ब्लॉगः बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी ने हसीना से इस्तीफा मांगा

By वेद प्रताप वैदिक | Updated: December 13, 2022 16:06 IST2022-12-13T16:05:49+5:302022-12-13T16:06:27+5:30

‘बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी’ ने दावा किया है कि उसके प्रदर्शनों में दस लाख लोग जमा हुए हैं और उन्होंने हसीना से इस्तीफा मांगा है। उनका कहना है कि 2024 में चुनाव होने तक ढाका में कोई कार्यवाहक सरकार नियुक्त की जाए।

Blog Political turmoil in Bangladesh, Bangladesh Nationalist Party demands Hasina's resignation | ब्लॉगः बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी ने हसीना से इस्तीफा मांगा

ब्लॉगः बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी ने हसीना से इस्तीफा मांगा

बांग्लादेश में भी शेख हसीना सरकार के खिलाफ उसी तरह प्रदर्शन होने शुरू हो गए हैं, जैसे कि श्रीलंका और म्यांमार की सरकारों के विरुद्ध हुए थे। म्यांमार की फौज ने वहां तो डंडे के जोर पर जनता को ठंडा कर दिया है लेकिन श्रीलंका की सरकार को चुनावों में मात खानी पड़ी है।

बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी’ ने दावा किया है कि उसके प्रदर्शनों में दस लाख लोग जमा हुए हैं और उन्होंने हसीना से इस्तीफा मांगा है। उनका कहना है कि 2024 में चुनाव होने तक ढाका में कोई कार्यवाहक सरकार नियुक्त की जाए। बीएनपी के सातों सांसदों ने अपने इस्तीफों की घोषणा कर दी। उन्होंने मांग की है कि चुनाव तुरंत करवाए जाएं। बीएनपी को बांग्लादेश के कट्टरपंथियों और जमाते-इस्लामी का भी समर्थन है। बांग्लादेश की बीएनपी की नेता बेगम खालिदा जिया ने कहा है कि शेख हसीना सरकार के राज में महंगाई आसमान छू रही है, लोग बेरोजगार हो रहे हैं, विदेश व्यापार घट गया है और सरकार भारत के इशारों पर नाचने लगी है। इन सब आरोपों के बावजूद खालिदा जिया की इस रैली के मुकाबले हसीना द्वारा आयोजित चिटगांव और कॉक्स बाजार की रैलियों में कई गुना लोग शामिल हुए थे।

 10 दिसंबर को मानव अधिकार दिवस पर आयोजित इस बीएनपी रैली का उद्देश्य यह भी था कि उसे अमेरिका और यूरोपीय देशों का सहयोग भी मिलेगा लेकिन इन देशों के कई नेताओं और अखबारों ने खालिदा की पार्टी और जमात पर उनके शासनकाल में भ्रष्टाचार और आतंकवाद फैलाने के आरोप लगाए थे। इन दोनों पार्टियों को बांग्लादेश की जनता पाकिस्तानपरस्त समझती है। 1971 में पाकिस्तानी फौज के द्वारा की गई हत्याओं, अत्याचार को बांग्ला जनता अभी भी पूरे दर्द के साथ याद करती है। भारत के प्रति आम बांग्लादेशी जनता में अभी भी आभार का भाव है। भारत ने बहुत-से टापू ढाका को दे दिए थे, यह भी भारत की उदारता है। प्राकृतिक आपदाओं के दौरान भारत ने बांग्लादेशियों की सहायता की है। हसीना सरकार ने भी भारत के उत्तर-पूर्वी प्रांतों को समुद्र तक पहुंचने की थल-मार्ग सुविधा दे रखी है। जबकि खालिदा-सरकार के जमाने में असम और मणिपुर के आतंकवादियों को ढाका ने भरपूर मदद की थी। खालिदा और जमात के कारनामों से बांग्लादेश के हिंदू बहुत डरे हुए हैं लेकिन ऐसा नहीं लगता कि नेपाल और श्रीलंका की तरह बांग्लादेश में भी सरकार बदलने की परिस्थितियां तैयार हो गई हैं।

Web Title: Blog Political turmoil in Bangladesh, Bangladesh Nationalist Party demands Hasina's resignation

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