ब्लॉग: कितने शरीफ हैं पाक के नवाज शरीफ?
By आरके सिन्हा | Published: October 27, 2023 01:49 PM2023-10-27T13:49:41+5:302023-10-27T13:52:17+5:30
जब नवाज शरीफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे, तभी मुंबई पर हमला हुआ था। उनके प्रधानमंत्रित्व काल में हाफिज सईद और अजहर मसूद जैसे भारत विरोधी आतंकी लाहौर में खुले घूम रहे थे। पर शरीफ चुप रहे।
नई दिल्ली: पिछले करीब चार सालों से लंदन में अपना निर्वासित जीवन बिता रहे पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और मुस्लिम लीग-एन नेता नवाज शरीफपाकिस्तान लौट आए हैं। वे फिर से अपने देश का प्रधानमंत्री बनने के ख्वाब लेकर ही स्वेदश लौटे हैं। पाकिस्तान में संसद के लिए नाममात्र के चुनाव आगामी जनवरी में होने हैं। नाममात्र के इसलिए क्योंकि वहां पर चुनाव कोई भी पार्टी जीते या कोई भी प्रधानमंत्री बने, देश की शक्तियों पर असली कब्जा तो रावलपिंडी में सेना के मुख्यालय में बैठे मोटी तोंद वाले जनरलों के पास ही रहता है।
नवाज शरीफ ने पाकिस्तान के मौजूदा हालात पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि देश में हालात 2017 की तुलना में कहीं अधिक बिगड़ गए हैं। यह बात तो सही है कि पाकिस्तान में हालात बेहद खराब हो चुके हैं। महंगाई, कट्टरता और बेरोजगारी ने देश को तबाह कर दिया है। वहां पर लगातार बम धमाके हो रहे हैं। अगर नवाज शरीफ आगामी चुनाव के बाद प्रधानमंत्री बन भी गए तो देश की किस्मत बदलने वाली नहीं है। पाकिस्तान आज दाने-दाने को मोहताज है।
पाकिस्तान के बाकी नेताओं की तरह शरीफ भी घोर भारत विरोधी हैं। उनके नाम के साथ ‘शरीफ’ आना संयोग मात्र ही माना जाएगा। नवाज शरीफ ने तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का पद संभाला है। उन्हीं के कार्यकाल के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध (3 मई-26 जुलाई 1999) लड़ा गया था। इस जंग के दौरान एक बार ऐसा भी हुआ जब तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने फोन कर नवाज शरीफ की जमकर क्लास लगाई थी। उन्हें 2016 में उरी हमलों के बाद कायदे से अपने देश में चल रहे आतंकी शिविरों को ध्वस्त करना चाहिए था। पर बेशर्मी की हद देखिए कि वे भारत को ही कोसते रहे।
जब नवाज शरीफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे, तभी मुंबई पर हमला हुआ था। उनके प्रधानमंत्रित्व काल में हाफिज सईद और अजहर मसूद जैसे भारत विरोधी आतंकी लाहौर में खुले घूम रहे थे। पर शरीफ चुप रहे। नवाज शरीफ अपने देश की जनता का मूल मसलों से ध्यान हटाने के लिए ही भारत को किसी न किसी रूप में दोषी ठहराते रहते थे। वे पाकिस्तान में होने वाले बम धमाकों के लिए बिना किसी सबूत के भारत की खुफिया एजेंसी रॉ को दोष देते रहते थे।