जबरन श्रेय लेने के लिए बेकरार हैं डोनाल्ड ट्रम्प, 15-16 बार युद्ध विराम के लिए खुद मध्यस्थता करवाने की बात

By शोभना जैन | Updated: June 24, 2025 06:01 IST2025-06-24T06:01:23+5:302025-06-24T06:01:23+5:30

Pahalgam Terror Attack: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोटूक कह चुके हैं कि युद्ध विराम को लेकर मध्यस्थता किसी तीसरे देश ने नहीं कराई बल्कि यह द्विपक्षीय थी जिसे दोनों देशों  के  सैन्य गतिविधियां संचालन महानिदेशकों ने तय किया.

Pahalgam Terror Attack ind vs pak war Donald Trump desperate take credit nothing 15-16 times constant talk mediating ceasefire blog Shobhana Jain | जबरन श्रेय लेने के लिए बेकरार हैं डोनाल्ड ट्रम्प, 15-16 बार युद्ध विराम के लिए खुद मध्यस्थता करवाने की बात

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Highlightsट्रम्प लगभग पंद्रह-सोलह बार युद्ध विराम के लिए खुद मध्यस्थता करवाने की लगातार बात कर चुके हैं.भारत की घोषणा से आधा घंटे पहले हुई, युद्ध विराम को लेकर ट्रम्प की मध्यस्थता का मुद्दा सवालों के घेरे में आ गया. ट्रम्प युद्ध विराम  करवाने को ले कर अपनी भूमिका का  लगातार दावा कर रहे हैं.

Pahalgam Terror Attack:  पहलगाम हमले के बाद भारत ने पिछले महीने सात मई को पाकिस्तान के कुछ इलाकों में हमला किया था. इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी हमला किया था. दोनों देशों के बीच तनातनी जारी ही थी कि ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर 10 मई को युद्धविराम की घोषणा कर दी थी. जिस तरह से युद्ध विराम की उनकी घोषणा भारत की घोषणा से आधा घंटे पहले हुई, युद्ध विराम को लेकर ट्रम्प की मध्यस्थता का मुद्दा सवालों के घेरे में आ गया. तब से ट्रम्प लगभग पंद्रह-सोलह बार युद्ध विराम के लिए खुद मध्यस्थता करवाने की लगातार बात कर चुके हैं.

हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोटूक कह चुके हैं कि युद्ध विराम को लेकर मध्यस्थता किसी तीसरे देश ने नहीं कराई बल्कि यह द्विपक्षीय थी जिसे दोनों देशों  के  सैन्य गतिविधियां संचालन महानिदेशकों ने तय किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि  पूरे देश में इस मुद्दे को ले कर राष्ट्रीय सहमति है. लेकिन  ट्रम्प युद्ध विराम  करवाने को ले कर अपनी भूमिका का  लगातार दावा कर रहे हैं.

वे जबरन श्रेय लेने की कोशिश से बाज नहीं आ रहे हैं. शुरुआत में ट्रम्प ने अपनी पोस्ट में लिखा था, “अमेरिका ने पूरी रात पाकिस्तान और भारत के बीच मध्यस्थता की और इसके बाद दोनों देश पूर्ण और तत्काल युद्धविराम पर सहमत हो गए हैं.” ट्रम्प की घोषणा का पाकिस्तान ने स्वागत किया था, लेकिन भारत ने इसे स्वीकार नहीं किया था.

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने युद्धविराम को द्विपक्षीय बताया था. भारत की यह नीति रही है कि कश्मीर एक द्विपक्षीय मसला है और इसमें किसी तीसरे देश की मध्यस्थता स्वीकार्य नहीं है.ट्रम्प युद्धविराम की घोषणा तक ही नहीं रुके थे. उन्होंने कुछ मौकों पर यह भी कहा था कि भारत और पाकिस्तान को उन्होंने ट्रेड बंद करने की धमकी दी थी,

जिसके बाद दोनों देश युद्धविराम के लिए तैयार हुए. बहरहाल यक्ष प्रश्न है कि आखिर ट्रम्प क्यों युद्ध विराम का क्रेडिट लेने पर तुले हैं? अंतरराष्ट्रीय, क्षेत्रीय समीकरण जिस तेजी से बदल रहे हैं, संभवत; पूरी  और सही तस्वीर  जल्द ही सामने आ जाए.

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