने इस खास डूडल के साथ भारतीय दिग्गज गायक को किया याद

भूपेन हजारिका पर गूगल ने बनाया खास डूडल (फोटो- गूगल)

नई दिल्ली: संगीतकार और गायक भूपेन हजारिका की आज 96वीं जयंती है। इस मौके पर गूगल ने भी एक खास डूडल के जरिए उन्हें याद किया है। असम से आने वाले भूपेन हजारिका की पहचान उत्तर पूर्व के गीत, संगीत, लोक-संस्कृति, लोकगीत, लोक-संगीत आदि से तो है ही, साथ ही उन्होंने कई फिल्मों के लिए भी संगीत दिया। कई फिल्मों में उन्होंने गाने गाए जो आज भी बेहद प्रचलित हैं। भूपेन हजारिका पर आधारित आज का खास डूडल मुंबई के रुतुजा माली ने तैयार किया है।  

Google Doodle: 12 साल की उम्र से फिल्म स्टूडियोज के लिए करने लगे थे काम

1996 में असम के तिनसुकिया जिले में जन्मे हजारिका का बचपन असमिया लोकगीत और कथाओं के बीच बीता। ये कथाएं और गीत ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे जीवन के बारे में थीं। इसी बीच उनकी संगीत प्रतिभा पर प्रसिद्ध असमिया गीतकार ज्योतिप्रसाद अग्रवाल और फिल्म निर्माता बिष्णु प्रसाद राभा का ध्यान गया।

अग्रवाल और राभा ने हजारिका को अपना पहला गाना रिकॉर्ड करने में मदद की, जिन्होंने 10 साल की उम्र में उनके संगीत करियर की शुरुआत की। 12 साल की उम्र तक हजारिका दो फिल्मों - 'इंद्रमालती: काक्सोटे कोलोसी लोई' और 'बिश्वो बिजॉय नौजवान' के लिए गाने लिख और रिकॉर्ड कर रहे थे।

भूपेन हजारिका: बीएचयू से राजनीति विज्ञान में किया एमए

भूपेन हजारिका ने गुवाहाटी के मशहूर कॉटन कॉलेज से बीए किया। इसके बाद वे बनारस हिन्दु विश्वविद्यालय पहुंच गए जहां से उन्होंने राजनीति विज्ञान में मास्टर्स डिग्री हासिल की। इसके बाद वे अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी से 1952 में मास कम्यूनिकेशन में पीएचडी की। अमेरिका में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद डॉ हजारिका उन गीतों और फिल्मों पर काम करना जारी रखने के लिए भारत लौट आए, जिसने आगे चलकर राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर असमिया संस्कृति को लोकप्रिय बनाया।

भूपेन हजारिका: भारत रत्न सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित

अपने छह दशक लंबे करियर के दौरान, डॉ भूपेन हजारिका को गीत-संगीत और संस्कृति में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, दादा साहब फाल्के पुरस्कार, पद्म श्री और पद्म भूषण सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा गया। उन्हें मरणोपरांत 2019 में भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया। वह 1967 से 1972 तक निर्देलीय विधायक के तौर पर असम विधानसभा में भी रहे।

भूपेन हजारिका के हिंदी फिल्मों के लिए प्रसिद्ध गाने

भूपेन हजारिका ने बंगाली, असमिया और हिंदी समेत कई भारतीय भाषाओं में गाने गाए। फिर चाहे फिल्म 'रूदाली' के गीत 'दिल हूं हूं करे' हो या दमन फिल्म का 'गुम सुम', भूपेन हिंदी फिल्मों में छाते चले गए। भूपेन ने 'मैं और मेरा साया, एक कली दो पत्तियां, हां आवारा हूं, उस दिन की बात है' जैसे कई बेहतरीन हिंदी गानों को गाया। उन्होंने 'ओ गंगा बहती हो क्यों' को अपनी आवाज दी।

Web Title: Bhupen Hazarika's 96th birth anniversary: Google celebrates Indian singer with a special Doodle

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