आखिर क्यों हुई थी पानीपत की लड़ाई? इस युद्ध में 40 हजार मराठा सैनिक हुए थे शहीद
By ज्ञानेश चौहान | Published: November 6, 2019 06:19 PM2019-11-06T18:19:59+5:302019-11-06T18:19:59+5:30
पानीपत की तीसरी लड़ाई साल 1761 में मराठाओं और अफ़ग़ानिस्तान के सुल्तान अहमद शाह अब्दाली के बीच लड़ी गई थी जिस पर जोधा अकबर जैसी एतिहासिक फिल्म को डायरेक्ट करने वाले आशोतोष गवारिकर की फिल्म पनीपात आधारित है.
पानीपत के मैदान में हुई तीन लड़ाईयां भारतीय इतिहास में बड़ी भूमिका रखती हैं. पानीपत की पहली लड़ाई 21 अप्रैल, 1526 ईसवी में दिल्ली के सुलतान इब्राहिम लोधी और तैमूर सेनापति बाबर के बीच हुई थी. पानीपत की दूसरी लड़ाई 5 नवंबर, 1556 को अकबर और हिन्दू राजा हेमू के बीच हुई थी. पानीपत की तीसरी लड़ाई साल 1761 में मराठाओं और अफ़ग़ानिस्तान के सुल्तान अहमद शाह अब्दाली के बीच लड़ी गई थी जिस पर जोधा अकबर जैसी एतिहासिक फिल्म को डायरेक्ट करने वाले आशोतोष गवारिकर की फिल्म पनीपात आधारित है.
फिल्म पानीपत में संजय दत्त अहमद शाह अब्दाली का किरदार निभा रहे हैं. अर्जुन कपूर सदाशिव राव भाऊ के किरदार में नजर आएंगे. वही कृति सेनन सदाशिव राव भाऊ की दूसरी पत्नी पार्वती बाई के किरदार में हैं. फिल्म का ट्रेलर रिलीज़ हो चुका है. इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर क्यों हुई पानीपत की तीसरी लड़ाई और उससे जुडी कुछ अहम जानकारी.
बताया जाता है की पानीपत की लड़ाई बहुत ही भयानक थी. उस वक़्त मराठा साम्राज्य बहुत पावरफुल था. अफगानिस्तानी शासक अहमद शाह अब्दाली जो मराठों को खत्म कर हिंदुस्तान पर राज़ करना चाहता था. इस वजह से युद्ध की स्थिति पैदा हुई. युद्ध के वक्त अहमद शाह अब्दाली को अन्य दो भारतीय राजाओं, रोहिल्ला अफगान दोआब और अवध के नवाब शुजा-उद-द्दौला का साथ मिल गया था.
अहमद शाह अब्दाली के नेतृत्व में अफगान सेना और सदाशिव भाऊ के नेतृत्व में मराठों के बीच हुए इस युद्ध में जाने कितने ही योद्धा मारे गए थे कितनों का खून बहा था, कितने ही सैनिक शहीद हुए थे इस बात का अंदाजा लगाना बेहद मुश्किल है कहा जाता है इस युद्ध में 40,000 मराठा सैनिक शहीद हो गए थे. सदाशिव राव यानी मराठों की सेना की पानीपत के तीसरे युद्ध में हार होती है.
इस युद्ध के बाद अफगान सेना, पूरे उत्तर भारत पर प्रभावी हो गई और मराठा जिनका साम्राज्य अपने चरम पर था वो धीरे धीरे कमज़ोर होते युद्ध कई दिनों तक चला था युद्ध में हार के चलते मराठा देश के उत्तर भारत में पैर नहीं जमा सके थे.
आशुतोष गोवारिकर की ये फिल्म 6 दिसम्बर को रिलीज़ होने वाली है. फिल्म के ट्रेलर को मिली जुली प्रतिक्रिया मिली है. ट्रेलर में अर्जुन कपूर की एक्टिंग ऑडियंस को जायदा पसंद नहीं आ रही है.