Batti Gul Meter Chalu Movie Review: आम आदमी और बिजली के बिल की खींचातानी है 'बत्ती गुल और मीटर चालू' की कहानी
By विवेक कुमार | Published: September 21, 2018 02:14 PM2018-09-21T14:14:00+5:302018-09-21T15:37:38+5:30
Batti Gul Meter Chalu Movie Review in Hindi': (बत्ती गुल मीटर चालू मूवी रिव्यू )पैडमैन' के बाद के बार फिर श्री नारायण सिंह ने सामाजिक समस्या से जुड़ी कहानी को स्क्रीन पर उतारा है।
फिल्म-बत्ती गुल मीटर चालू
कलाकार-शाहिद कपूर,यामी गौतम,श्रद्धा कपूर, दिव्येंदु शर्मा
निर्देशक- श्री नारायण सिंह
मूवी टाइप-ड्रामा
रेटिंग-5/2.5
एक आम आदमी अक्सर अपने जीवन में ऐसी कई समस्याओं से जूझता है। जो उसे लचर सिस्टम से मिलती है। जिसका या फिर वो विरोध करता है या फिर वह उसे थक हार कर स्वीकार कर लेता है। आम जीवन से जुड़ी समस्याओं को बड़ी ही बखूबी ढंग से पर्दे पर उतारने वाले श्री नारायण सिंह के डायरेक्शन में बनी फिल्म 'बत्ती गुल मीटर चालू' इन्हीं में से एक है। फिल्म की कहानी बढ़ते बिजली बिल की समस्या पर आधारित है।
कहानी- फिल्म की कहानी है उत्तराखंड के टिहरी के रहने वाले तीन दोस्तों सुशील कुमार पन्त (शाहिद कपूर), सुंदर त्रिपाठी (दिव्येंदु शर्मा) और ललिता नौटीयाल( श्रद्धा कपूर) की। सुशील एक चालू वकील है जो किसी न किसी बहाने लोगों से पैसे ऐठने की फ़िराक में रहता हैं। वहीं श्रद्धा एक फैशन डिजाईनर है। इन दोनों के अलावा सुंदर का एक प्रिंटिंग का बिजनेस है। जिसे वो बड़ी मेहनत के साथ चलाता है। वहीं इन सबके अलावा सुशील और सुंदर दोनों ही ललिता को प्यार करते हैं। जिसकी वजह से दोनों की दोस्ती में दरार पड़ जाती है। इस बीच सुंदर के फेक्टरी में बिजली का बिल 54 लाख रुपए का आ जाता है। बिजली बहुत कम टाइम आने के बावजूद पहले ही महीने उसका डेढ़ लाख का बिजली बिल आ जाता है। जिसके बाद वह शिकायत करता है, लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं होती। उल्टे उसका बिल 54 लाख रुपए आ जाता है। तमाम कोशिशों के बावजूद उसे नाकामी हाथ लगती है जिसकी वजह से उसे अपना फेक्ट्री बंद करनी पड़ती है। कर्ज के बोझ तले सुंदर आत्महत्या कर लेता है।
जिसके बाद सुशील अपने दोस्त सुंदर को इंसाफ दिलाने के लिए कोर्ट जाता है जहां उसका सामना ऐडवोकेट गुलनीर (यामी गौतम) से होता है। क्या सुशील अपने दोस्त को इंसाफ दिला पाता है? यह जानने के लिए आपको पूरी फिल्म देखनी होगी।
डायरेक्शन- 'पैडमैन' के बाद के बार फिर श्री नारायण सिंह ने सामाजिक समस्या से जुड़ी कहानी को स्क्रीन पर उतारा है। लेकिन फिल्म के ज्यादातर डायलॉग 'बल' और 'ठहरा' इसे हिंदी भाषाई के लोगों थोड़ी बोरिंग बनाती है। बाकि फिल्म के लोकेशन काफी सुंदर है।
एक्टिंग- एक वकील की भूमिका को शाहिद कपूर ने बखूबी निभाया है। कोर्ट रूम में उनके दलील काफी दमदार नजर आते हैं। वहीं श्रद्धा का चुलबुली अंदाज आपको काफी पसंद आएगा। एक अच्छे सीधे दोस्त की भूमिका में दिव्येंदु काफी फिट नजर आए।
म्यूजिक- फिल्म में 'गोल्ड तांबा', 'हार्ड हार्ड' जैसे डांसिंग गाने हैं जो आपके कदम थिरकाते हैं। वहीं आतिफ असलम की आवाज में 'देखते देखते' फिल्म के रिलीज से पहले ही हिट हो चुका है।
कुछ खास- अगर आप सोशल इस्यूज पर बनी फ़िल्में देखना पसंद करते हैं और अगर आप भी बढ़ते बिजली के बिल से परेशान हैं तो ये फिल्म आपको काफी पसंद आएगी।