बढ़ती आर्थिक मुश्किलों के बीच विदेशी कर्ज में डूबता पाकिस्तान
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: June 12, 2025 07:44 IST2025-06-12T07:44:19+5:302025-06-12T07:44:56+5:30
भारत ने अटारी लैंड-ट्रांजिट पोस्ट को भी बंद कर दिया है. इस पोस्ट का इस्तेमाल दोनों देशों के बीच सामानों की आवाजाही के लिए किया जाता रहा है.

बढ़ती आर्थिक मुश्किलों के बीच विदेशी कर्ज में डूबता पाकिस्तान
जयंतीलाल भंडारी
हाल ही में 10 जून को पाकिस्तान के वर्ष 2025 -26 के बजट की तस्वीर में यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि बजट का करीब आधा पैसा सिर्फ कर्ज चुकाने में जा रहा है और बजट में गरीबी, भुखमरी, शिक्षा और स्वास्थ्य खर्च में कटौती की गई है. खासतौर से पाकिस्तान की सामरिक शक्ति बढ़ाने के लिए रक्षा बजट में करीब 20 फीसदी की वृद्धि की गई है. इस बजट के आधार पर पाकिस्तान राजकोषीय घाटे और नए कर्ज की डगर पर आगे बढ़ते हुए दिखाई दे रहा है. इतना ही नहीं इन दिनों पाकिस्तान आर्थिक खस्ताहाल स्थिति के बीच एक के बाद एक नए विदेशी कर्ज ले रहा है.
हाल ही में प्रकाशित अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की आर्थिक अस्थिरता, बढ़ती महंगाई और खराब विदेशी कर्ज हालात जैसे कारण पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को लगातार पीछे कर रहे हैं.
इसी परिप्रेक्ष्य में हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि आज भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और पाकिस्तान खस्ताहाल है. मोदी ने पाकिस्तान को चेतावनी भी देते हुए कहा कि भारत के आर्थिक प्रतिबंध पाकिस्तान के लिए एक बड़ी आर्थिक चुनौती हैं और अगर पाकिस्तान भारत में आतंक का निर्यात जारी रखता है तो उसे आर्थिक रूप से बर्बाद होना पड़ेगा.
इस समय ऑपरेशन सिंदूर से लस्त-पस्त पाकिस्तान को भारत पानी की कूटनीति और आर्थिक दबाव व आर्थिक प्रतिबंधों की रणनीति से पूरी तरह पस्त करने की डगर पर लगातार आगे बढ़ रहा है. स्थिति यह है कि भारत के द्वारा पहलागाम आतंकी हमले के बाद विगत 23 अप्रैल से स्थगित किए गए सिंधु जल समझौते ने पाकिस्तान में भूचाल ला दिया है.
6 जून तक पाकिस्तान ने भारत को चार पत्र लिखकर इस फैसले पर फिर से विचार करने का आग्रह किया है.
पाकिस्तान में इस समय जो आर्थिक और महंगाई की चुनौती बढ़ती जा रही है, उसके पीछे एक खास कारण यह है कि विगत 3 मई को भारत के द्वारा पाकिस्तान के साथ सभी प्रकार के कारोबार पर पूरी तरह रोक लगाई गई है. पाकिस्तान में तैयार हुए या वहां से निर्यात किए जाने वाले सभी सामानों के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आयात और पाकिस्तान को सभी प्रकार के निर्यात पर रोक लगी हुई है.
यही नहीं, जहां पाकिस्तान का झंडा लगे जहाजों को किसी भी भारतीय बंदरगाह पर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है, वहीं भारतीय ध्वज वाले जहाज पाकिस्तान के किसी भी बंदरगाह पर नहीं जा रहे हैं. सरकार ने पाकिस्तान से आने वाली सभी प्रकार की डाक और पार्सल सेवाओं के आदान-प्रदान को निलंबित कर दिया है.
यह निर्णय हवाई और जमीनी दोनों मार्गों पर लागू है. यह निर्णय पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करते हुए दिखाई दे रहा है, क्योंकि भारत से आयातित कई वस्तुओं का परिवहन डाक सेवाओं के माध्यम से भी किया जाता है. भारत ने अटारी लैंड-ट्रांजिट पोस्ट को भी बंद कर दिया है. इस पोस्ट का इस्तेमाल दोनों देशों के बीच सामानों की आवाजाही के लिए किया जाता रहा है.
यदि हम भारत और पाकिस्तान के कारोबार को देखें तो पाते हैं कि अप्रैल 2024 से जनवरी 2025 के बीच भारत ने पाकिस्तान को करीब 447.65 मिलियन डॉलर मूल्य की वस्तुओं का निर्यात किया और भारत ने इस दौरान पाकिस्तान से मात्र 0.42 मिलियन डॉलर मूल्य की वस्तुओं का आयात किया.