ब्लॉग: जैसिंडा का पीएम पद छोड़ना क्यों चौंकाता है?
By शोभना जैन | Published: January 20, 2023 09:20 AM2023-01-20T09:20:04+5:302023-01-20T09:29:37+5:30
आपको बता दें कि 42 साल की जैसिंडा ने कहा है कि गर्मी की छुट्टियों के दौरान उन्होंने अपने भविष्य की योजनाओं के बारे में सोच-विचार किया है और ये फैसला किया है। ऐसे में अब वे अपना वक्त अपनी बच्ची के लालन-पालन और पति के साथ बिताएंगी।
वेलिंगटन: दुनिया भर में सत्ता के लिए तमाम तरह के समझौते करने के दौर में यह खबर निश्चित तौर पर चौंकाने वाली है. मानवीयता के साथ कुशल प्रशासक की छवि वाली न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने कल देर रात अचानक अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर सभी को स्तब्ध कर दिया है.
7 फरवरी को जैसिंडा अर्डर्न दे देंगी इस्तीफा
रूंधे गले से अगले महीने की सात तारीख को प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देने की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि छह साल तक इस चुनौतीपूर्ण पद को संभालने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की है और इसके बाद अब अगले चार साल में उनके पास योगदान देने के लिए कुछ खास नहीं बचा है, इसलिए अब वो अगला चुनाव नहीं लड़ेंगी.
अपने कार्यकाल को लेकर उनकी यह टिप्पणी दरअसल नेतृत्व को लेकर एक सोच दर्शाती है. जिसमें उन्होंने कहा कि वे चाहती हैं कि उनका देश उन्हें एक नरम दिल लेकिन निर्णायक प्रधानमंत्री के रूप में जाने.
देश के विपक्ष के साथ दुनिया के अन्य देशों के पीएम ने भी तारीफ की है
जेसिंडा की इस टिप्पणी के साथ ही उनकी वह तस्वीर अचानक फिर आंखों के सामने आ जाती है जब 2019 में क्राइस्टचर्च में दो मस्जिदों पर हुए आतंकी हमलों के बाद वे सिर पर शोक सूचक काला स्कार्फ पहने डबडबाई आंखों से पीड़ितों को गले लगाती हुई नजर आईं, या फिर न्यूजीलैंड में शरणागत अप्रवासियों के लिए यह कर अपने देश के दरवाजे खोल दिए कि न्यूजीलैंड भी आप ही का है.
देश के विपक्ष ने भी जैसिंडा के प्रधानमंत्री के कार्यकाल की प्रशंसा की है. ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंटोनी अल्बनीज और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अर्डर्न के इस्तीफे की घोषणा के बाद उनके नेतृत्व की तारीफ की.
पद छोड़ने को लेकर क्या बोली पीएम जैसिंडा
गौरतलब है कि जैसिंडा ने कहा कि सात फरवरी तक वे लेबर पार्टी के नेता के पद से इस्तीफा दे देंगी जिसके बाद आने वाले दिनों में उनके उत्तराधिकारी को चुनने के लिए वोटिंग होगी. न्यूजीलैंड में इस साल 14 अक्तूबर को आम चुनाव होने हैं.
टीकाकारों के अनुसार जैसिंडा की लेबर पार्टी विपक्षी नेशनल दल से कुछ पिछड़ रही है, हालांकि इस पर अर्डर्न ने कहा कि मैं पद इसलिए नहीं छोड़ रही हूं कि मुझे लगता है हम चुनाव जीत नहीं पाएंगे बल्कि मुझे लगता है हम चुनाव जीतेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘हमें नया नेतृत्व चाहिए जो चुनौती ले सके.’’
देश की चुनौतियों का ऐसे किया था सामना
अपने कार्यकाल में जेसिंडा ने कोरोना महामारी और इसके कारण आने वाली मंदी, मुद्रास्फीति और कोविड से निपटने जैसी कई चुनौतियों का सामना किया. उन्होंने कहा, ‘‘शांति के दौर में देश का नेतृत्व करना एक बात है, लेकिन संकट के दौर में ऐसा करना बड़ी चुनौती है.
ये घटनाएं... मेरी परेशानी की वजह हैं क्योंकि ये बड़ी घटनाएं थीं, बेहद बड़ी घटनाएं और एक के बाद एक आती गईं.’’ बहरहाल जैसिंडा की कार्यपद्धति देखें तो उनकी इस्तीफे की घोषणा को चुनावी राजनीति के जोड़-तोड़ से जोड़ना तर्कसंगत नहीं लगता है.
2017 में कम उम्र में पीएम बनने वाली महिला थी पीएम जैसिंडा
वर्ष 2017 में 37 साल की उम्र में पीएम चुनी जाने वाली जैसिंडा अर्डर्न उस समय दुनिया में सबसे कम उम्र की महिला राष्ट्र प्रमुख बनी थीं. अक्तूबर 2020 में हुए चुनावों में उनकी पार्टी ने बहुमत हासिल किया जिसके बाद उनकी पार्टी ने 2020 में सरकार बनाई और अर्डर्न एक बार फिर प्रधानमंत्री बनीं. युवावस्था में अर्डर्न देश की लेफ्ट पार्टियों से जुड़ी थीं. वे देश की अंतिम वामपंथी प्रधानमंत्री हेलेन क्लार्क के कार्यालय में काम करती थीं.
वो अपने चुनाव अभियानों में अक्सर समाज में फैली असमानताओं को मुख्य चुनावी मुद्दे बनाती रही थीं. आखिर वे राजनीति में क्यों आईं, इस पर अर्डर्न ने कहा था कि ‘भूख से संघर्ष करते बच्चे और बिना जूते के उनके पांव ने उन्हें राजनीति में आने के लिए प्रेरित किया.’
आगे क्या करेंगी पीएम जैसिंडा
42 साल की जैसिंडा ने कहा कि गर्मी की छुट्टियों के दौरान उन्होंने अपने भविष्य की योजनाओं के बारे में सोच-विचार किया और ये फैसला किया. अब वे अपना वक्त अपनी बच्ची के लालन-पालन और पति के साथ बिताएंगी.
जून 2018 में वे दुनिया की दूसरी ऐसी राष्ट्राध्यक्ष बनीं जिन्होंने पद पर रहते हुए बच्चे को जन्म दिया. संयुक्त राष्ट्र की एक बैठक में अपनी बच्ची को गोद में लिए सम्मेलन की हिस्सेदारी करती हुई जेसिंडा आज की कामकाजी महिला की पहचान थीं.
पद छोड़ने को लेकर क्या चाहती है वो
जैसिंडा का यह कहना कि वे चाहेंगी न्यूजीलैंड उन्हें ऐसे प्रधानमंत्री के रूप में जाने जिसने हमेशा नरम दिल बनने की कोशिश की, यह दर्शाता है कि वे इस उम्मीद से पद छोड़ रही हैं कि देशवासी यह समझें कि आप उदार भी हो सकते हैं साथ ही मजबूत भी हो सकते हैं.
करुणामय होने के साथ ही निर्णायक और आशावादी होने के साथ ही एकाग्रता से लक्ष्य केंद्रित और सबसे अहम बात यह है कि आप अपने नेता स्वयं हैं जिसको यह पता है कि उसके जाने का वक्त क्या होगा. बहरहाल, जैसिंडा का दर्शन, उनकी कार्यपद्धति लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति आस्था और विश्वास को दर्शाती है, जिसकी आज पूरे विश्व को जरूरत है.