ब्लॉगः बिलावल भुट्टो के पूर्वजों का भारत से है गहरा संबंध, नानी की माँ थीं हिंदू, इस परिवार से रखती थीं ताल्लुक

By विवेक शुक्ला | Published: May 4, 2023 02:41 PM2023-05-04T14:41:14+5:302023-05-04T14:44:24+5:30

बिलावल भुट्टो को यह जानकारी होगी कि उनके नाना की माँ हिंदू थी। उनका निकाह से पहले नाम लक्खीबाई था। बाद में हो गया खुर्शीद बेगम। वो मूलत: राजपूत परिवार से संबंध रखती थीं।

Bilawal Bhutto's ancestors have a deep connection with India grandmother's mother was a Hindu | ब्लॉगः बिलावल भुट्टो के पूर्वजों का भारत से है गहरा संबंध, नानी की माँ थीं हिंदू, इस परिवार से रखती थीं ताल्लुक

ब्लॉगः बिलावल भुट्टो के पूर्वजों का भारत से है गहरा संबंध, नानी की माँ थीं हिंदू, इस परिवार से रखती थीं ताल्लुक

Highlightsभुट्टो परिवार पाकिस्तान 1947 में नहीं गया था।मुसलमानों के लिए बने पाकिस्तान में भुट्टो खानदान 1950 में शिफ्ट हुआ था।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी आगामी 4-5 मई को गोवा में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) की विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने भारत आएंगे। बिलावल भुट्टो का विमान मुंबई के आकाश से होकर ही गोवा जाएगा। वैसे भी मुंबई और गोवा में कोई बहुत दूरी तो नहीं है। उनका विमान जब मुंबई के ऊपर से गुजर रहा होगा तो उन्हें अपने नाना जुल्फिकार अली भुट्टो के मुंबई से संबंधों को लेकर सुनी-पढ़ी बातें जेहन में आने लगेंगी।

उन्होंने मुंबई के कैथेड्रल स्कूल का नाम संभवत: अपनी मां बेनजीर भुट्टो से सुना होगा। जब पाकिस्तान 1947 में बना तब तक बिलावल के नाना जुल्फिकार अली भुट्टो कैथेड्रल स्कूल से पढ़कर निकल चुके थे। भुट्टो परिवार पाकिस्तान 1947 में नहीं गया था। मुसलमानों के लिए बने पाकिस्तान में भुट्टो खानदान 1950 में शिफ्ट हुआ था। भुट्टो कुनबे के राजनीतिक दुश्मन इस मुद्दे पर उनकी पाकिस्तान को लेकर निष्ठा पर सवाल उठाते रहते हैं। इससे बचने के लिए भुट्टो कुनबे को एक ही काट नजर आती है, वह है भारत का कसकर विरोध करना।

एक बड़ा सवाल ये भी है कि देश के विभाजन के वक्त भुट्टो और उनका परिवार पाकिस्तान क्यों नहीं चला गया था? जब गांधीजी की 1948 में हत्या हुई तब जुल्फिकार अली भुट्टो अमेरिका में पढ़ रहे थे। संयोग से वहां पर पीलू मोदी भी थे। वे मोदी को सांत्वना दे रहे थे। ये सब जानकारी पीलू मोदी अपनी किताब में देते हैं। क्या भुट्टो कुनबा शुरू में पाकिस्तान जाना नहीं चाहता था?  

बिलावल भुट्टो को यह जानकारी होगी कि उनके नाना की मां हिंदू थी। उनका निकाह से पहले नाम लक्खीबाई था। बाद में हो गया खुर्शीद बेगम। वो मूलत: राजपूत परिवार से संबंध रखती थीं। उन्होंने निकाह करने से पहले ही इस्लाम स्वीकार किया था। जुल्फिकार अली भुट्टो के पिता सर शाहनवाज भुट्टो देश के विभाजन से पहले मौजूदा गुजरात की जूनागढ़ रियासत के प्रधानमंत्री थे। शाहनवाज भुट्टो जूनागढ़ के प्रधानमंत्री के पद पर 30 मई, 1947 से लेकर 8 नवंबर, 1947 तक रहे। यानी पाकिस्तान के बनने के कई महीनों के बाद तक। जब बेनजीर भुट्टो की निर्मम हत्या हुई थी तब जूनागढ़ में भी शोक की लहर दौड़ गई थी।  

 बहरहाल, भारत बिलावल भुट्टो जरदारी से नाराज है क्योंकि कुछ माह पहले न्यूयाॅर्क में  बिलावल ने भारतीय प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी। भारत ने तब बिलावल की बेहूदा बयानबाजी का कड़ा विरोध जताया था। बिलावल की उसी बयानबाजी के चलते गोवा में बिलावल से भारतीय विदेश मंत्री एस। जयशंकर अलग से मिलने वाले नहीं हैं। इस तरह भारत बिलावल के सामने अपनी नाराजगी दर्शाना चाहता है।

Web Title: Bilawal Bhutto's ancestors have a deep connection with India grandmother's mother was a Hindu

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