बेहद खराब स्थिति में जी रहे हैं 'भाबीजी घर पर है' के ऐक्टर ईश्वर ठाकुर, डायपर खरीदने तक के नहीं हैं पैसे, बीमारी ऐसी कि...
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 28, 2022 04:15 PM2022-12-28T16:15:28+5:302022-12-28T16:30:58+5:30
अभिनेता ईश्वर ठाकुर ने कहा कि कोविड के बाद से ही काम नहीं मिला है। वहीं इस बीच उन्हें अपने किडनी की बीमारी से पीड़ित होने का पता चला है।उन्होंने आगे कहा कि हालत के कारण वह अपना पेशाब रोक नहीं सकते हैं। शुरू में इसके लिए वह डायपर का प्रयोग करते थे लेकिन अब उनके पास खरीदने के लिए पैसे भी नहीं बचे हैं। उन्होंने कहा कि रद्दी अखबारों से ही गुजारा करना पड़ रहा है।
मुंबईः भाबीजी घर पर हैं में अभिनय कर चुके टेलीविजन अभिनेता ईश्वर ठाकुर बेहद खराब हालात में गुजर बसर कर रहे हैं। उनके दर्द सुन भावुक हो सकते हैं। कोरोना महामारी के बाद से ही उन्हें काम नहीं मिल रहा है और वे दो सालों से घर पर बैठे हैं। उनका स्वास्थ्य धीरे-धीरे खराब से और खराब होता जा रहा है।
ईश्वर ठाकुर 'एफआईआर', 'भाबी जी घर पर हैं', 'मे आई कम इन मैडम' और अन्य जैसे कई शो में काम कर चुके हैं। COVID-19 महामारी के बाद से आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। आज तक की एक रिपोर्ट के अनुसार, ठाकुर गुर्दे की बीमारी से जूझ रहे हैं, जिसके कारण उनके पैरों में सूजन आ गई है। अभिनेता ने बताया कि उनके मल मूत्र पर नियंत्रण नहीं रहता है।
ठाकुर ने कहा कि कोविड के बाद से ही काम नहीं मिला है। वहीं इस बीच उन्हें अपने किडनी की बीमारी से पीड़ित होने का पता चला है।उन्होंने आगे कहा कि हालत के कारण वह अपना पेशाब रोक नहीं सकते हैं। शुरू में इसके लिए वह डायपर का प्रयोग करते थे लेकिन अब उनके पास खरीदने के लिए पैसे भी नहीं बचे हैं। उन्होंने कहा कि रद्दी अखबारों से ही गुजारा करना पड़ रहा है।
बकौल अभिनेता- "मेरे पास डायपर खरीदने के लिए भी पैसे नहीं हैं, इसलिए मैं पुराने अखबारों को एक विकल्प के रूप में उपयोग कर रहा हूं। मेरे पास पैसे भी नहीं हैं कि मैं एक अच्छे डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकूं। पहले, मैं अपनी स्थिति के लिए आयुर्वेदिक उपचार करवा रहा था। लेकिन मैंने उसे रोक दिया है। मेरे पास इसके लिए कोई पैसे नहीं बचे हैं।"
ठाकुर ने खुलासा किया कि उनकी मां कोविड-प्रेरित लॉकडाउन के बाद से बिस्तर पर पड़ी हैं और वह ज्यादातर समय होश में नहीं रहती हैं। अभिनेता ने कहा कि वह अपने कपड़ों में पेशाब करती रहती है, इसलिए वह पिछले दो सालों से डायपर पहन रही थी, लेकिन अब मैं उन्हें भी डायपर नहीं ला सकता।
ठाकुर ने कहा कि उनके भाई सिज़ोफ्रेनिया के रोगी हैं। और जब उनका इलाज पहले शहर के एक सरकारी अस्पताल में चल रहा था, तो परिवार अब धन की कमी के कारण उन्हें नासिक के पास एक आश्रम में ले गया है।
ईश्वर ठाकुर ने अफसोस जताया कि उन्हें नौकरी नहीं मिल पाई है क्योंकि निर्माता किसी बीमार व्यक्ति को काम देने को लेकर संशय में हैं। उन्होंने कहा, "मैंने कुछ ऑडिशन भी दिए हैं, लेकिन जैसे ही निर्माताओं को मेरी हालत के बारे में पता चला, उन्होंने मुझे यह सोचकर ड्रॉप कर दिया कि अगर सेट पर कुछ होता है, तो इसके लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाएगा।" उन्होंने कहा कि पहले उन्हें टेलीविजन उद्योग में अपने दोस्तों और सहयोगियों से मदद मिली थी, लेकिन जल्द ही वह भी महामारी के कारण बंद हो गई।