अपनी फिल्म रांझणा पर अभय देओल ने लगाए आरोप, कहा- फिल्म यौन हिंसा को देती है जन्म...
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: August 20, 2020 08:06 AM2020-08-20T08:06:01+5:302020-08-20T08:06:01+5:30
Raanjhanaa Glamorizes Women Harassment अभय देओल ने कहा है कि उनकी 2013 की फिल्म रांझणा यौन उत्पीड़न को बढ़ावा देती है।
2013 में आई अभय देओल की फिल्म रांझणा पर्दे पर सुपरहिट हुई थी। इस फिल्म को फैंस ने काफी पसंद किया था। लेकिन अब अभय ने हाल ही में अपनी फिल्म राांझणा को यौन उत्पीड़न को दर्शाने वाला बताया है। अभय का कहना है कि रांझणा एक गलत मैसेज देने वाली फिल्म है, जो यौन उत्पीड़न को बढ़ावा देती है। अभय ने एक दर्शक द्वारा शेयर किए गए नोट में फिल्म को इसकी कहानी के लिए ट्रोल किया, जिसमें एक तरफा प्यार का महिमामंडन किया गया था।
फिल्म का निर्देशन आनंद नंद एल राय ने किया था। फिल्म सोनम कपूर यानि जोया के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपने दिल्ली के कॉलेज के साथी जसजीत (अभय देओल) के प्यार में पड़ जाती है, लेकिन वाराणसी में एक अलग लड़का कुंदन (धनुष) उनके प्यार में पड़कर पीछे पड़ा होता है।
जोया जब कुंदन के प्यार को ठुकरा देती है और अपनी पसंद के लड़के से शादी करने के लिए धर्म को घरवालों से छुपाती है, तो कुंदन शादी में जाकर उसके घरवालों को सब सच बता देता है। जिसके बाद घरवालें उस लड़की की हत्या कर देते हैं। हालांकि फिल्म का अंत काफी दुखद था।
एक फैन ने एक विशेष सीन पर अपना गुस्सा व्यक्त किया हैl जिसमें घायल जसजीत कुंदन के साथ बैठा होता है और दोनों उस लड़की को दोषी ठहराते हैं जिसे वे प्यार कर रहे होते है जो उन दोनों के साथ गलत करती है। जिस पर फैन ने लिखा है कि हालांकि यह सीन वास्तविक लगता है। दो पुरुष एक ही महिला से प्यार करते हैं, या तो वे आपस में लड़ते हैं या विश्वासघात के कारण एक दूसरे से जुड़ जाते हैं। हम सभी ने सुना है और शायद यह कहा भी है कि प्यार ने उसे देवदास बना दिया है। ऐसे बहुत से लोग हैं जो दिल टूटने का सामना करते हैं और आत्म विनाश का सामना नहीं करते हैं।
इसका जवाब देते हुए अभय ने लिखा है कि फिल्म रांझणा के बारे में @ oldschoolrebel9 से ऐसी स्पष्ट और वैध जानकारी मिली है। इतिहास इस फिल्म को गलत संदेश के लिए माफ नहीं करेगा। यह बॉलीवुड में दशकों से एक विषय रहा है, जहां एक लड़का एक लड़की का तब तक पीछा करता है जब तक वह हां नहीं करती। केवल सिनेमा में ही वह इच्छाशक्ति से काम करती है। वास्तव में हमने बार-बार देखा है कि यह कैसे यौन हिंसा को जन्म देता है। @oldschoolrebel9 इसे बहुत शानदार ढंग से समझाया है।'